पेरिस में PM मोदी का संबोधन, भारत में अस्थाई के लिए अब कोई जगह नहीं

रिपोर्ट: Ramesh Pandey

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को फ्रांस की राजधानी पेरिस में भारतीय समुदाय के लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत से आपका रिश्ता मिट्टी और फ्रांस से मेहनत का है| उन्होंने कहा कि भारत और फ्रांस की दोस्ती अटूट और बहुत पुरानी है| सुख हो या दुःख हर परिस्थिति में दोनों देश हमेशा साथ रहे हैं| पीएम ने कहा कि फ्रेंच फुटबॉल टीम के बहुत से प्रशंसक भारत में हैं| आज नए भारत में भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद, परिवारवाद, जनता के पैसे की लूट, आतंकवाद पर लगाम कसी जा रही है जो पहले कभी नहीं हुआ|

अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि 125 करोड़ की आबादी वाले हिंदुस्तान में अब टेंपरेरी (अस्थायी) के लिए व्यवस्था नहीं है| गांधी-बुद्ध और राम-कृष्ण की धरती से टेंपरेरी को निकालते-निकालते सत्तर साल गुजर गये| पीएम मोदी ने कहा कि रिफॉर्म-ट्रांसफोर्म और परमानेंट व्यवस्थाओं के साथ देश आगे बढ़ पड़ा है| पीएम ने कहा, 'जब मैं 4 साल पहले फ्रांस आया था, तो हजारों की संख्या में भारतीयों से संवाद का अवसर मिला था| मुझे याद है, तब मैंने आपसे एक वादा किया था| मैंने कहा था कि भारत आशाओं और आकांक्षाओं के नए सफर पर निकलने वाला है| आज जब आपके बीच आया हूं तो कह सकता हूं कि हम न सिर्फ उस सफर पर निकल पड़े, बल्कि 130 करोड़ भारतवासियों के सामूहिक प्रयासों से भारत तेज़ गति से विकास के रास्ते पर आगे बढ़ रहा है| यही कारण है कि इस बार फिर देशवासियों ने अधिक प्रचंड जनादेश देकर हमारी सरकार को समर्थन दिया है|' 

पीएम ने कहा, 'हमने राष्ट्रपति मेंक्रों के साथ मिलकर इंटरनेशनल सोलर एलाइंस की पहल की| आजकल हम 21वीं सदी के इंफ्रा की बात करते हैं| इन प्लस फ्रा यानी इंडिया और फ्रांस का एलाइंस|' सोलर इंफ्रा से लेकर सोशल इंफ्रा तक, टेक्निकल इंफ्रा से लेकर स्पेस इंफ्रा तक, डिजिटल इंफ्रा से लेकर डिफेंस इंफ्रा तक, भारत और फ्रांस का एलाइंस मजबूती से आगे बढ़ रहा है| उन्होंने कहा कि लोकतंत्र के मूल्यों को इन खतरों से बचाने की हमारी सामूहिक जिम्मेदारी को हमने भली भांति स्वीकारा है| भारत फ्रांस संबंधों की दूसरी विशेषता है कि हम चुनौतियों का सामना ठोस कार्रवाई से करते हैं| दुनिया में जलवायु परिवर्तन की बातें तो बहुत होती हैं लेकिन उनपर कार्रवाई होती हुई कम ही दिखाई देती है|' 

गौरतलब है कि 5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाये जाने के बाद देश से बाहर प्रधानमंत्री मोदी का यह पहला संबोधन था, जिसपर पूरी दुनिया की नजर थी| 5 अगस्त को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा-राज्यसभा में अनुच्छेद 370 को हटाने, जम्मू-कश्मीर को केंद्रशासित प्रदेश बनाने का प्रस्ताव पेश किया था| अमेरिका, फ्रांस, रूस, चीन समेत कई देश इस मसले पर हिंदुस्तान के साथ खड़े हैं| तो वहीं पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान इस मसले पर बौखलाया हुआ है, पाकिस्तान का कहना है कि भारत ने अनुच्छेद 370 पर फैसला लेने के साथ संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के नियमों का उल्लंघन किया है|

 


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