बिहार चुनाव से पहले ही महागठबंधन में दिखने लगा बिखराव : एडीपी

रिपोर्ट: शिलनिधि

पटना : बिहार विधानसभा चुनाव से पहले ही महागठबंधन में बिखराव शुरू हो गया है| असली देशी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन यादव ने कहा है कि सत्ता की मलाई खाने की लोलुपता में लगे अवसरवादी नेताओं का गठजोड़ है महागठबंधन| उन्होंने कहा कि महागठबंधन में शामिल नेताओं ने जाति और धर्म के नाम पर आज तक बिहार की जनता को ठगने का काम किया है| महाठग नेताओं का जमावड़ा है यह तथाकथित महागठबंधन जो स्वार्थ और परिवार मोह में लोगों को गुमराह करने में जुटे हैं| श्री यादव ने कहा कि जिस प्रकार से महागठबंधन में शामिल पार्टियों के नेता एक-दूसरे पर आँख तरेरकर प्रेशर पॉलिटिक्स करने में जुटे हैं| इन मौकापरस्त नेताओं के मंसूबो को बिहार का हर मतदाता बखूबी समझ रहा है और चुनावी रणक्षेत्र में इन्हें पटखनी देने के लिए तैयार बैठा है| महागठबंधन में अंदरूनी लड़ाई चरम पर है और अब यह अपनी अंतिम सांसे गिन रहा है| सत्ता के लालच और अपना अस्तित्व बचाने की मजबूरी ने भले ही इन नेताओं को एक साथ आने के लिए मजबूर किया हो लेकिन एक-दूसरे को नीचा दिखाकर पीठ पर वार करना इनकी आदत बन गयी है|

ललन यादव ने कहा कि महागठबंधन में बढ़े टकराव के साथ-साथ बिखराव भी शुरू हो चूका है| महागठबंधन का नेता बनने और अधिक से अधिक सीटों पर चुनाव में अपना उम्मीदवार उतारने की नूराकुश्ती को लेकर घटक दलों में खींचतान जारी है| इसलिए, चुनाव करीब आते ही महागठबंधन रूपी कुनबे का अस्तित्व पूरी तरह से मटियामेट हो जाएगा| इसकी बानगी मंगलवार की देर शाम पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के मुलाक़ात के रूप में देखने को मिली| हालांकि मुलाक़ात से एक दिन पहले ही मांझी ने लालू प्रसाद को धमकाते हुए कह चुके हैं कि यदि राजद अपना अड़ियल रवैया नहीं बदलती है तो वह पुनः फैसला लेंगे| उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव पर्दे के पीछे से महागठबंधन के घटक दलों और विशेषकर कुशवाहा के वोट बैंक में सेंध लगाकर उनकी राजनीतिक जमीन खिसकाने में लगे हुए है| तेजस्वी के इस रणनीति से उपेन्द्र कुशवाहा भी पूरी तरह से अवगत हो चुके हैं| यही कारण है कि अब वह तेजस्वी को महागठबंधन से किनारे करने की जुगत में जुटे हुए हैं|

 


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