मोदी ने कहा कि प्रतिदिन एक नया दिन आया और समय के मुताबिक़ परिस्थितियां भी बदलती चली गयी| बदली हुई परिस्थितियों को आत्मसात करते हुए सदन ने खुद को ढालने का प्रयास किया जो हमारी विकास यात्रा का प्रतिबिम्ब है। वैश्विक परिदृश्य में भारत किस तरह से नेतृत्व की क्षमता रखता है, यह इस सदन से पता चलता है।’ उन्होंने कहा कि स्थायित्व और विविधता राज्यसभा की दो विशेष खासियत है जो सदैव बनी रहती है| भारत की अनेकता में एकता का जो सूत्र है| यह सदन उसे परिलक्षित करता है|
प्रधानमन्त्री ने कहा कि 250 सत्रों की यात्रा और अनुभव के बाद हमारी आने वाली पीढ़ियों के लिए दायित्व और बढ़ जाता है। मुझे उम्मीद है कि सदन की मौजूदा पीढ़ी इस दिशा में निरंतर प्रयास करती रहेगी। मोदी ने कहा- ‘तीन तलाक का कानून सभी को लगता था कि राज्यसभा में अटक जाएगा। लेकिन, इसी सदन ने महिला सशक्तिकरण का बहुत बड़ा काम किया। हमारे देश में आरक्षण के चलते हर पर संघर्ष के बीज बोए गए हैं। इसी सदन में सामान्य वर्ग के गरीब परिवार का 10% आरक्षण निश्चित किया। जीएसटी के लिए हर किसी ने मेहनत की। कमियां हैं, या नहीं हैं। लेकिन, वन नेशन और वन टैक्स के लिए देश को दिशा देने का काम इसी सदन ने किया है।’ इसी सदन में धारा 370 को हटाने के लिए कदम उठाया गया।