CM नीतीश ने देश के पहले एवं सबसे बड़े 100 बेड के शिशु गहन चिकित्सा इकाई का किया लोकार्पण

रिपोर्ट: किरन पाण्डेय

पटना : मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार के निर्देश पर सचिव सूचना एवं जन-सम्पर्क अनुपम कुमार, सचिव स्वास्थ्य लोकेश कुमार सिंह एवं अपर पुलिस महानिदेशक, पुलिस मुख्यालय जितेन्द्र कुमार ने कोरोना संक्रमण की रोकथाम को लेकर सरकार द्वारा किये जा रहे कार्यों के सम्बन्ध में अद्यतन जानकारी दी। 

    सचिव, सूचना एवं जन-संपर्क अनुपम कुमार ने बताया कि कोरोना संक्रमण की वर्तमान स्थिति को लेकर सरकार द्वारा सभी आवश्यक कार्रवाई की जा रही है| माननीय मुख्यमंत्री द्वारा लगातार इसकी समीक्षा कर आवश्यक निर्देश दिए जा रहे हैं। स्वास्थ्य सुविधाओं के सुदृढ़ीकरण एवं विस्तारीकरण को लेकर माननीय मुख्यमंत्री द्वारा पहले ही निर्देश दिया गया था, इसी क्रम में आज  स्वास्थ्य विभाग के कई महत्वपूर्ण योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास भी किया गया| माननीय मुख्यमंत्री ने आज वर्ल्ड क्लास सुविधाओं से लैस देश के पहले एवं सबसे बड़े 100 बेड के शिशु गहन चिकित्सा इकाई (PICU) अस्पताल, सदर अस्पताल मुजफ्फरपुर में बने 100 बेड के मातृ-शिशु वार्ड का उद्घाटन किया| राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल झंझारपुर, मधुबनी एवं  श्रीकृष्ण चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल मुजफ्फरपुर के भवन के उन्नयन कार्य का मुख्यमंत्री ने किया शिलान्यास।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2006 में बिहार में टीकाकरण 18 प्रतिशत था जो अब बढ़कर 86 प्रतिशत हो गया है और हमारा लक्ष्य है कि टीकाकरण के मामले में बिहार देश के पांच सर्वश्रेष्ठ राज्यों में शामिल हो। इसके अलावा  एस0के0एम0सी0एच0 मुजफ्फरपुर को भी 2,500 बेड के अस्पताल के रूप में विस्तारित किया जा रहा है। एन0एम0सी0एच पटना, ए0एन0एम0एम0सी0एच0 गया और डी0एम0सी0एच दरभंगा का भी विस्तार किया जा रहा है। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों, अनुमंडल अस्पतालों के अलावा अन्य मेडिकल अस्पतालों का भी उन्नयन कर बेहतर सुविधाएं उपलब्ध करायी जा रही हैं। पी0एम0सी0एच0 को दुनिया का सबसे अधिक 5,400 बेड वाला अस्पताल बनाया जा रहा है। आई0जी0आई0एम0एस0 पटना को 2,500 बेड, राज्य के 36 जिलों के 21 जिला अस्पतालों का विस्तारीकरण सह उन्नयन का कार्य 2022 तक पूर्ण हो जाएगा। सरकार की नीति है कि ग्रामीणों क्षेत्रों में अस्पताल निर्माण के लिए जो लोग भी जमीन दान देंगे उनके नाम पर अस्पताल का नामकरण किया जाएगा। अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों को हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के रूप में विकसित किया जाएगा। पल्स पोलियो अभियान के बेहतर संचालन के कारण बिहार में पोलियो से मुक्ति मिली है। हमारा लक्ष्य कालाजार से मुक्ति का है। इसके लिए काम किया जा रहा है|

     अनुपम कुमार ने बताया कि आज की तिथि में ब्लॉक क्वारंटाइन सेंटर्स की संख्या 7,530 है जिनमें 2 लाख 63 हजार 880 लोग आवासित हैं। ब्लॉक क्वारंटाइन सेंटर्स में अब तक 15 लाख 12 हजार 753 लोग आवासित हो चुके हैं। इनमे से 12 लाख 48 हजार 873 लोग क्वारंटाइन की निर्धारित अवधि पूरा कर अपने घर वापस जा चुके हैं। मुख्यमंत्री आपदा राहत कोष से मुख्यमंत्री विशेष सहायता योजना के अंतर्गत बाहर फंसे बिहार के 20 लाख 85 हजार 302 लोगों के खाते में प्रति व्यक्ति 1,000 रूपये की सहायता राशि भेजी जा चुकी है| उन्होंने बताया कि 1 करोड़ 42 लाख राशन कार्डधारी परिवारों के खाते में प्रति परिवार 1,000 रूपये की सहायता भेजी गयी है। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में जीविका और शहरी क्षेत्रों में एन0यू0एल0एम0 के द्वारा चिन्हित गैर राशन कार्डधारी 21 लाख सुयोग्य परिवारों के खाते में 1,000 रूपये की सहायता राशि भी अंतरित की जा चुकी है| राशन कार्ड बनाने का काम भी तेजी से आगे बढ़ रहा है और अब तक 14 लाख नये राशन कार्ड बनाये जा चुके हैं|

सचिव, सूचना एवं जन-संपर्क ने बताया कि रोजगार सृजन पर सरकार का विशेष ध्यान है और सभी संबंधित विभाग रोजगार सृजन को लेकर किये जा रहे कार्यों की निरंतर मॉनिटरिंग कर रहे हैं। लॉकडाउन पीरियड से लेकर अभी तक लगभग 4 लाख 44 हजार से अधिक योजनाओं के अंतर्गत 5 करोड़ 8 लाख से अधिक मानव दिवसों का सृजन किया जा चुका है। श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के बिहार आने की प्रक्रिया अब अंतिम चरण में है। आज 4 ट्रेनों के माध्यम से 6,600 लोग बिहार पहुंच रहे हैं, जबकि कल 10 ट्रेनों के माध्यम से 13,200 लोगों का आगमन संभावित है। इस प्रकार 5 जून तक 1,491 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के माध्यम से 20 लाख 80 हजार 800 लोग बिहार आ चुके हैं।

        स्वास्थ्य विभाग के सचिव लोकेश कुमार सिंह ने बताया कि अब तक कुल 95,473 सैंपल्स की जांच की गयी है और अब कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या 4,745 हो गयी है। पिछले 24 घंटे में कोरोना के 194 पॉजिटिव मामले सामने आये हैं। 24 घंटे में 65 लोग स्वस्थ हुए हैं और अब तक कुल 2,298 कोरोना संक्रमित मरीज ठीक होकर अपने घर वापस जा चुके हैं| बिहार के 38 जिलों में कोरोना संक्रमण के 2,417 एक्टिव मामले हैं। 3 मई के बाद बाहर से बिहार आने वाले लोगों में से 3,454 व्यक्तियों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुयी है|

    स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि होम क्वारंटाइन में रहने वाले लोगों पर भी निगरानी रखी जा रही है। डोर टू डोर स्क्रीनिंग में ऐसे व्यक्तियों की 14 दिनों तक मॉनिटरिंग भी की जा रही है। स्क्रीनिंग टीम प्रतिदिन प्रवासियों के घरों पर जाकर स्वास्थ्य की जानकारी ले रही है और ये भी देख रही है कि वे होम क्वारंटाइन की गाइडलाइन्स का अनुपालन कर रहे हैं या नहीं। साथ ही स्क्रीनिंग दल यह भी देख रहा है कि उनमें कोविड के लक्षण हैं अथवा नहीं। इस सर्वेक्षण में अब तक 5 लाख 31 हजार व्यक्तियों का सर्वेक्षण किया जा चुका है। इनमें से अब तक 233 ऐसे व्यक्ति मिले हैं जिनको खांसी, बुखार या फिर सांस लेने में कठिनाई की शिकायत है और 8 व्यक्ति कोविड-19 पॉजिटिव पाए गये हैं| सिम्टम्स वाले ऐसे प्रत्येक व्यक्ति की टेस्टिंग करायी जा रही है। ज्यादा से ज्यादा संक्रमण की पहचान करने के लिए हरसंभव प्रयास किये जा रहे हैं। अधिक से अधिक संक्रमण की पहचान किये जाने को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने सभी सिविल सर्जन और जिलाधिकारियों को भी निर्देश दिया है|

    अपर पुलिस महानिदेशक, पुलिस मुख्यालय जितेन्द्र कुमार ने बताया कि 1 जून 2020 से गृह मंत्रालय द्वारा जारी की गयी नई गाइडलाइन्स का अनुपालन कराया जा रहा है। 1 जून से अब तक कुल 11 एफ0आई0आर0 दर्ज की गयी है और 15 लोगों की गिरफ्तारियां हुयी हैं। 4,878 वाहन जब्त किये गये हैं। इससे कुल 1 करोड़ 38 लाख 5 हजार 800 रुपये की राशि जुर्माने के रूप में वसूल की गयी है। पिछले 24 घंटे में अवरोध पैदा करने के कारण 1 एफ0आई0आर0 दर्ज की गयी है और 1 व्यक्ति की गिरफ्तारी हुई है| 1,091 वाहन जब्त किये गये हैं और 23 लाख 35 हजार 500 रूपये जुर्माने के रूप में वसूल किये गये हैं। कोविड-19 से निपटने के लिये उठाये जा रहे कदमों और नई दिशा निर्देशों का पालन करने में अवरोध पैदा करने वालों के खिलाफ सख्ती से कदम उठाये जा रहे हैं।


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