लाल किले से पहली बार किसी PM ने PAK नहीं, POK का जिक्र किया: मोदी बोले- गिलगित-बलूच के लोगों का शुक्रिया

रिपोर्ट: ramesh pandey

नई दिल्ली.नरेंद्र मोदी ने इंडिपेंडेंस-डे पर तीसरी बार स्पीच दी। लेकिन ऐसा पहली बार हुआ जब किसी प्रधानमंत्री ने लाल किले से पाक के कब्जे वाले कश्मीर, गिलगित और बलूचिस्तान का जिक्र किया। उन्होंने पिछले दिनों ऑल पार्टी मीट में कहा था कि पीओके भी भारत का है। इसके बाद बलूचिस्तान के लोगों ने मोदी की तारीफ की थी। सोमवार को अपनी स्पीच में मोदी ने कहा, \'\'भारत के प्रधानमंत्री के प्रति सम्मान दर्शाने के लिए वहां के लोगों का मैं तहे दिल से शुक्रिया अदा करता हूं।\'\' मोदी ने यह भी कहा कि हम पेशावर में बच्चों के स्कूल पर हमले पर आंसू बहाते हैं, लेकिन वहां (पाकिस्तान में) आतंकियों को ग्लोरिफाई करने का काम होता है। इंसानियत को दुनिया तराजू में तौले... - मोदी ने पाकिस्तान का सीधे तौर पर नाम तो नहीं लिया लेकिन एक उदाहरण के जरिए उसे कठघरे में खड़ा किया। - उन्होंने कहा, \'\'मैं दुनिया के सामने दो चित्र रखना चाहता हूं। मैं विश्व को कहता हूं कि जरा तराजू से तौल कर देखिए। पेशावर के स्कूल में आतंकवादियों ने निर्दोष बच्चों को मौत के घाट उतार दिया। घटना पेशावर में हुई थी। घटना आतंकवाद की थी। निर्दोष बच्चों को मारा गया। ज्ञान के मंदिर को रक्तरंजित किया गया था।\'\' - \'\'इस हिंदुस्तान की संसद की आंखों में आंसू थे। हर बच्चा पेशावर के बच्चों की मौत का सदमा महसूस कर रहा था। पेशावर में मारे गए बच्चे भी हमें दुख देते थे। यही है हमारा मानवता। और जरा देख लीजिए। जब वहां आतंकियों को ग्लोरिफाई करने का काम होता है, जब निर्दोष लोग मारे जाते हैं, तो जश्न मनाए जाते हैं। ये कैसी मानवता है? ये दुनिया भली-भांति समझ लेगी।\'\' हिंसा बर्दाश्त नहीं करेगा देश - मोदी ने कहा, \'\'पहाड़ों में आतंकवाद के नाम कंधे पर बंदूक रखकर बेकसूरों को मारने का खेल चल रहा है। मैं उन नौजवानों को कहना चाहता हूं कि ये देश हिंसा को कभी सहन नहीं करेगा। ये देश आतंकवाद को सहन नहीं करेगा। ये देश कभी आतंकवाद, माओवाद के सामने नहीं झुकेगा।\'\' - \'\'मैं उन नौजवानों से कहता हूं कि अभी भी समय है। अपने माता-पिता के पास लौट जाइए। उनकी आंखों में आकांक्षाओं को देखिए। हिंसा से किसी का भला नहीं हाेगा।\'\' - \'\'जिस दिन हमने शपथ ली, उस दिन हमने सार्क देशों के नेताओं को बुलाया था। हमारा संदेश साफ था कि आस-पड़ोस के सभी देशों की साझा समस्या है गरीबी। हमने उनसे कहा कि अपनों से लड़कर हम तबाह हो चुके हैं। गरीबी से लड़ेंगे तो तबाही से तरक्की की तरफ जाएंगे। गरीबी से आजादी से बड़ी कोई आजादी नहीं हो सकती। हमारे पड़ाेसी देश का आदमी भी गरीबी से मुक्त होगा, तो हम खुशी महसूस करेंगे।\'\' बलूचिस्तान और पीओके के लोगों को तहे दिल से शुक्रिया कहा - मोदी ने हफ्तेभर के अंदर उन्होंने दूसरी बार पीओके और बलूचिस्तान का जिक्र किया। - पीएम ने कहा, \'\'पिछले कुछ दिनों में बलूचिस्तान, गिलगित, पाक के कब्जे वाले लोगों ने जिस तरह से मुझे बहुत-बहुत धन्यवाद दिया है। मेरा आभार व्यक्त किया है। मेरे प्रति सद्भावना जताई है। दूर-दूर बैठे लोग हैं।\'\' - \'\'जिस धरती को मैंने देखा नहीं, जहां के लोगों से कभी मुलाकात नहीं हुई, वे प्रधानमंत्री का आदर करते हैं तो ये मेरे सवा सौ करोड़ देशवासियों का सम्मान है। गिलगित, बलूचिस्तान और पाक के कब्जे वाले कश्मीर के लोगों का तहे दिल से शुक्रिया अदा करना चाहता हूं।\'\' पाक ने जश्न-ए-आजादी को कश्मीर के नाम कर उकसाया था - एक दिन पहले आजादी का जश्न मनाने वाले पाकिस्तान ने भारत को कश्मीर के मुद्दे पर उकसाया था। - भारत में पाकिस्तान के हाई कमिश्नर ने रविवार को कहा था- \"इस बार हम अपनी आजादी का जश्न कश्मीर के लोगों के नाम करते हैं।\" - पाक प्रेसिडेंट ने भी इस्लामाबाद में अपनी स्पीच में कश्मीर का जिक्र किया था। बलूचिस्तान और पीओके के लोगों का जिक्र क्यों -कश्मीर हिंसा पर ऑल पार्टी मीट के दौरान पीएम ने पहली बार पीओके का जिक्र किया था। - उन्होंने कहा था, \'\'कश्मीर तो भारत का अंग है ही, पीओके भी हमारा है।\'\' - इसके बाद बलूचिस्तान और पीओके के कई लोगों, समाजसेवियों ने मोदी की तारीफ की थी।


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