नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल ने गुरुवार को एस्सार स्टील के प्रमोटरों से कहा कि पहले वो एस्सार ग्रुप का 80,000 करोड़ रुपए का कर्ज चुकाएं फिर एस्सार स्टील के लिए रेजोल्यूशन प्लान पेश करें। प्रमोटर्स के वकील ने इसके लिए एक हफ्ते का वक्त मांगा है।
एस्सार स्टील के एमडी प्रशांत रूइया और एस्सार ग्रुप के अधिकारियों ने सोमवार को एनसीएलएटी में याचिका दायर की थी। उनकी मांग है कि दिवालिया प्रक्रिया से गुजर रही एस्सार स्टील के लिए आर्सेलर मित्तल का प्रस्ताव खारिज किया जाए। नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल की अहमदाबाद बेंच ने प्रस्ताव मंजूर किया था।
एनसीएलएटी (NCLAT) आर्सेलर मित्तल से भी बोली बढ़ाने के लिए कहा है क्योंकि एस्सार स्टील के प्रमोटर रूइया परिवार की बोली उससे ज्यादा की है। एस्सार स्टील को खरीदने के लिए आर्सेलर मित्तल ने 42,000 करोड़ रुपए का प्रस्ताव दिया है। जबकि रूईया परिवार ने अपनी कंपनी का स्वामित्व बनाए रखने के लिए 54,389 करोड़ रुपए का प्रस्ताव दिया है।
एस्सार स्टील पर 49,000 करोड़ रुपए का कर्ज है। वहीं, इसके पेरेंट ग्रुप एस्सार पर 80,000 करोड़ का कर्ज है। एस्सार स्टील का कर्ज उन 12 एनपीए में शामिल है जिनके खिलाफ आरबीआई ने 2017 में बैंकों से दिवालिया प्रक्रिया शुरू करने के लिए कहा था। दिवालिया प्रक्रिया के यह तक का सबसे बड़ा मामला है।