भाजपा नेताओं की संवेदनशीलता पर राजद के साथ जेडीयू ने भी उठाया सवाल

रिपोर्ट: Ramesh Pandey

पटनाः बाढ़ का दंश झेल रहे उतरी बिहार के कई इलाकों के बीच फिल्म का लुत्फ़ उठाये जाने के पर भाजपा कोटे के मंत्रियों एवं विधायकों की संवेदनशीलता पर विपक्ष के साथ ही जेडीयू ने सवाल उठाया है| गौरतलब है कि इन दिनों बिहार में करीब 25 लाख लोग बाढ़ की विभिषिका से जूझ रहे हैं| बाढ़ के कारण जल प्रलय होने से लाखों लोग बीमारी और भूखमरी का दंश झेलने को विवश हैं| ऐसे में भाजपा कोटे के मंत्रियों एवं विधायकों द्वारा फिल्म का लुत्फ़ उठाये जाने पर सवाल खड़ा होना लाजमी है|

फिल्म देखने के बाबत जब भाजपा विधायक अरुण सिन्हा और विधान पार्षद अवधेश सिंह से सवाल पूछा गया तो उनके हास्यास्पद जवाब सामने आये| जवाब था कि बाढ़ आई है तो क्या हम भोजन-पानी भी छोड़ दें| भाजपा इसके बाद सियासी गलियारे में बहस का दौर चल पड़ा और भाजपा नेताओं की संवेदनशीलता पर विपक्षी पार्टियों के साथ ही जेडीयू ने भी सवाल खड़ा कर दिया|

दरअसल, भाजपा नेता व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी की अगुवाई में पार्टी के कई मंत्री और विधायक बुधवार को पटना के मल्टीप्लेक्स में सुपर-30 के संचालक गणितज्ञ आनंद के जीवन पर आधारित फिल्म सुपर-30 देखने गये थें| मोटिवेशनल थीम पर आधारित इस फिल्म को बिहार सरकार ने टैक्स फ्री किया है| बाढ़ रूपी आपदा की घड़ी में फिल्म देखे जाने के संदर्भ में पूछे गये सवाल पर भाजपा नेताओं के अजीबो-गरीब ब्यान के बाद पार्टी की खूब किरकिरी हुई|

जेडीयू विधायक रवि ज्योति ने भाजपा नेताओं को जहाँ संवेदनशीलता बरतने की नसीहत दी तो वही जेडीयू कोटे के मंत्री अशोक चौधरी ने फिल्म को लेकर बीजेपी के नेताओं के बयान पर आपत्ति जतायी| आरजेडी विधायक सरबजीत ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से फिल्म देखनेवाले भाजपा के संवेदनहीन मंत्रियों को मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने की मांग करते हुए कहा है कि इस प्रदेश में लोग बाढ से मर रहे हैं और भाजपा नेता फिल्म देख रहे हैं| यह काफी दुर्भाग्यपूर्ण है और इससे बड़ी संवेदनहीनता कुछ हो ही नहीं सकती|

 


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