दरभंगा : ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति और भाजपा नेता डाॅ. एस.पी. सिंह की ओर से विजयादशमी के अवसर पर दरभंगा क्लब में ‘दशहरा मिलन’ कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में भाजपा नेता और सभी धर्मों, सम्प्रदायों एवं वर्गों से आए शहर के गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।
गौरतलब है कि डाॅ. एस.पी. सिंह की ओर से दुर्गा पूजा महोत्सव के उपलक्ष्य में पिछले नौ दिन से पूजा पंडालों में मां भगवती के दर्शन का अनवरत क्रम चलाया गया, जिसके तहत उन्होंने 100 से अधिक पूजा पंडालों में दर्शन किये। इस क्रम का समापन विजयादशमी के अवसर पर ‘दशहरा मिलन’ के रूप में हुआ। डाॅ. एस.पी. सिंह ने कहा कि पूजा पंडाल मिथिला की संस्कृति के सशक्त वाहक हैं और आने वाली पीढ़ी को आध्यात्मिकता से जोड़ने का उपयुक्त माध्यम भी। उन्होंने कहा कि इन पंडालों का दर्शन निश्चित तौर पर एक सुखद और अनोखा अनुभव रहा, जिसमें समाज के विभिन्न वर्गों, समुदायों के साथ मिलने.जुलनेे का भी अवसर मिला।
दरभंगा क्लब में आयोजित दशहरा मिलन के कार्यक्रम में सर्व समाज की भागीदारी हुई। समाज के विभिन्न वर्गों, बुद्धिजीवियों, समाजसेवियों, और कलाकारों का एक अद्भुत समागम हुआ, जिसमें विभिन्न कलाकारों ने मनभावन प्रस्तुति भी दी। नगर विधायक संजय सरावगी, भाजपा जिलाध्यक्ष हरि सैनी, निगम अध्यक्ष मो. अता करीम, मिथिला अकादमी के पूर्व अध्यक्ष कमलकांत झा, ल.न.मि.वि. के पूर्व कुलसचिव विजय प्रसाद सिंह, ए.डी.एन. सिंह, डाॅ. संजय झा, सरदार अरविंद सिंह, डाॅ. आर.आर. प्रसाद, जयराम दास, डाॅ. डीएन सिंह, मो. साइब हुसैन, मो. शाहिद, गंगा प्रसाद यादव, डाॅ. कन्हैया कुमार, डाॅ. यू.सी. झा आदि गणमान्य लोगों ने दशहरा मिलन समारोह में उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन भाजयुमो के जिलाध्यक्ष डाॅ. निर्भय भारद्वाज ने किया। जिन कलाकारों ने इस आयोजन को और अधिक मनमहोक बनाया उनमें अभिषेक झा, सोनम राज, कुमारी पूजा, छोटू जी, अशोक झा, नागेन्द्र जी और पप्पू नायक शामिल हैं।
विजयादशमी के अवसर पर रावण दहन कार्यक्रम के दौरान अमृतसर में हुए भयानक रेल हादसे में मारे गये लोगों के प्रति शोक संवेदना प्रकट करते हुए डॉ. एस0पी0 सिंह ने कहा कि इस वीभत्स हादसे पर संवदेना व्यक्त करने के लिए शब्द नहीं मिल रहे हैं। ईश्वर पीड़ित परिवारों को इस दुख से उबरने में सहायक हों, मेरी यही प्रार्थना है। वही बेगूसराय के सांसद भोला सिंह के निधन पर उन्होंने कहा कि यह खबर सुनकर बहुत दुख हुआ। उनके जाने से बिहार की राजनीति में एक शून्य उत्पन्न हो गया है। उनके राजनीतिक कार्यकाल को न केवल बेगूसराय बल्कि संपूर्ण बिहार की राजनीति में हमेशा याद रखा जाएगा।