PM मोदी ने 'फिट इंडिया मूवमेंट' की शुरुआत कर जनआंदोलन बनाने का किया आह्वान

रिपोर्ट: Ramesh Pandey

हॉकी के दिग्गज मेजर ध्यानचंद की 114वीं जयंती पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'फिट इंडिया मूवमेंट' की शुरुआत की| स्वस्थ समाज के निर्माण की दिशा में विभिन्न देशों द्वारा की गयी पहल का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने फिट इंडिया को जनआंदोलन बनाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि यह पहल समय की जरूरत है, जो देश को स्वस्थ भविष्य की ओर ले जाएगा. मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर भी प्रधानमंत्री के इस अभियान से जुड़ गए.

पीएम मोदी ने कहा कि आज के दिन मेजर ध्यानचंद को हर देशवासी नमन कर रहा है। इस फिट इण्डिया अभियान के जरिए देश ने हेल्दी इंडिया की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बढ़ा दिया है। उन्होंने अपनी फिटनेस, सहनशक्ति और हॉकी स्टिक से दुनिया को चकित कर दिया। इस दौरान उन्होंने कहैा कि नए भारत के हर नागरिक को स्वस्थ बनाने की जरूरत है। पीएम ने कहा कि स्वस्थ रहने और फिट रहने का फंडा हमारे पूर्वजों के समय से चला आ रहा है। उन्होंने इस दौरान संस्कृत का श्लोक सुनाया और फिटनेस के लाभ बताए। उन्होंने कहा कि फिटनेस हमारे जीवन का अभिन्न अंग रहा है, समय के साथ इसे लेकर सोसाइटी में उदासीनता आती रही है।

पीएम मोदी ने कहा कि बेडमिंटन हो, टेनिस हो, एथलेटिक्स हो, बॉक्सिंग हो, हमारे खिलाड़ी कुश्ती समेत अन्य खेल में हमारी उम्मीदों और आकांक्षाओं को नए पंख लगा रहे हैं। कुछ दशक पहले तक एक सामान्य व्यक्ति दिन में लगभग 8-10 किलोमीटर पैदल चलता था। इसके बाद धीरे-धीरे टेक्नोलॉजी बदली, आधुनिक साधन आए और पैदल चलना कम हो गया। प्रधानमन्त्री ने कहा कि भारत में आज कई तरह की बीमारी बढ़ रही हैं। 30 साल के युवक को भी हार्ट अटैक की खबर आती है। ये हमारे लाइफस्टाइल की वजह से हो रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार अपना काम करेगी, लेकिन सभी को इसके बारे में सोचना चाहिए।

इस अवसर पर इंदिरा गांधी स्टेडियम में पीएम मोदी के साथ खेल मंत्री किरन रिजिजू उनके साथ मौजूद रहे। इनके अलावा भारतीय जनता पार्टी के सांसद गौतम गंभीर, मनोज तिवारी, अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी समेत कई बड़े सेलेब्रिटी मौजूद रहे।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के आंकड़े बताते हैं कि 2016 में बीमारियों से 95 लाख 69 हजार लोगों की जान चली गई थी। इनमें 63% मौतें गैर-संक्रामक रोगों से हुई थीं। उस वर्ष गैर-संक्रामक रोगों से मरने वाले पुरुषों की संख्या 33 लाख 13 हजार जबकि महिलाओं की संख्या 26 लाख 82 हजार रही थी। इनमें 27% लोग कार्डियवॉस्क्युलर डिजीज, 9% लोग कैंसर, 11% लोग सांस से संबंधित गंभीर समस्याओं, 3% लोग डायबिटीज जबकि 13% लोग दूसरी गैर-संक्रामक बीमारियों की वजह से काल के गाल में समा गए थे। वहीं, 26% लोगों की मौत संक्रामक बीमारियों, माता-पिता के खानदान से विरासत में मिली बीमारियों और उचित पोषण नहीं मिल पाने के कारण हुई थी।  स्वास्थ्यप्रद भोजन, तंबाकू उत्पादों से दूरी और शारीरिक सक्रियता से दिल की बीमारियों, स्ट्रोक और टाइप 2 डायबिटीज से होने वाली 80% असामयिक मृत्यु से बचा जा सकता है। ये उपाय कैंसर से होने वाली 40% मौतों से भी बचा सकते हैं।

 


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