पत्रकार राजदेव हत्याकांड : CBI ने दायर की चार्जशीट, शहाबुद्दीन के खिलाफ खबर लिखने पर हुई थी हत्या

रिपोर्ट: ramesh pandey

मुजफ्फरपुर, संवाददाता : बिहार के सीवान में चर्चित पत्रकार राजदेव रंजन हत्याकांड के अनुसंधानक सह सीबीआइ के डीएसपी सुनिल सिंह रावत एवं सीबीआइ अन्वेशन ब्यूरो दिल्ली से पहुंचे विशेष लोक अभियोजक दीप नरायण ने मंगलवार को विशेष सीबीआइ न्यायालय मे पहुंचकर न्यायाधीश अनुपम कुमारी के समक्ष राजद नेता व पूर्व सांसद मोहम्मद शाहबुद्दीन, अजहरूद्दीन बेग उर्फ लड्डन मियां, रिशु कुमार जायसवाल, रोहित कुमार सोनी, विजय कुमार, राजेश कुमार एवं सोनु कुमार गुप्ता के विरूद्ध चार्जशीट दाखिल किया. वहीं मोहम्मद कैफ उर्फ बंटी एवं मोहम्मद जावेद के विरूद्ध अनुसंधान जारी रखा है. सीबीआइ के विशेष लोक अभियोजक दीप नरायण ने बताया कि पूर्व सांसद शहाबुद्दीन व अन्य आरोपियों के विरूद्ध भादवि की धारा-302, 120(बी) एवं 27 आर्मस एक्ट में चार्जशीट दाखिल किया गया है. इन लोगों के विरूद्ध पर्याप्त साक्ष्य हैं. उन्होंने बताया कि पूर्व सांसद के विरूद्ध समाचार लिखे जाने की रंजिश को लेकर ही पत्रकार राजदेव रंजन की हत्या हुई थी और हत्या की पूरी साजिश सीवान जेल में ही रची गयी थी. प्रमुख हिंदी दैनिक के पत्रकार राजदेव रंजन हत्याकांड में राजद नेता व सीवान के पूर्व सांसद मो. शहाबुद्दीन को नार्को, ब्रेन मैपिंग के लिये सीबीआइ की ओर से दाखिल आवेदन को सुनवाई के बाद सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश ने खारिज कर दिया था. दिल्ली के तिहाड़ जेल से विडियो कांफ्रेंसिग से पेशी के दौरान पूर्व सांसद ने नार्को व पॉलीग्राफी टेस्ट पर अपना पक्ष रखा था. वहीं, उनकी ओर से अधिवक्ता दिलीप कुमार ने लिखित आवेदन दाखिल करते हुए कहा कि नार्को व ब्रेन मैपिंग टेस्ट स्वास्थ के लिये भी हानिकारक है. यह मानव के अधिकार का भी उल्लंघन है. इसलिये सीबीआइ की ओर से दाखिल आवेदन खारिज करने योग्य है. जिसके बाद सीबीआइ की ओर से आये विशेष लोक अभियोजक ने न्यायालय के समक्ष अपना पक्ष रखा था. जहां न्यायालय ने दोनों ओर की बहस सुनने के बाद सीबीआइ द्वारा 5 जून 2017 को दाखिल किये गये आवेदन को खारिज कर दिया. पूर्व सांसद के वकील दिलीप कुमार ने बताया कि शहाबुद्दीन ने कोर्ट के समक्ष सीबीआइ के जांच रवैया पर सवाल उठाया था. उसने बताया कि अक्टूबर 2016 में ही मो. कैफ व एक अन्य आरोपित ने नार्को टेस्ट के लिए मंजूरी दे दी थी. कोर्ट की ओर से इसको लेकर रिमांड भी कर दिया गया. लेकिन, आजतक सीबीआइ ने उन दोनों का नार्को टेस्ट नहीं कराया है. पूर्व सांसद ने कहा कि जब मैने सीबीआइ के 50-60 प्रश्नों का सकारात्मक उत्तर दे चुका हूं, तो फिर लाइ डिटेक्टर, पॉलीग्राफी टेस्ट का औचित्य ही क्या है. ज्ञात हों कि 5 जून को सीबीआइ ने कोर्ट से नार्को, पॉलग्राफीव ब्रेन मैपिंग सहित चार टेस्ट के लिए पूर्व सांसद का चार दिनों का रिमांड मांगा था. ये है मामला : सीवान के स्टेशन रोड में बीते वर्ष 13 मई की रात पत्रकार राजदेव रंजन की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. उनकी पत्नी आशा रंजन के बयान पर अज्ञात अपराधियों पर एफआइआर दर्ज की गयी थी. पुलिस जांच के बाद लड्डन मियां को मुख्य आरोपित बनाते हुए अन्य को आरोपित किया गया था. गिरफ्तारी के बाद सीबीआइ की विशेष न्यायालय में पेशी के लिए मुजफ्फरपुर सेंट्रल जेल लाया गया. यहां पहले से हत्याकांड के अन्य आरोपित बंद हैं. हत्याकांड के आरोपित मो. कैफ व जावेद मियां जमानत पर हैं. विशेष सीबीआइ अदालत ने लड्डन मियां समेत सभी अन्य आरोपितों की जमानत अर्जी खारिज कर दी है.


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