नई पीढ़ी के विकास और समझ से ही समाज बदलेगा : नीतीश कुमार

रिपोर्ट: किरण पाण्डेय

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मौलाना अबुल कलाम आजाद के जन्मदिन पर आयोजित शिक्षा दिवस-2018 का दीप प्रज्ज्वलन कर विधिवत उद्घाटन किया। श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में आयोजित शिक्षा दिवस समारोह में मुख्यमंत्री को पौधा भेंट कर स्वागत किया गया। मौलाना अबुल कलाम आजाद के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर मुख्यमंत्री उन्हें श्रद्धांजलि दी| बाल विवाह एवं दहेज-प्रथा उन्मूलन को लेकर आयोजित हुई मानव श्रृंखला-2018 पर आधारित जन शिक्षा निदेशालय द्वारा तैयार की गई पुस्तिका का मुख्यमंत्री ने विमोचन किया। इस शिक्षा दिवस समारोह में मुख्यमंत्री ने प्रख्यात शिक्षाविद एवं अवकाश प्राप्त वैज्ञानिक (डी0आर0डी0ओ0) मानस बिहारी वर्मा को मौलाना अबुल कलाम आजाद सम्मान से सम्मानित किया। वैज्ञानिक के रूप में श्री मानस बिहारी वर्मा की उपलब्धियों, उनके व्यक्तित्व एवं अवकाश प्राप्त के बाद शिक्षा के विकास एवं सामाजिक उत्थान की दिशा में किए जा रहे कार्यों को साझा किया गया|

समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं इस शिक्षा दिवस समारोह में मौलाना अबुल कलाम आजाद साहब के प्रति श्रद्धा सुमन अर्पित करता हूँ| उन्होंने कहा कि आजादी की लड़ाई और समाज में सद्भाव का वातावरण कायम करने में मौलाना अबुल कलाम आजाद की जो भूमिका रही है उसे कभी भुलाया नहीं जा सकता| आजादी के बाद वे देश के पहले शिक्षा मंत्री थे और शिक्षा के विकास में उनकी भूमिका काफी अहम रही है| उन्होंने कहा कि भारत के पार्टीशन से वे सहमत नहीं थें| नेहरु, पटेल के बाद हमारी जुबान पर आजाद साहब का ही नाम आता है| उन्होंने कहा कि वर्ष 2007 से ही हमलोग मौलाना अबुल कलाम आजाद साहब के जन्मदिन पर 11 नवम्बर को बिहार में शिक्षा दिवस मनाना प्रारंभ किया| इसके एक वर्ष बाद ही केंद्र सरकार ने भी इसे अपनाया जबकि इसके पूर्व कई बार भारत सरकार को इस दिशा में पहल करने का सुझाव दिया जा चुका था|

शिक्षा विभाग को निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आजाद साहब का जो जीवन है और उनके द्वारा जो काम किए गये हैं उन सभी चीजों को समाहित करते हुए अगले एक साल के अंदर पुस्तक तैयार करें ताकि नई पीढ़ी उनसे प्रेरणा ले सके| उन्होंने कहा कि अगले साल से आजाद साहब पर आधारित पुस्तक का वितरण लोगों एवं विद्यार्थियों के बीच किया जाए ताकि लोग उनके कामों से अवगत हो सकें| युवा पीढ़ी के लोग यह जान पायेंगे कि आई0आई0टी0 किसने और कब बनवाया| उन्होंने कहा कि चंपारण सत्याग्रह के 100 साल पूरा होने पर हमलोगों ने चंपारण सत्याग्रह शताब्दी समारोह के जरिये कई कार्यक्रम आयोजित किए जिसके माध्यम से बापू के विचारों से लोगों को अवगत कराया गया| पटना में 10 अप्रैल को सम्मेलन कराया गया, देश भर से आयें स्वतंत्रता सेनानियों को सम्मानित किया गया| उन्होंने कहा कि गाँधी जी के जो सपने थे विकेंद्रित तरीके से विकास कार्यों के प्रति उसे बहुत से लोगों ने नहीं अपनाया लेकिन हमने गाँधी, जेपी और लोहिया के विचारों से ही प्रेरित होकर बिहार में काम किया| उन्होंने कहा कि बापू शराबबंदी के पक्षधर थें और हमने 9 जुलाई 2015 को इसी श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में एक सम्मेलन में महिलाओं की मांग पर बिहार में शराबबंदी लागू की जिसके पक्ष में मानव श्रंखला में 4 करोड़ लोगों ने अपनी भागीदारी देकर अपनी भावना का प्रकटीकरण कर चुके हैं जो बिहार की आबादी की एक तिहाई है|

मुख्यमंत्री ने कहा कि मेरी अपनी धारणा है कि अगर 10 से 15 प्रतिशत युवा पीढ़ी बापू के विचारों को आत्मसात कर लें तो देश और समाज का स्वरूप बदल जाएगा| हमने बापू के विचारों को जन-जन तक पहुँचाने के लिए हर दरवाजे तक बापू के विचारों का संक्षिप्त स्वरूप पहुँचाया| बापू के विचारों को दो किताबों में सग्रह कर स्कूलों में कथावाचन प्रारंभ किया गया| उन्होंने कहा कि बिना तथ्य और तर्क के बहुत लोग समाज में टकराव का माहौल पैदा करने की कोशिश में लगे हैं| अगर समाज में टकराव और कटुता का माहौल रहा तो विकास कार्यों का पूरा फायदा लोगों को नहीं मिल पायेगा| मैं कहूंगा कि लड़ानेवालों के चक्कर में मत पड़िए| प्रेम और सद्भावना का माहौल कायम रखिये तभी समाज आगे बढ़ेगा| इसकी प्रेरणा आप सभी बापू के विचारों और आजाद साहब के कामों से लें|

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज इस कार्यक्रम में पद्मश्री मानस बिहारी वर्मा को सम्मानित किया गया यह गर्व की बात है| उन्होंने कहा कि हर बिहारी भी अपना मानस इतना उंचा करें कि उन्हें भी सम्मानित होने का अवसर मिलें और बिहार का नाम रौशन हो सके| उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक के रूप में डी0आर0डी0ओ0 में काम कर चुके श्री मानस बिहारी वर्मा से हम सभी को प्रेरणा लेनी चाहिए जिन्होंने इतने ऊँचे पद पर काम करने के बाद अवकाश प्राप्त होने पर अपने गाँव का रुख किया और अपने इलाके के लोगों को शिक्षा एवं विज्ञान के क्षेत्र में आगे बढ़ाने के लिए काम कर रहे हैं| जबकि आज अधिकाँश लोग जो इतने ऊँचे पदों से अवकाश प्राप्त करते हैं तो वे लौटकर दिल्ली चले जाते हैं और वही के होकर रह जाते हैं| इनके मन में गांधी जी के भाव हैं जो ग्रामीण इलाके के लोगों को पढाने एवं प्रेरित करने में जुटे हैं| 

मुख्यमंत्री ने कहा कि कहा कि बिहार में शिक्षा के क्षेत्र में अनेक काम किए गये जब हमने काम सम्भाला तो 12.5 प्रतिशत बच्चें स्कूलों से बाहर थे उन्हें स्कुल पहुँचाने के लिए अनेक प्रयास किए गये जिसका नतीजा है कि अब 1 प्रतिशत से भी कम बच्चें स्कुल से बाहर हैं| लड़कियों के लिए कन्या उत्थान योजना, पोशाक योजना, साइकिल योजना जैसी अन्य कई योजनायें महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए चलाई गयी| बाल विवाह और दहेज़ प्रथा के खिलाफ अभियान शुरू किया गया| उन्होंने कहा कि बेटी नहीं रहेगी तो सृष्टि कैसे आगे बढ़ेगा| उन्होंने कहा कि बाल विवाह और दहेज़ प्रथा के खिलाफ कानून बना हुआ है फिर ये होता है| बाल विवाह के कारण अगर महिलायें कम उम्र में गर्भ धारण करती है तो वो मौत की शिकार हो जाती हैं और उनसे जो बच्चें पैदा होते हैं वो बौनेपन, मंदबुद्धि या अन्य कई बीमारियों की चपेट में जाते हैं| उन्होंने कहा कि घर में बेटी पैदा होती है तो लोगों को ख़ुशी होनी चाहिए जिस प्रकार से बेटे के पैदा होने पर लोगों के मन में खुशहाली का भाव देखा जाता है| इसके लिए राज्य सरकार ने कई स्कीम शुरू की है ताकि बेटियों को पढ़ने और आगे की हर सुविधा और सहूलियत प्रदान हो सकें|

कन्या उत्थान योजना का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस योजना के माध्यम से बेटी पैदा होने पर उसके माता-पिता को जन्म के समय ही 2 हजार रुपया जबकि एक साल बाद आधार से लिंक होने पर 1 हजार रूपये की मदद की जा रही है| यही नहीं उसका सम्पूर्ण टीकाकरण होने पर पुनः 2 हजार रुपया माता-पिता को मुहैया कराया जाता है| इसके बाद वह पढ़ने जाएगी तो साइकिल पोशाक और अन्य कई योजनाओं का लाभ मिलेगा| अब पोशाक की राशि में भी बढ़ोत्तरी की गयी है| उन्होंने कहा कि इंटर पास होने पर अविवाहित लड़कियों को राज्य सरकार 10 हजार जबकि ग्रेजुएशन करने पर 25 हजार रुपया मदद स्वरूप उपलब्ध करा रही है| उन्होंने कहा कि हाशिये पर खड़े लोगों को मुख्यधारा में लाने के लिए हम प्रतिबद्ध है और हमारी सभी योजनायें युनिवर्सल होती है जो सब पर लागू होती है| हमारा उद्देश्य है कि पढ़ने में सबकी दिलचस्पी हो| उन्होंने कहा कि बेटा हो या बेटी सबको पढ़ाइये इसके लिए राज्य सरकार पूरी मदद कर रही है आपको चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं है|

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रजनन दर की समस्या शिक्षा के विकास से ही दूर हो सकता है
| उन्होंने कहा कि करीब 6 साल पहले एक अध्ययन में पाया गया कि जब महिला मैट्रिक पास है तो देश का प्रजनन दर 2 था और बिहार का भी 2 जबकि अगर महिला इंटर पास है तो नेशनल एवरेज 1.7 था और बिहार का 1.6| ऐसे में अगर लड़कियां पढ़ी रहेगी तो प्रजनन दर अपने आप नीचे हो जाएगा| हमने हर ग्राम पंचायत में हाई स्कुल खोलने का निर्णय लिया और अब उसे प्लस टू बनाने की दिशा में काम किया जा रहा है| उन्होंने कहा कि समूह में जब साइकिल चलाती हुई लड़कियाँ पढ़ने जाती है इससे लोगों की मानसिकता में बदलाव आया है इसे और हमें पुष्ट करना है तथा आगे ले जाना है|

मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यावरण से छेड़छाड़ के कारण आज हम सूखे और अन्य कई समस्याओं से जूझने को विवश है| महात्मा गाँधी कहा करते थें कि यह धरती इन्सान के हर जरूरतों को पूरा कर सकती है लालच को नहीं| उन्होंने कहा कि पर्यावरण के प्रति जागृति को शिक्षा से जोड़ना अति आवश्यक है ताकि भावी पीढ़ी पर्यवारण के प्रति सचेत हो सके| उन्होंने कहा कि पर्यावरण के प्रति बापू के विचार और उनके द्वारा बताये गये सात सामाजिक पापों को हम हर स्कुल और कार्यालयों के समक्ष प्रदर्शित करने जा रहे हैं ताकि लोग उसे आत्मसात कर सकें| बापू ने सिद्धांत के बिना राजनीति, काम के बिना धन, विवेक के बिना सुख, चरित्र के बिना ज्ञान, नैतिकता के बिना व्यापार, मानवता के बिना विज्ञान और त्याग के बिना पूजा को सात सामाजिक पाप माना है| हम इन सभी बातों का प्रचार करेंगे| इससे कुछ तो लोगों पर असर होगा अगर 10 प्रतिशत लोगों की भी अंतरात्मा जाग गयी तो 90 प्रतिशत लोगों को काम के बिना धन लोग अर्जित नहीं करने देंगे| उन्होंने कहा कि नई पीढ़ी के विकास और समझ से ही समाज बदलेगा| मुख्यमंत्री ने शिक्षा विभाग को इस कार्यक्रम के लिए धन्यवाद दिया|

 


 


Create Account



Log In Your Account