योजना आयोग अब बना नीति आयोग

रिपोर्ट: साभारः

मोदी सरकार ने योजना आयोग का नाम बदल दिया है। अब इसे नेश्नल इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रांसफॉर्मिंग इंडिया यानि कि NITI आयोग के नाम से जाना जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद इस आयोग के अध्यक्ष होंगे। इससे पहले उन्होंने कहा था कि अब योजना आयोग का प्रासंगिकता समाप्त हो गई है और देश को एक नई क्रांति के लिए नए आयोग की जरूरत है। योजना आयोग बन गया है कंट्रोल कमीशन यह सुझाव इंडीपेडेंट इवैल्यूएशन ऑफीस (आईईओ) ने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को दी गई रिपोर्ट में दिया है। आईईओ का गठन साल 2010 में केंद्र सरकार द्वारा सरकार की योजनाओं और संस्थानों के स्वतंत्र रुप से मूल्यांकन के लिए किया गया था। आईईओ ने योजना आयोग के जरिए प्रधानमंत्री को यह आंकलन रिपोर्ट इस महीने की शुरूआत में सौंपी है। रिपोर्ट के अनुसार योजना आयोग अपने अधिकार क्षेत्र से ज्यादा इस्तेमाल कर एक कंट्रोल कमीशन के रूप में व्यवहार करने लगा है। खास तौर पर राज्यों को बजट आवंटन के समय यह भूमिका कहीं ज्यादा नजर आती है। बदलती अर्थव्यवस्था और राज्यों की भूमिका को देखते हुए आईईओ योजना आयोग को बदलने की सिफारिश करता है। इसके तहत आयोग से राज्यों को संसाधन आवंटन करने और केंद्रीय मंत्रालयों को बजट आवंटन की भूमिका ले लेनी चाहिए। यह भूमिका सीधे तौर पर राज्यों और मंत्रालयों के साथ मिलकर वित्त मंत्रालय को निभानी चाहिए। इसके अलावा आयोग में नई सोच वाले लोगों को जगह देनी चाहिए। जिसमें क्षेत्र से जुड़े विशेषज्ञों की अहम भूमिका तय करने की जरूरत है। रिपोर्ट जारी करते हुए आईईओ के डायरेक्टर जनरल अजय छिब्बर ने कहा कि भारत के विकास के लिए योजना आयोग का मौजूदा स्वरूप बाधा पैदा कर रहा है। ऐसे में इसे बदलना चाहिए। इसके पहले मोदी सरकार द्वारा सत्ता संभालने के करीब 28 दिन बीत जाने के बाद भी, अभी तक योजना आयोग का उपाध्यक्ष नियुक्त न किया जाना और बजट बनाने में उसका सहयोग न लेने से यह साफ हो गया है कि सरकार भी आयोग में बड़े बदलाव की तैयारी मेंं है। नाम बदलने से कांग्रेस काफी खफा है। कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने बेहद तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि,"योजना आयोग नीतियां ही तो बनाता था, कंचे तो खेलता नहीं था।" आम आदमी पार्टी के नेता योगेंद्र यादव ने कहा कि,"नीति योजना से सुंदर शब्द है लेकिन देखना ये होगा कि क्या नाम बदलने से सूरत भी बदलेगी?" जेडीयू के नेता केसी त्यागी ने कहा कि,"फिलहाल नहीं लग रहा है कि नाम बदलने से कोई फर्क पड़ेगा। नाम बदलने से काम नहीं बदलेगा।" कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने कहा कि,"अगर आपको ये लगता है कि नाम बदलने पर आपकी तारीफ होगी तो आप गलत सोचते हैं। सरकार यही काम पिछले सात महीने से कर रही है।"


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