अरबपतियों को राज्यसभा का टिकट देकर लालू प्रसाद ने जमीनी कार्यकर्ताओं को किया अपमानित : एडीपी

रिपोर्ट: इन्द्रमोहन पाण्डेय

पटना : राज्य सभा के लिए आरजेडी द्वारा प्रेम गुप्ता और अमरेन्द्र धारी सिंह जैसे अरबपतियों को नामांकन कराए जाने पर असली देशी पार्टी (एडीपी) ने लालू प्रसाद पर जमीनी कार्यकर्ताओं को अपमानित करने का आरोप लगाया है| एडीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन यादव ने कहा है कि सत्ता हासिल करने के लिए सियासी जमीन तलाश रहे लालू परिवार के हर हथकंडे को अब राजद के कार्यकर्त्ता ही करेंगे नाकाम| पार्टी के समर्पित एवं वरिष्ठ नेताओं को दरकिनार कर दो अरबपतियों को राज्यसभा भेजे जाने का दुष्परिणाम राजद को भुगतने के लिए तैयार रहना होगा| बिहार की जनता पैनी नजर से यह देख रही है कि कैसे धनपशुओं के आगे नतमस्तक राष्ट्रीय जनता दल गरीबों की झोली से लोकतंत्र को छीनकर अमीरों की हवेली में पहुंचा रहा है| उन्होंने कहा कि पद, पैसा और परिवार के मोह में जिस लालू प्रसाद ने 15 वर्षों तक बिहार को जंगलराज की आग में झोकने का काम किया था, आज जेल में रहकर भी वही खेल खेलने में लगे हुए हैं| 2019 के लोकसभा चुनाव की तरह विधानसभा चुनाव में भी जनता ऐसे लोगों को सबक सिखाने के लिए तैयार बैठी है|

दरअसल, बिहार में राज्य सभा के लिए जिन पांच सीटों पर नामांकन किया गया, उसमें दो सीट लालू यादव की राष्ट्रीय जनता दल के लिए तय थी| 12 मार्च को आरजेडी की तरफ से प्रेम गुप्ता और अमरेन्द्र धारी सिंह का नाम जैसे ही सार्वजनिक हुआ, राजद कार्यकर्ताओं सहित पार्टी विधायकों और वरिष्ठ नेता सभी हैरत में पड़ गये| नामांकन के वक्त अमरेन्द्र धारी सिंह द्वारा दायर शपथ पत्र के मुताबिक़ उनके पास 397 करोड़ की चल/अचल संपत्ति है| इसके अलावा बैंकों में 107 करोड़ रुपया डिपोजिट तथा प्ल़ॉट और घर क़रीब पचास करोड़ का है| वहीं आरजेडी की तरफ से पांचवीं बार राज्यसभा जा रहे प्रेम गुप्ता के पास मेहरौली में एक फॉर्म हाउस है जिसकी क़ीमत अब क़रीब 118 करोड़ रुपये हो गयी है| इसके अतिरिक्त प्रेमगुप्ता और उनकी पत्नी सरला गुप्ता के बैंक खातों में क़रीब 95 करोड़ रुपया जमा है| गौरतलब है कि पहले राज्यसभा में नामांकन के लिए राजद की तरफ से प्रेमचंद गुप्ता के साथ फैसल अली का नाम सामने आ रहा था| लेकिन, अंतिम समय में फैसल अली का पत्ता कट गया और राजद ने उनकी जगह अमरेंद्रधारी सिंह को राज्यसभा भेजने का फैसला लिया।

श्री यादव ने कहा कि एम-वाई (मुस्लिम-यादव) समीकरण के आधार पर डेढ़ दशक तक राज करनेवाला लालू परिवार आज हाशिये पर है| डेढ़ दशक तक अपराध और भ्रष्टाचार को झेलनेवाले इस बिहार में राजद का जमीन और जनाधार पूरी तरह से बिखर चुका है| उन्होंने कहा कि लालू के लाल (तेजस्वी यादव) माय समीकरण की बजाय 'ए टू ज़ेड' की राजनीति करने की बात कह लोगों को गुमराह करने की कोशिश में लगे हैं| राज्यसभा के नामांकन ने एक बार फिर यह साफ़ कर दिया है कि लालू परिवार संविधान और लोकतंत्र बचाने का नाटक सिर्फ सड़कों पर करते हैं| राष्ट्रीय जनता दल कार्यकर्ताओं की नहीं एक परिवार की पार्टी है| जमीनी हकीकत यह है कि संविधान और लोकतंत्र से भी उपर राजद के लिए पद, पैसा और परिवार है| ललन यादव ने कहा कि शुरू से ही लालू प्रसाद यादव खुद को सामाजिक न्याय के प्रतीक पुरुष के रूप में साबित करने का ढोंग रचाते रहें| देखा जाता है। लेकिन, सच्चाई यह भी है कि उनके शासनकाल में दलितों और कमजोर वर्ग के लोगों को आवाज देने के नाम पर भूरा बाल साफ करो’ जैसे जुमले गढ़ने का न सिर्फ काम किया गया बल्कि तथाकथित उच्च जातियों पर जुल्म भी ढाए गये| बिहार की जनता के जेहन में लालू-राबड़ी के जंगलराज का भयावह दृश्य आज भी तरोताजा है|

 


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