पटना : धानुक- कुर्मी एकता मंच आगामी दो नवंबर 2018 को राजधानी पटना के श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में अपना शक्ति प्रदर्शन, सम्मान व स्वाभिमान सम्मेलन के जरिये करेगा। इस संबंध में पटना स्थित पटेल सेवा संघ में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में धानुक- कुर्मी एकता मंच के अध्यक्ष जितेंद्र नाथ ने कहा कि आज बिहार में धानुक और कुर्मी समाज ठगा हुआ महसूस कर रहा है। इस समाज से लगभग 14 फीसदी से ज्यादा आबादी के बावजूद संसद, विधान मंडल, मंत्रिमंडल और अन्य संवैधानिक पदों पर प्रतिनिधित्व लगातार घट रहा है। ऐसी स्थिति आजादी के समय भी नहीं थी। राज्य में कभी 40 – 50 के बीच जनप्रतिनिधियों की संख्या हुआ करती थी। मगर आज हम सिर्फ दर्जन में ही सिमट कर रह गए हैं। अब ऐसा लगने लगा है कि धानुक- कुर्मी समाज की सुध लेने वाला कोई नहीं है।
उन्होंने कहा कि 1994 में पटना के गांधी मैदान में हुए कुर्मी चेतना महारैली में उमड़े जन सैलाब का कुछ नेताओं के द्वारा राजनीतिक फायदा उठाकर सत्ता के शीर्ष पर पहुंचने के बाद भी लगातार इस समाज का शोषण जारी है। हर स्तर पर इस समाज के लोगों के बीच दूराव की स्थिति बनाने की कोशिश हुई है। बलौनी (शेखपुरा), सत्तरकटैया (सहरसा) और ई. अजय राय (रोहतास) की हत्या की घटना में पुलिस बर्बरता और शासन की चुप्पी ने तो सारी हदें पार कर दी है। अब तो हालत ये हो गई है कि हमें नैसर्गिक न्याय के लिए भी दर – दर भटकना पड़ रहा है। बड़हिया टाल क्षेत्र का तीन पंचायत को घाट – कुसुम्भा प्रखंड में शामिल करने की सरकारी अधिसूचना भी बंद सरकारी मुट्ठी में दम तोड़ रहा है।
संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए धानुक- कुर्मी एकता मंच के कोर कमेटी के वरिष्ठ सदस्य अनिल कुमार ने कहा कि राजनीतिक प्रतिबद्धता से अलग सामाजिक आधार पर वैचारिक और बौद्धिक लोगों का आगामी 02 नवंबर 2018 को पटना के श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में जुटान होगा, जहां धानुक- कुर्मी के राजनीतिक और सामाजिक भविष्य पर चर्चा कर एक निर्णय लिया जायेगा। सम्मेलन की तैयारी के सिलसिले में मंच के प्रधान महासचिव राजीव कुमार ने बताया कि विभिन्न जिलों में घूमने के बाद एक बात जो उभर कर सामने आई है, वो ये कि सिर्फ व्यक्ति की राजनीति के कारण आज धानुक- कुर्मी समाज राजनीतिक, आर्थिक, प्रशासनिक एवं अन्य मामलों में काफी पीछे चला गया है, जिसका आक्रोश विभिन्न जिलों में सम्मेलन की तैयारी के संबंध में बैठक में देखने को मिला।
मंच के उपाध्यक्ष रामसुमिरन राय और आधिवक्ता सह कोषाध्यक्ष रौशन कुमार ने बताया कि अतिपिछड़ा संवर्ग में अन्य समृद्ध जातियों को डालने के कारण धानुक समाज का राजनीतिक और सामाजिक हकमारी किया जा रहा है। आरक्षण की सीमा को नहीं बढ़ाकर संपूर्ण अतिपिछड़ा समाज को अपमानित करने का काम किया जा रहा है। संवाददाता सम्मेलन में प्रधान महासचिव राजीव कुमार, उपाध्यक्ष रामसुमिरन राय, आधिवक्ता सह कोषाध्यक्ष रौशन कुमार, सदस्य अनिल कुमार, विजय पटेल, सुनील कुमार मंडल, इंद्रजीत पटेल, रामाश्रय महतो आदि लोग उपस्थित थे।