बांग्लादेश दौरे से पहले भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने आज सलाहकार समिति में बड़ा बदलाव किया है. भारतीय क्रिकेट टीम के तीन पूर्व दिग्गज खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली और वीवीएस लक्ष्मण को बीसीसीआई का नया सलाहकार नियुक्त किया है. उन्हें सलाहकार समिति का नया सदस्य बनाया गया है. समिति में उनकी भूमिका के बारे में बीसीसीआई ने कहा कि तीनों घरेलू ढांचे को मजबूत बनाने के अलावा राष्ट्रीय टीम को विदेश दौरों के लिये तैयारी में मार्गदर्शन देंगे. बीसीसीआई ने कहा, पहला फोकस राष्ट्रीय टीम को मार्गदर्शन देना होगा चूंकि हम विदेश में अपना प्रदर्शन बेहतर करना चाहते हैं. इसके अलावा प्रतिभाओं को तैयारी करने और घरेलू ढांचे को बेहतर करने में भी वे मदद करेंगे. तीनों दिग्गज खिलाडियों का क्रिकेट में काफी लंबा अनुभव रहा है. इनके अनुभव का लाभ भारतीय टीम को मिलना तय है. फिलहाल टीम इंडिया आईसीसी वर्ल्ड कप 2015 में हारकर अपना रैंकिंग खो चुकी है. टीम में 2011 विश्व विजेता वाली क्षवि नजर नहीं आ रही है. टीम को लगभग सभी फार्मेट में शिखर पर पहुंचाने वाले कप्तान महेंद्र सिंह धौनी ने टेस्ट टीम से अपने को अलग कर लिया है. उनकी जगह विराट कोहली को टेस्ट टीम का कप्तान बनाया गया है. इस तरह से वनडे और टेस्ट टीम में दो अलग-अलग कप्तान हैं. दोनों कप्तानों की अपनी-अपनी खासियत है. धौनी जहां कूल माइंड से मैदान पर खेल का प्रदर्शन करते हैं वहीं विराट कोहली मैदान पर आक्रामक नजर आते हैं. कोहली और विवाद के बीच चोली दामन का साथ रहा है. वैसे में दो विपरीत धारा वाले कप्तानों के साथ पूर्व दिग्गज खिलाडियों को सामंजस्य बनाते हुए टीम इंडिया को नयी बुलंदियों पर ले जाना बड़ी चुनौती होगी. हालांकि तीनों क्रिकेटर अपने समय के सबसे महान बल्लेबाज रहे हैं. तीनों खिलाडियों ने भारतीय क्रिकेट को सौकड़ों बार विजय रथ पर आरुढ़ किया है. इनके पास खिलाडियों को एक सूत्र में बांधे रखने का अनुभव है. अब युवा खिलाडियों से सजी टीम इंडिया को इन दिग्गजों के अनुभव का लाभ लेते हुए अपने और टीम का भाग्य सुधारना है. * सौरव गांगुली : सौरव गांगुली को टीम इंडिया का तारणहार माना जाता है. जब टीम इंडिया फिक्सिंग जैसे आरोपों से बुरी तरह से बिखर गयी थी तो बीसीसीआई के तात्कालिन अध्यक्ष जगमोहन डालमिया और सौरव गांगुली की जोड़ी ने टीम इंडिया को संभाला और फिर से खोयी प्रतिष्ठा दिलायी. यही नहीं सौरव गांगुली की अगुवाई में टीम इंडिया 2003 विश्व कप में फाइनल तक पहुंची. गांगुली भारत के सबसे सफल कप्तानों में शिर्ष पर हैं. उनकी अगुवाई में भारतीय क्रिकेट ने ऊंचाईयों को छुआ. गांगुली न केवल एक अच्छे कप्तान थे बल्कि उन्हें दुनिया के सबसे खतरनाक बांये हाथ के बल्लेबाज के रूप में अब भी जाना जाता है. गांगुली को ऑफ का भगवान माना जाता था. गांगुली ने टीम इंडिया के लिए 113 टेस्ट और 311 वनडे खेले हैं. टीम इंडिया को सौरव गांगुली जैसे महान खिलाड़ी के अनुभव का लाभ मिलना अपने आप में बड़ी बात है. * सचिन तेंदुलकर : सचिन तेंदुलकर को क्रिकेट का भगवान माना जाता है. सचिन को सदी के सबसे महान क्रिकेटरों में शामिल किया गया है. भारत रत्न सचिन तेंदुलकर ने क्रिकेट में भारत को अलग पहचान दिलायी है. आज भी सचिन के नाम कई रिकार्ड हैं. रिकार्डों की सेंचुरी बनाने वाले सचिन को सचिन रिकार्ड तेंदुलकर के नाम से भी संबोधित किया जाता है. सचिन ने 200 टेस्ट मैच और 463 वनडे मैच खेले हैं. दोनों फॉर्मेट में सचिन के नाम सबसे अधिक रन का विश्व रिकार्ड है. टीम इंडिया को सचिन का साथ मिलना बड़ी बात है. उनके अनुभव से भारतीय टीम फिर से ऊंचाईयों पर नजर आयेगी. * वीवीएस लक्ष्मण : वीवीएस लक्ष्मण टीम इंडिया में सबसे अनुभवी खिलाड़ी साबित हुए हैं. द्रविड़ और लक्ष्मण की जोड़ी को दुनिया का सबसे खतरनाक जोड़ी मानी जाती थी. टेस्ट क्रिकेट में जब दोनों मैदान पर होते थे तो उन्हें आउट करना बड़ी चुनौती होती थी. क्रिकेट जगत में एक बात खुब प्रचलित हुई कि ऑस्ट्रेलियाई टीम के पूर्व कप्तान रिकी पोंटिंग ने दोनों खिलाडियों के खेल को देखते हुए कहा था कि दोनों को आउट करने का ट्रिक जो भी बता देगा उसे ऑस्ट्रेलियाई टीम का कोच बना दिया जाएगा. तो भारतीय टेस्ट टीम में चट्टान माने जाने वाले लक्ष्मण को टीम इंडिया का सलाहकार बनाया जाना कभी सराहनिय कदम है. लक्ष्मण ने 134 टेस्ट मैच और 86 वनडे खेले हैं.