इस्लामाबाद.आतंकी संगठनों की मदद को लेकर डोनाल्ड ट्रम्प की वॉर्निंग पर पाकिस्तान ने कश्मीर मसला उठा दिया है। पाक के फॉरेन आॅफिस ने कहा कि जम्मू-कश्मीर विवाद साउथ एशिया के अमन-चैन और स्थिरता में रोड़ा है। बता दें कि 21 अगस्त को ट्रम्प ने कहा था कि अगर पाक आतंकियों के लिए इसी तरह सुरक्षित ठिकाना बना रहा तो उसे अंजाम भुगतना होगा। अमेरिका इस मसले पर चुप नहीं बैठ सकता। पाक आतंकियों का सेफ हैवन नहीं... - न्यूज एजेंसी के मुताबिक पाकिस्तान ने आतंकियों को सुरक्षित पनाहगाह मुहैया कराने के आरोपों को खारिज किया है। पाक फॉरेन ऑफिस ने कहा कि भौगोलिक वैश्विक राजनीति के जटिल असर और आधिपत्य (hegemonic) जमाने वाली नीतियां साउथ एशिया में शांति और स्थिरता के खतरे के लिए जिम्मेदार हैं। सुरक्षित पनाहगाहों के बारे में झूठे बयानों पर भरोसा करने के बजाय अमेरिका को आतंकवाद के खात्मे के लिए पाकिस्तान के साथ काम करने की जरूरत है। - पाकिस्तान की ओर से मंगलवार देर रात दिया गया यह रियेक्शन अफगानिस्तान और साउथ एशिया पर ट्रम्प की नई नीति की घोषणा के बाद आया है। नेशनल सिक्युरिटी कमेटी की मीटिंग में उठेगा मुद्दा - पाक फॉरेन ऑफिस ने कहा, "अमेरिका की नई नीति पर कैबिनेट मीटिंग में मंगलवार देर रात चर्चा की गई। पीएम शाहिद खाकान अब्बासी इस मसले को कल नेशनल सिक्युरिटी कमेटी की मीटिंग में उठाएंगे। इस दौरान इस पर सबका रिस्पॉन्स लिया जाएगा।" - अपने शुरुआती रिस्पॉन्स में पाक फॉरेन ऑफिस ने अमेरिका के आरोपों पर निराशा जताई। पाकिस्तान ने कहा, "दुनिया में कोई भी देश आतंकवाद के अभिशाप से पाकिस्तान से ज्यादा ग्रस्त नहीं है, जिन्हें अकसर हमारी सीमाओं से बाहर अंजाम दिया जाता है। इसलिए यह खेदजनक है कि अमेरिकी नीति के बयान में आतंकवाद के खिलाफ प्रयास के तहत पाकिस्तानी राष्ट्र द्वारा किए गए बलिदानों की अनदेखी की गई।" पाक आतंकियों का साथ देता रहा तो हम चुप नहीं बैठेंगे: ट्रम्प - ट्रम्प ने सोमवार को अफगानिस्तान और साउथ एशिया पर अमेरिका की नई पॉलिसी जारी की थी। प्राइम टाइम पर अपने पहले टेलीविजन संबोधन में उन्होंने पाकिस्तान को सख्त चेतावनी दी और कहा कि पाकिस्तान में लोग आतंकवाद से पीड़ित हैं, लेकिन आज पाकिस्तान आतंकियों के लिए सुरक्षित पनाहगाह भी है। अगर वह आतंकियों को इसी तरह सुरक्षित पनाह देता रहेगा तो हम चुप नहीं बैठ सकते। - ट्रम्प ने कहा, "पाकिस्तान अक्सर अराजकता के एजेंटों, हिंसा और आतंकवाद को सुरक्षित पनाह देता रहा है। अमेरिका द्वारा आतंकी संगठन करार दिए गए 20 संगठन अफगानिस्तान और पाकिस्तान में एक्टिव हैं। पाकिस्तान अगर अफगानिस्तान में हमारी कोशिशों में हमारा साथ देता है, तो उसके पास पाने के लिए बहुत कुछ होगा, लेकिन अगर वह आतंकियों के लिए इसी तरह सुरक्षित ठिकाना बना रहा तो उसे अंजाम भुगतना होगा।" अफगानिस्तान में बड़ी भूमिका निभाए भारत - ट्रम्प ने कहा था, "हम चाहते हैं कि भारत, अफगानिस्तान के डेवलपमेंट में बड़ी भूमिका निभाए। भारत, अमेरिका के साथ ट्रेड में अरबों डॉलर कमाता है, हम भारत के साथ एक गहरी रणनीतिक साझेदारी डेवलप करेंगे, लेकिन हम चाहते हैं कि वो अफगानिस्तान में हमारी ज्यादा मदद करे।" - यूएस प्रेसिडेंट ने ये भी कहा, "इराक में जो गलती हो गई, अमेरिका उसे अफगानिस्तान में नहीं दोहराना चाहता। हम अफगानिस्तान में स्थिरता लाने में भारत के अहम योगदान की सराहना करते हैं।" ट्रम्प की भारत से उम्मीद को पाकिस्तान के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है क्योंकि पाक काबुल में नई दिल्ली की मौजूदगी का विरोध करता रहा है।