स्वागत है 2015 : साल अच्छा रहने के ये हैं संकेत

रिपोर्ट: साभारः

साल 2015 ने दस्तक दे दी है। 2014 इतिहास बन चुका है, लेकिन गुजरे साल ने कई ऐसे संकेत दिए हैं, जिनके आधार पर नया साल अच्छाी रहने की उम्मीाद जताई जा सकती है। सस्ते घर का सपना साकार हो सकता है प्रॉपर्टी एक्स पर्ट और जेएलएल इंडिया के चेयरमैन और कंट्री हेड अनुज पुरी के मुताबिक रियल एस्टेुट सेक्टरर के लिए साल 2014 अच्छार रहा है। 2014-15 के बजट में इस सेक्टसर की भलाई के लिए जो घोषणाएं हुई थीं, उनमें से कई इस साल से लागू होंगी। भूमि अधिग्रहण बिल अध्या देश के जरिए लागू किया गया है। रियल एस्टेाट सेक्टकर पर इसका अच्छां असर पड़ने वाला है। महंगाई दर और घर बनाने के सामान की दर में हुई कमी से भी सस्तेई घर की उम्मीछद बंधती है। रिजर्व बैंक की समीक्षा के बाद अगले साल होम लोन पर ब्या ज दर में भी कमी के आसार हैं। उम्मीदें इसलिए भी ...क्योंकि देश में 1.8 करोड़ आवास बनाने की तुरंत जरूरत है। अगले 10 साल में भारत का रियल एस्टेट सेक्टर 676 अरब डॉलर का होने जा रहा है। रोजगार के नए मौके रिक्रूटमेंट कंसल्टेंट टीमलीज सर्विसेज का अनुमान है कि कंपनियां 2015 में 10-15 प्रतिशत अधिक नियुक्तियां करेंगी। अकेले ई-कॉमर्स इंडस्ट्रीज में ही 50,000 से अधिक नई नौकरियां होंगी। इससे दूसरे और तीसरे दर्जे के शहरों को फायदा होगा, क्योंकि कंपनियां कम सैलरी में अच्छा टैलेंट लाने की कोशिश करेंगी। टीमलीज के को-फाउंडर और मैनेजिंग डायरेक्टर अशोक रेड्डी का कहना है कि वैश्विक आर्थिक मंदी की वजह से 2009 और 2010 में कंपनियों में नए कर्मचारियों की नियुक्तियां बहुत सीमित कर दी थी। 2011 और 2012 में इसने तेजी पकड़ी, लेकिन 2013 में यह रफ्तार फिर धीमी पड़ गई। इस सर्वे के मुताबिक, 2015 में कंपनियां बहुत बड़ी संख्या में लोगों को नौकरियां देंगी। ग्लोबल कंसल्टेंट मर्सर की ऑटोमोटिव, मैन्युफेक्चरिंग और इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट की क्लस्टर लीडर और सीनियर एसोसिएट नमिता भारद्वाज का कहना है कि 2015 के सेकेंड हाफ में नई नियुक्तियां होंगी। मैनपावर ग्रुप के एंप्लॉयमेंट आउटलुक सर्वे के मुताबिक, जनवरी-मार्च 2015 के दौरान भारतीय कंपनियां तेजी से नियुक्तियां करेगी। सर्वे के मुताबिक, दक्षिण भारत और गुजरात के लोगों को सबसे अधिक फायदा होगा। इन क्षेत्रों में रोजगार की दर 46 और 45 प्रतिशत की दर से बढ़ने की उम्मीद है। उम्मीदें इसलिए भी ...क्योंकि ग्लोबल मैनेजमेंट कंसल्टेंट हेग्रुप का कहना है कि भारतीय कंपनियां 2015 में औसतन 10.5 प्रतिशत की दर से कर्मचारियों की सैलरी बढ़ाएंगी, जबकि चीन में केवल आठ फीसदी का ही इंक्रीमेंट होगा। भारत एशियाई देशों में सैलरी बढ़ाने के मामले में वियतनाम के बाद दूसरे स्थान पर रहेगा। एक अन्य ग्लोबल कंसल्टेंट मर्सर ने भविष्यवाणी की है कि भारत में इस साल कर्मचारियों के वेतन में 11 प्रतिशत की बढ़ोतरी होगी। पिछले साल यह 10.6 प्रतिशत थी। मर्सर ने अपने सर्वे में देश के दो तिहाई कंपनियों को शामिल किया था। और ताकतवर होगी सेना, अंतरिक्ष की दुनिया में भी परचम बुलंद होने के संकेत 2015 में मीडियम मल्टी रोल लड़ाकू विमानों का सौदा हो सकता है। फ्रांस से राफेल विमानों का सौदा हो सकता है। विक्रमादित्य कोटि के दूसरे विमानवाहक पोत का काम तेजी पकड़ेगा। अरिहंत श्रेणी की परमाणु शक्ति चालित पनडुब्बी को भी इसी साल सक्रिय हो सकती है। डीआरडीओ जनवरी में ही अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल ‘अग्नि-5’ के संशोधित संस्करण का परीक्षण कर सकता है। जापान के साथ यूएस-2 एम्फीबियस विमान बनाने का समझौता इस साल अंतिम रूप लेगा। स्वदेशी हल्का युद्धक विमान तेजस वायुसेना को मिल जाएगा। बीएसएनएल द्वारा सशस्त्र सेनाओं के लिए खासतौर पर एक नया संचार नेटवर्क जुलाई 2015 तक तैयार किए जाने की संभावना है। जानकारों की मानें तो इस कम्युनिकेशन सिस्टम के लांच होने से भारत अमेरिका और इजराइल जैसे ताकतवर देशों की सूची में आ जाएगा। इतना ही नहीं रणनीतिक रूप से हम चीन को भी कड़ी टक्कर दे सकेंगे।इसरो पांच विदेशी उपग्रहों का प्रक्षेपण करेगा। इनमें तीन ब्रिटेन के और दो उपग्रह इंडोनेशिया के हैं। अब नजरें चंद्रयान-2 कार्यक्रम पर भी हैं। उम्मीदें इसलिए भी ...क्योंकि अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा भारत की दूसरी यात्रा पर जनवरी में ही आने वाले हैं। इस दौरान अमेरिका के साथ ड्रोन, हेलिकॉप्टर्स और लड़ाकू विमानों के पुर्जों का संयुक्त निर्माण करने पर करार हाे सकता है। काबू में रहेगी महंगाई दर थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रस्फीति अक्टूबर में 1.77% पर थी। खास बात यह है कि यही दर नवंबर 2013 में 7.52% थी। ताजा आंकड़ों के मुताबिक खाद्य मुद्रास्फीति करीब तीन साल के न्यूनतम स्तर 0.63% पर आ गई। खाद्य मुद्रास्फीति में मई से गिरावट का दौर जारी है। उम्मीीद है यह इस साल भी जारी रहेगी। सस्तेर एसयूवी के कई मॉडल आएंगे 2015 में एसयूवी का बाजार चमकेगा। इस साल मारुति सुजुकी एक्सए अल्फा, ह्युंडई ग्रांड आई10, होंडा ब्रियो कॉम्पैक्ट, सेवरले आड्रा, वॉक्स वैगन टाईगन जैसी बड़े ब्रांड्स के एसयूवी बाजार में आएंगे। ये सभी गाड़ियां 6.50 लाख से 10 लाख रुपए के बीच मिलेंगी। मोबाइल फोन से बढ़ेंगे मौके हांगकांग स्थित मार्केट रिसर्च फर्म के अनुसार 2015 की शुरुआत में ही भारत का मोबाइल फोन बाजार जापान से भी ज्याादा बड़ा हो जाएगा। यह 10 अरब डॉलर से भी ज्याादा का हो जाएगा। इससे कारोबारियों के लिए बड़े मौके निकलेंगे और इसके चलते रोजगार के भी खूब अवसर पैदा होंगे। तमाम जानकार मानते हैं कि 2015 में मोबाइल फोन कारोबार के लिहाज से बड़ा गेम प्ले करेगा। उम्मीदें इसलिए भी ...क्योंकि भारत में 2014 में 10 करोड़ स्मार्टफोन का आयात हुआ। 2015 में यह आयात बढ़कर 12.5 करोड़ होने की उम्मीद है। दैनिक वेतनभोगियों की न्यूनतम तनख्वाह होगी 15 हजार रुपए महीना केंद्र सरकार संगठित और असंगठित क्षेत्र के दैनिक वेतनभोगी के लिए 15 हजार रुपए महीने की न्यूनतम तनख्वाह तय करने की तैयारी में है। इसके लिए नेशनल मिनिमम वेजेस एक्ट 1948 में संशोधन किया जाएगा। अभी हर राज्य की दरों में है फर्क हरियाणा में अभी दैनिक वेतनभोगियों को 242 रुपए प्रतिदिन दिए जाते हैं। बिहार में यह दर 205 से 288 रुपए के बीच है। नगालैंड में सबसे कम 110 रुपए है। वहीं, तमिलनाडु में यह 300 से 346 रुपए के बीच है। पेट्रोल-डीजल के दाम और घटेंगे 2014 के जून में कच्चा तेल 115 डॉलर प्रति बैरल पर था। 31 दिसंबर को यह 57 डॉलर प्रति बैरल पर था। इस दौरान सरकार ने पेट्रोल के दाम में आठ बार और डीजल की कीमत में चार बार कटौती की। चीन, यूरोप, जापान में विकास की धीमी रफ्तार से कच्चे तेल की मांग में कमी है। जबकि उत्पादन कम नहीं हुआ है। उम्मीद है कि 2015 की शुरुआत में पेट्रोल-डीज के दाम में और कमी आएगी। ई-रिटेलर्स देंगे ज्यादा डिस्काउंट 2014 िफ्लपकार्ट, अमेजन और स्नेपडील जैसे ई-रिटेलर्स के डिस्काउंट ऑफर्स के नाम रहा। 2015 में भी ई-शॉपर्स को ज्यादा अॉफर्स के साथ प्रोडक्ट्स मिलने की उम्मीद है। िफ्लपकार्ट इसके लिए 1700 करोड़ रुपए अौर अमेजन 610 करोड़ रुपए शेयर्स के जरिए इकट्‌ठा करेगी। इस राशि को डिस्काउंटेड प्रोडक्ट्स इकट्‌ठा करने और सेलर्स बेस मजबूत करने के लिए निवेश करेगी। धर्मांतरण जैसे विवाद नहीं होंगे 2014 के आखिरी महीनों में धर्मांतरण विवाद हुआ। भाजपा के कई सांसदों ने भड़काऊ बयान दिए। अब सरकार भी मान चुकी है कि उसकी छवि को इससे नुकसान पहुंचा है। इसलिए वह अमिताभ बच्चन के जरिए सरकार की धर्मनिरपेक्ष छवि का प्रचार कराना चाहती है। उम्मीद है कि 2015 में देश का धर्मनिरपेक्ष माहौल नहीं बिगड़ेगा।


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