विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, दुनिया भर में फंसे भारतीयों को मदद करना हमारी ज़िम्मेदारी

रिपोर्ट: Ramesh Pandey

CII और थिंक टैंक अनंत एस्पेन सेंटर के कार्यक्रम में शामिल भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि दुनिया के कई मुल्कों में फंसे भारतीयों को मदद करना हमारी ज़िम्मेदारी है| उन्होंने कहा कि पहले भारतीयों के मन में दूतावासों के प्रति यह सोच रहा करती थी कि जिन लोगों की पैरबी है सिर्फ उन्हीं का काम होता है| हालांकि पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने जो सोशल साइट्स के माध्यम से जो पहल की उससे लोगों की काफी उम्मीदें जगी है| सुषमा स्वराज द्वारा शुरू किये गये सोशल मीडिया की सराहना कर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने यह साफ़ कर दिया है कि यह परंपरा जयशंकर भी जारी रहेगी|

बिम्सटेक और सार्क की चर्चा करते हुए एस जयशंकर ने कहा कि अधिकतर दक्षिण एशियाई देशों को पता है कि कनेक्टिविटी से दूर रहकर आगे नहीं बढ़ा जा सकता| सार्क की समस्या सबको पता है| अगर आतंकवाद को परे रखकर भी सोचें तो कनेक्टिविटी वहां पर नहीं हो पा रहा| इससे अलग बिम्सटेक में एक ऊर्जा है और वो आगे बढ़ने को तैयार है| नई सरकार के शपथग्रहण में भी बिम्सटेक देशों के प्रमुखों को आमंत्रण इसी से जुड़ा है|

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पड़ोसी देशों की चर्चा करते हुए कहा कि इस क्षेत्र में विकास की मुख्य ज़िम्मेदारी भारत की है. इससे यहां बाकियों का भी विकास होगा| पड़ोसियों के लिये दिल बड़ा रखना होगा, तब भी जब वैसा ही व्यवहार उनकी तरफ से न आए| उन्होंने इस पर बांग्लादेश से बेहतर संबंधों का भी उदाहरण दिया|

मंत्रालयों में समन्वय पर ज़ोर देते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि पिछला एक हफ़्ता जितना वक्त उन्होंने अपने मंत्रालय में नहीं बिताया उससे कहीं ज्यादा वक्त वित्त और वाणिज्य मंत्रालयों में बिताया है क्योकि ये समन्वय ज़रूरी है| अपनी ज़मीन पकड़ कर रखने वाली पुरानी सोच बदलनी होगी| उन्होंने ये भी कहा कि जैसे प्रधानमंत्री मोदी अलग-अलग प्रोजेक्ट का रिव्यू करते हैं वैसे ही वो भी विदेश मंत्रालय के प्रोजेक्ट्स का महीने में कम से कम दो बार रिव्यू करना चाहते हैं|

 


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