गृह मंत्रालय ने राजनैतिक हिंसा और चिकित्सकों की हडताल पर ममता सरकार से मांगी रिपोर्ट

रिपोर्ट: इन्द्रमोहन पाण्डेय

पश्चिम बंगाल में जारी राजनीतिक हिंसा के बीच चल रही डॉक्टरों की हड़ताल पर केंद्र ने पश्चिम बंगाल की ममता सरकार से अलग-अलग रिपोर्ट मांगी है| विगत चार वर्षों में बंगाल में जारी राजनीतिक हिंसा में अबतक करीब 160 लोग मारे गए हैं| डॉक्टरों की हड़ताल से पश्चिम बंगाल में इन दिनों चिकित्सा सेवाएं चरमरा गयी हैं| गृह मंत्रालय के द्वारा बंगाल में जारी राजनैतिक हिंसा के साथ ही चिकित्सकों के स्ट्राइक को रोकने के लिए ममता सरकार द्वारा अब तक उठाये गये कदम एवं लिए गये निर्णयों की पूरी रिपोर्ट मांगी गयी है|

वहीं इस मामले में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने सभी मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखा है और यह निर्देश दिया है कि डॉक्टरों पर हमला करने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाये| स्वास्थ्य मंत्री ने चिट्ठी में मुख्यमंत्रियों से डॉक्टरों, चिकित्सीय पेशेवरों की रक्षा करने के लिए विशिष्ट कानून लागू करने पर विचार करने को भी कहा है|

हड़ताल कर रहे जूनियर डॉक्टरों ने राज्य सचिवालय में शनिवार शाम में बैठक का ममता बनर्जी का आमंत्रण ठुकरा दिया और कहा कि मुख्यमंत्री को पहले माफी मांगनी होगी| डॉक्टरों की हड़ताल शनिवार को पांचवें दिन में प्रवेश कर गई. मुख्यमंत्री ने गतिरोध का समाधान निकालने के लिए राज्य सचिवालय में डॉक्टरों को बैठक में आमंत्रित किया था|

गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शुक्रवार को आंदोलनकारी जूनियर डॉक्टरों को राज्य सचिवालय में बैठक के लिये बुलाया जिसे डॉक्टरों ने यह कहते हुए ठुकरा दिया कि यह उनकी एकता को तोड़ने की एक चाल है| ममता ने चार दिनों से सभी राजकीय मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में सामान्य सेवाओं को बाधित करने वाले गतिरोध का हल खोजने के लिए बैठक बुलाई थी|

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने पश्चिम बंगाल में आंदोलनरत डॉक्टरों के प्रति एकजुटता जताते हुये शुक्रवार से चार दिन के राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया है और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को एक पत्र लिखकर अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवा कर्मियों के प्रति हिंसा को रोकने के लिए एक केंद्रीय कानून बनाने का आग्रह किया| आईएमए ने 17 जून सोमवार को गैर आवश्यक स्वास्थ्य सेवाएं को बंद करने वाली हड़ताल का भी आह्वान किया. शाह को लिखे एक पत्र में आईएमए ने कहा कि चिकित्सा संस्थानों और डॉक्टरों के प्रति हिंसा के खिलाफ एक केंद्रीय स्तर पर कानून बनाने का आग्रह किया|

 


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