केआईआईटी डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटी, भुवनेश्वर को 28 अप्रैल 2022 को प्रकाशित प्रतिष्ठित टाइम्स हायर एजुकेशन इम्पैक्ट रैंकिंग 2022 में ‘असमानताओं को कम करने' के सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) में दुनिया के विश्वविद्यालयों में 8वां स्थान दिया गया है।

क्या है टाइम्स हायर एजुकेशन?

वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग के अलावा, टाइम्स हायर एजुकेशन हर साल विभिन्न मानकों पर संस्थानों के लिए कई अन्य रैंकिंग प्रकाशित करता है। इनमें से एक सबसे महत्वपूर्ण, असरदार श्रेणी में रखना है, जो संयुक्त राष्ट्र (यूएन) सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) में उनके योगदान पर दुनिया भर के हजारों विश्वविद्यालयों का मूल्यांकन करती है। टाइम्स हायर एजुकेशन इम्पैक्ट रैंकिंग चार व्यापक क्षेत्रों अनुसंधान, प्रबंधन,

पटना : पितृ दिवस के शुभ अवसर पर संस्था लेख्य-मंजूषा ने पिता पर आधारित लघुकथा पर “अंतरराष्ट्रीय लघुकथा समीक्षा 2020" का आयोजन किया था। इस आयोजन में प्रतिभागियों द्वारा लिखित समीक्षा शामिल हुई जो जल्द ही लेख्य-मंजूषा संस्था की तरफ से प्रकाशित होने वाली है। इन तमाम लिखित समीक्षाओं के समीक्षक अल्मोड़ा उत्तराखंड से वरिष्ठ साहित्यकार सोनम खेमकरण थे। सोनम खेमकरण ने अपने व्यक्तव्य में कहा कि समीक्षा के लिया अच्छी लघुकथा का चुनाव कर लेना आधी जंग जीत लेना जैसा होता है। इन 62 समीक्षाओं में द्वितीय स्थान पर संस्था की पूनम कतरियार रही। पुनम कतरियार ने रामेश्वरम हिमांशु कम्बोज की लघुकथा “ऊँचाई" पर समीक्षा लिखी थी। 

मुख्यमंत्री सचिवालय स्थित संवाद सभाकक्ष में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की 12वीं बैठक सम्पन्न हुयी। बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के उपाध्यक्ष व्यास जी ने प्राधिकरण से संबंधित एक विस्तृत प्रस्तुतीकरण दिया, जिसमें प्राधिकरण की 10वीं एवं 11वीं बैठक में लिए गए निर्णयों के अनुपालन प्रतिवेदन पर चर्चा हुई और अद्यतन स्थिति की समीक्षा की गयी। प्राधिकरण की वर्ष 2019-20 एवं 2020-21 के प्रस्तावित बजट पर भी चर्चा हुई। इस दौरान बिहार आपदा जोखिम न्यूनीकरण रोड मैप (2015-30) के अनुसरण में विभिन्न विभागों/एजेंसियों द्वारा किए गए कार्यों की समीक्षा की गयी। वही बैठक में बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के

चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा कर दी है। यह चुनाव भारत और दुनिया के इतिहास में सबसे महंगा चुनाव साबित होने वाला है। इसमें सरकारी खर्च भी शामिल है।

अमेरिकी थिंक टैंक “कार्नेगी एंडोमेंट फॉर इंटरनेशनल पीस’ में सीनियर फेलो तथा दक्षिण एशिया कार्यक्रम के डायरेक्टर मिलन वैष्णव के मुताबिक ‘2016 में अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव तथा कांग्रेस चुनावों में 650 करोड़ डॉलर यानी करीब 46,000 करोड़ रुपए खर्च हुए थे। 2014 के लोकसभा चुनाव में 500 करोड़ डाॅलर यानी करीब 35 हजार करोड़ रुपए खर्च हुए थे। 2019 के चुनाव में यह आंकड़ा करीब दोगुना होने की उम्मीद है। माना जा रहा है

 आगामी लोकसभा चुनाव 2019 की तारीखों का ऐलान हुआ और इसी के साथ लागू हो गई आदर्श आचार संहिता भी। यानि बज चुका है चुनावी बिगुल। जी हां...चुनावी शेड्यूल के साथ -साथ देश में अब आचार संहिता भी लागू हो गई है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आचार संहिता क्या होती है? आचार संहिता क्यों लागू होती है? आचार संहिता के नियम क्या हैं? और ये कब से कब तक लागू रहेगी? नहीं तो चलिए इन सभी सवालों के जवाब हम आपको दे रहे है। जिससे आप आचार संहिता से जुड़ी तमाम जानकारी हासिल कर पाएंगे।

कब से लागू हुई आचार संहिता?
आचार संहिता

इंसानों के विकास क्रम के विषय में वैज्ञानिकों के मत भिन्न-भिन्न हैं। कुछ के साक्ष्य प्राप्त हैं, जबकि कई के बारे में अध्ययन जारी है। इसी कड़ी में वैज्ञानिकों ने निएंडरथल मानवों के बारे में अहम जानकारी का पता लगाया है। वैज्ञानिकों का कहना है कि निएंडरथल मानवों को अक्सर खराब आसन के रूप में दिखाया जाता है, जबकि हकीकत यह है कि वे आधुनिक मानवों की तरह सीधे चलते थे। वैज्ञानिकों के मुताबिक, ये गुफा मानव हमारे अब तक के अनुमानों की तुलना में आधुनिक मानवों से अधिक समानता रखते थे।

स्विट्जरलैंड स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ ज्यूरिख के शोधकर्ताओं द्वारा अध्ययन के आधार पर यह निष्कर्ष निकाला गया

केन्द्रीय बजट से भारत के ग्रामीण हिस्सों की भविष्य में सूरत बदल जाने का दावा करते हुए प्रदेश भाजपा प्रवक्ता सह पूर्व विधायक राजीव रंजन ने कहा “ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश तेजी से डिजिटल इंडिया में बदल रहा है. प्रधानमंत्री मोदी की अगुवाई में केंद्र सरकार ने पिछले साढ़े चार साल में देश को डिजिटल इंडिया बनाने के लिए कई ऐसे नए कदम उठाए गए हैं, जो पहले सोचे भी नही जाते थे. सरकार के इन क़दमों से सबसे ज्यादा लाभान्वित सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले युवाओं और महिलाओं को मिल रहा है. ग्रामीण भारत की दशा और दिशा बदलने वाली इस ऐतिहासिक अभियान की

 इस वर्ष कई स्मार्टफोन निर्माता कंपनियां अपने 5G हैंडसेट लॉन्च करने की तैयारी कर रही हैं। जहां कंपनियां अभी 5G हैंडसेट लॉन्च करने तक ही सीमित हैं, वहीं, एक कंपनी ऐसी भी है जो 6G पर काम कर कर रही है। दक्षिण कोरिया की स्मार्टफोन निर्माता कंपनी LG ने घोषणा की है कि वो कोरिया के यूसियोंग जिले के डाईजिओन के रिसर्च सेंटर में 6G नेटवर्क तकनीक पर काम कर रही है।हालांकि, इसका यह मतलब बिल्कुल भी नहीं है कि LG कंपनी 6G सपोर्ट वाले स्मार्टफोन पर काम कर रही है। लेकिन 6G पर काम करना कंपनी को मार्केट में एक कदम आगे ले जाएगा। LG ने 6G

शुक्र जिसे हम वीनस यानि सुंदरता की देवी के नाम से भी जानते है। ज्योतिष में इसे स्त्री ग्रह भी माना जाता है। यह वृषभ व तुला राशियों के स्वामी हैं और इन्हें दैत्यगुरु भी माना जाता है। यह 22 जनवरी मंगलवार को तड़के देवताओं के गुरु और सौरमंडल के सबसे विशाल ग्रह बृहस्पति के साथ अनोखे संयोग में नजर आएंगे। दूसरे शब्दों में कहें तो देव और दैत्य गुरु का यह दुर्लभ संयोग होगा।

यह साल 2019 की एक अन्य खगोलीय घटनाओं में से एक होगी। 22 जनवरी की भोर में आसमान में एक दूसरे के बेहद करीब होंगे। खगोलशास्त्रियों के मुताबिक यह दोनों

व्हात्सप्प यूजर्स के बेहतर अनुभव के लिए एक और खास फीचर लेकर आने वाला है। आपकी चैट कोई और ना देख पाए इसके लिए व्हात्सप्प जल्द ही फिंगरप्रिंट ऑथेंटिकेशन फीचर लेकर आने वाला है। इससे यूजर्स अपने व्हात्सप्प चैट को सुरक्षित रख पाएंगे। WeBetaInfo के मुताबिक, यह फीचर फिलहाल Android Beta 2.19.3 वर्जन में टेस्ट किया जा रहा है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, iOS के लिए फेस आईडी और टच आईडी पर काम करने के बाद (फीचर्स कुछ कारणों से अभी उपलब्ध नहीं है) व्हात्सप्प अब ऑथेंटिकेशन फीचर पर काम कर रहा है।फिंगरप्रिंट ऑथेंटिकेशन फीचर ऐप में ही एक नए सेक्शन में उपलब्ध होगा। फिंगरप्रिंट फीचर इनेबल करने

पॉलीथिन एक वैश्विक समस्या बन चुकी है। पूरी दुनिया में इस समस्या से निपटने के तमाम प्रयास चल रहे हैं। भारत में भी पॉलीथिन या प्लास्टिक कचरा, विकराल समस्या बन चुका है। भारत में नालियों व सीवर के जाम होने की मुख्य वजह पॉलीथिन है। भोजन के साथ जानवरों के पेट में पॉलीथिन पहुंचने से वह बीमारी पड़ रहे हैं या मौत हो जा रही है। पॉलीथिन का उचित निस्तारण न होने से जमीन की उर्वरा शक्ति भी लगातार घट रही है। अब भारत ने पॉलीथिन की इस समस्या से निपटने के लिए ऐसा रास्ता निकाला है, जो आम लोगों के लिए भी काफी राहत भरा होगा। साथ


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