लद्दाख और हिंद महासागर में पी-8I विमान अब चीन की हर चालबाजी पर रखेगा नजर

रिपोर्ट: शिलनिधि

हिन्दुस्तान की निरंतर बढ़ती सैन्य ताकत से चीन और पाकिस्तान सकपका गए हैं| इस बीच भारतीय नौसेना में पी-8I लॉन्ग-रेंज वाला समुद्री निगरानी और पनडुब्बी रोधी युद्धक विमान शामिल होने से हिंदुस्तान का बढ़ी समुद्री पराक्रम से दुश्मन देश पशोपेश में हैं| यह भारतीय नौसेना के बेड़े में शामिल होनेवाला नवां  P8-I विमान है जो एंटी सबमरीन एयरक्राफ्ट है और दुश्मन की नौसेना पर निगरानी रखता है| अब इसके बाद हिंद महासागर के साथ-साथ लद्दाख बॉर्डर पर चीन की हर चालबाजी पर नजर रखना भारत के लिए आसान हो जाएगा|

पी-8I लॉन्ग-रेंज वाला समुद्री निगरानी और पनडुब्बी रोधी युद्धक विमान ऐसे सेंसर्स और हथियारों से लैस है जो सबमरीन को निशाना बना सकता है| इससे हिंद महासागर में भारतीय नौसेना की ताकत दोगुनी हो गयी है| दरअसल, भारत और अमेरिका के बीच 1.1 अरब डालर का रक्षा समझौता हुआ है| जिसके तहत अमेरिका भारतीय नौसेना को चार पोसायडन 8आई सामुद्री निगरानी और पनडुब्बी रोधी युद्धक विमान मिलने हैं| इनमें से एक भारत को मिल गया है|

गौरलतब है कि इन दिनों 4 दिवसीय मालाबार युद्धाभ्यास चल रहा है. जिसमें  भारत समेत चार देशों की नौसेना शामिल हुई हैं. इसमें जापान, भारत, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया की नौसेनाएं शामिल हुई है. समंदर में लगातार भारत की बढ़ती ताकत से दुश्मनों में खौफ का मंजर पसरा हुआ है.

पी-8I का मुख्य काम वैसे हिंद महासागर की गतिविधियों पर नजर रखने का होता है. लेकिन भारत इन्हें लद्दाख में चीन द्वारा किए जा रहे निर्माण और उसकी हरकतों पर नजर रखने के लिए भी कर रहा है| पी-8I का रडार सिस्टम और इलेक्ट्रो-ओपटिक सेंसर सिस्टम बहुत अडवांस बताया जाता है| इसमें हारपून ब्लॉक-II मिसाइल हैं. हारपून ब्लॉक-II मिसाइल किसी भी मौसम में किसी भी जहाज का खात्मा कर सकती है. इसके अलावा एमके-54 लाइटवेट टॉरपीडो हैं और रॉकेट हैं जो दुश्मन की सबमरीन को खत्म करने में सक्षम हैं|


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