डीबीटील योजना का लाभ लेने के लिए अब ग्राहकों की मशक्कत को देखते हुए एलपीजी कंपनियों ने थोड़ी राहत दी है। एक जनवरी से डीबीटीएल (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर फॉर एलपीजी) योजना शुरू हो रही है। इसके लिए पहले 31 दिसंबर तक का समय रखा गया था, लेकिन अब अगर 31 दिसंबर तक आधार से या बैंक से एलपीजी खाते का लिंक नहीं हो पाता है, तो ऐसे में ग्राहक 31 मार्च, 2015 तक इस प्रक्रिया को पूरा कर सकते हैं। एलपीजी कंपनियों ने ग्राहकों को ये सुविधा दी है। जनवरी से मार्च तक तीन माह के अंतराल को ग्रेस पीरियड कहा गया है। इस दौरान यदि खाता बैंक से जुड़ जाता है तो सब्सिडी खाते में आनी शुरू हो जाएगी और एडवांस आने वाली सब्सिडी की राशि से सिलेंडर खरीदा जा सकेगा। अभी तक मात्र 32 फीसदी ग्राहक ही आधार से लिंक हो पाए हैं। डाकघर-सहकारी बैंक में खाता है, तो नहीं मिलेगा डीबीटीएल का लाभ राष्ट्रीयकृत बैंकों में खुलवाना होगा खाता घरेलू गैस सिलेंडर पर मिलने वाली सब्सिडी सिर्फ उन्हीं उपभोक्ताओं के खाते में जमा होगी, जिनके खाते आईएफएससी (इंडियन फाइनेंशियल सिस्टम कोड) वाले बैंकों में होंगे। ऐसा नहीं होने पर उनके खाते में सब्सिडी की राशि जमा नहीं हो सकेगी। डाकघर या सहकारी बैंक में खाते होने पर उन्हें सब्सिडी का लाभ नहीं मिल पाएगा, क्योंोकि कोर बैंकिंग से नहीं जुड़े हैं। आईएफएससी कोड ये इंडियन फाइनेंशियल सिस्टम कोड है। इसके जरिए फंड ट्रांसफर होता है। ये आरटीजीएस और एनईएफटी के जरिए फंड ट्रांसफर करने वालों की पहचान करता है। ये होगा योजना का लाभ - दूसरे नाम से चल रहे फर्जी कनेक्शन होंगे बंद। - ब्लैक मार्केटिंग पर लगेगी रोक। - उपभोक्ताओं की मौत होने के बाद चल रहे नंबर परिजनों के नहीं होने पर होंगे बंद। ऐसे पूरी होगी प्रक्रिया गैस उपभोक्ताओं को आधार नंबर लेकर अपनी गैस एजेंसी और बैंक की शाखा में जाना होगा। जिनके आधार कार्ड हैं, वे फार्म नंबर एक बैंक में और फार्म नंबर दो एजेंसी पर जमा करवाएं। जिनके आधार कार्ड नहीं हैं, वे उपभोक्ता फार्म नंबर चार लेकर बैंक में जमा कराएं।