नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों ने अपना विरोध प्रदर्शन तेज करते हुए 6 फरवरी को सभी राज्यों में चक्का जाम करने का फैसला लिया है| विगत दो माह से अधिक समय से दिल्ली के अलग-अलग हिस्सों में आंदोलनरत किसान कानून वापसी की मांग पर अड़े हुए हैं| इसके लिए किसान संगठनों ने तरह-तरह के हथकंडे अपनाकर केंद्र सरकार पर दबाब बढ़ाने की हरसंभव कोशिश में जुटे हुए हैं|
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने किसानों से शांतिपूर्ण तरीके से चक्का जाम करने की अपील की है| उन्होंने कहा कि ये जाम दिल्ली, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में चक्का जाम नहीं होगा केवल किसान ज्ञापन देंगे|
दिल्ली पुलिस के जनसंपर्क अधिकारी चिन्मय बिस्वाल ने बताया है कि विरोध प्रदर्शन में जुटे किसानों ने 6 फरवरी को 12 से 3 बजे तक चक्का जाम का प्रस्ताव रखा है| इसके लिए दिल्ली पुलिस ने पुख्ता इंतजाम किए हैं ताकि शांति व्यवस्था भंग न हो| दिल्ली के अंदर 26 जनवरी जैसे हालात उत्पन्न न हो इसलिए एहतियातन पुलिस ने बैरिकेटिंग कर कटीले तार का इस्तेमाल किया है| पर्याप्त संख्या में पुलिस और पैरामिलिट्री फोर्स के जवानों को लगाया गया है| ट्रैक्टर या अन्य वाहनों के साथ दिल्ली के अंदर आंदोलनकारी प्रवेश न करे इसके लिए पुलिस ने सड़क पर नुकीली कीलें लगाई हैं|
गाजीपुर बॉर्डर से किसान नेता जगतार सिंह बाजवा ने कहा कि आज हम ये तय करेंगे कि किस तरह से शांतिपूर्ण ढंग से ये आंदोलन करना है और संयुक्त मोर्चा की तरफ से दिशानिर्देश जारी किए जाएंगे| उन्होंने कहा कि सभी राज्य और जिलों के हाइवे पर कल चक्का जाम किया जाएगा.
इधर, नए कृषि कानून के मद्देनजर उत्पन्न विवादों को सुलझाने के लिए सर्वोच्च न्यायालय द्वारा बनाई गई कमेटी ने 9 राज्यों के 32 अलग-अलग संगठनो से वीडियो कांफ्रेसिंग और आमने-सामने बैठकर कर चर्चा की| समिति ने इस दौरान मंडी समिति, प्राइवेट मंडी समिति के लोगों से भी चर्चा की है.