न्याय के साथ विकास के 14 वर्ष बाद भी बिहार में स्वास्थ्य व्यवस्था बदहाल क्यों : तेजस्वी

रिपोर्ट: इन्द्रमोहन पाण्डेय

बिहार विधानमंडल के मानसून सत्र में शामिल होने पहुंचे नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधा है| सवालिया लहजे में उन्होंने कहा कि न्याय के साथ विकास की झूठी ढोल पीटनेवाली नीतीश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अपने हलफनामे में माना है कि उनके 14 वर्ष के कथित सुशासन वाले कार्यकाल में बिहार में 47% डॉक्टर, 71% नर्स, 62% लैब टेक्नीशियन और 48% फार्मासिस्ट के पद खाली पड़े हैं| सीएम बताएं कि इसका जिम्मेदार कौन है?

बता दें कि चमकी बुखार के कारण इस वर्ष हुई सैकड़ों बच्चों की मौत के मामले में नीतीश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को यह जानकारी दी है कि बिहार के सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों में स्वीकृत 12,206 पदों के लिये सिर्फ 5,205 डॉक्टर ही तैनात हैं| वही स्वीकृत स्वीकृत 19,155 पदों के मुकाबले सिर्फ 5,634 नर्सें ही तैनात हैं|

तेजस्वी यादव ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हलफनामे में नीतीश सरकार ने माना है कि उनके 14 वर्ष के कार्यकाल में बिहार में 47% डॉक्टर, 71% नर्स, 62% लैब टेक्नीशियन और 48% फार्मासिस्ट के पद खाली पड़े है। सीएम बतायें इसका ज़िम्मेवार कौन है? युवाओं को नौकरी क्यों नहीं?

दरअसल अदालत ने 24 जून को राज्य सरकार को निर्देश दिया था कि वह राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं, पोषण और साफ-सफाई को लेकर एक हफ्ते में मौजूदा स्थिति से उसे अवगत कराए| मुजफ्फरपुर में मस्तिष्क ज्वर से 100 से ज्यादा बच्चों की मौत के बाद अदालत ने यह निर्देश दिया था| इस बीमारी के संदर्भ में राज्य सरकार ने कहा कि कुल 824 मामले सामने आएं हैं और कुल 157 मौत हुई हैं|

 

 


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