पटना : दरभंगा, मधुबनी, सीतामढ़ी, मोतिहारी सहित उत्तरी बिहार में जारी बाढ़ के कहर का हवाई सर्वेक्षण कर हालात का जायजा लेने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विधानसभा में बाढ़ के विभिषिका की पूरी जानकारी दी| गौरतलब है कि 14 जुलाई को अधिकारियो के साथ मुख्यमंत्री ने ढ़ाई घंटे तक दरभंगा, मधुबनी, सीतामढ़ी और मोतिहारी जबकि 15 जुलाई को करीब चार घंटे तक बाढ़ प्रभावित इलाकों का हेलीकाप्टर के जरिये जायजा लिया|
मुख्यमंत्री ने कहा कि हवाई सर्वेक्षण के क्रम में अधिकारियों के साथ बैठक कर बाढ़ से राहत एवं बचाव के लिए हर जरूरी निर्देश दिए गये है ताकि बाढ़ प्रभावित लोगों को तत्काल मदद मुहैया करायी जा सके| इसके पूर्व 6, 12 एवं 14 जुलाई को बाढ़ पूर्व तैयारियों की विस्तृत समीक्षा की गयी थी| उन्होंने कहा कि नेपाल एवं कमला बलान के जल अधिग्रहण क्षेत्र में ज्यादा बारिश होने की वजह से स्थिति खराब हुई है| झंझारपुर में 54.54 मीटर तक पानी पहुंच गया| बागमती के जल ग्रहण क्षेत्र में भी बहुत बारिश हुई, जिसके कारण से 73 मीटर तक पानी पहुंच गया, जो पहले के जलस्तर से 40 सेंटीमीटर ज्यादा था|
मुख्यमंत्री ने बताया कि लालबकेया में पानी की वजह से सीतामढ़ी और पूर्वी चंपारण में जबकि परमान, बकरा और कनकई की वजह से अररिया में भी बाढ़ आयी है| महानंदा नदी खतरे के निशान से एक मीटर ऊपर बह रही है| बाढ़ से बचाव के काम में तेजी लाते हुए अब तक करीब एक लाख लोगों को सुरक्षित निकाला गया है| उन्होंने कहा कि 12 जिलों के 78 प्रखंड के 550 पंचायतों में बाढ़ के कहर से अब तक 25 लोगों की मौत हुई है| बाढ़ से 25 लाख से ज्यादा की आबादी प्रभावित हुई है| बाढ़ प्रभावित इलाकों में अब तक 537 सड़के खराब हुई है जिनकी संख्या अभी बढ़ सकती है| स्थिति सामान्य होने के बाद सड़कों को दुरुस्त किया जाएगा| बाढ़ राहत के तहत सभी जिलों को राशि उपलब्ध करायी गयी और बाढ़ प्रभावितों का खजाने पर सबसे पहला हक है. उन्होंने कहा कि अब सीधे प्रभावितों के खाते में 6 हजार की उपलब्ध करायी जायेगी|