जमीन से संबंधित आपसी विवाद को खत्म करना हमारा उद्देश्य है : नीतीश कुमार

रिपोर्ट: रमेश पाण्डेय

पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में 1 अणे मार्ग स्थित ‘संकल्प’ में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की समीक्षात्मक बैठक हुई। समीक्षा के दौरान राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव विवेक कुमार सिंह ने अपने प्रस्तुतीकरण में पिछली बैठक के अनुदेश एवं अनुपालन की जानकारी दी। उन्होंने लैंड रिकॉर्ड, लैंड सर्वे एवं सेटेलमेंट, लैंड कांसोलिडेशन एवं लैंड एक्यूजिशन के संबंध में किए जा रहे कार्यों के संबंध में प्रगति की विस्तृत जानकारी दी।

ऑनलाइन म्यूटेशन, स्पेशल सर्वे, अभियान बसेरा, ऑपरेशन भूमि दखल दहानी की अद्यतन स्थिति की जानकारी दी। अपनी प्रस्तुति में ऑनलाइन म्युटेशन, ऑनलाइन भू-लगान, ऑनलाइन जमाबंदी, ऑनलाईन एल0पी0सी0, परिमार्जन, ऑनलाइन रेवन्यु मैप्स के संबंध में भी जानकारी दी। उन्होंने विभाग के द्वारा किए जा रहे कार्यों को बेहतर ढंग से क्रियान्वित करने के लिए उठाए जा रहे कदमों के संबंध में भी विस्तृत जानकारी दी।

समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2005 में शुरु किए गए ‘जनता के दरबार में मुख्यमंत्री’ कार्यक्रम के दौरान ज्यादातर समस्याएं जमीन से जुड़ी हुई पायी गईं। सभी चीजों के आंकलन एवं अध्ययन के बाद नया एक्ट बनाया गया। 60 प्रतिशत से ज्यादा क्राइम भूमि विवाद के कारण होता है। राज्य में विकास के कई कार्य किए गए हैं। इससे जमीन की कीमत भी बढ़ी है। कुछ लोग जमीन की धांधली के कार्य में भी लिप्त हैं। हमलोगों का उद्देश्य जमीन से संबंधित आपसी विवाद को खत्म करना है इसलिये ऐसा उपाय किया जाय कि कोई जमीन के स्वामित्व में गड़बड़ी न कर सके। समाज में शांति रहने से विकास का वास्तविक लाभ लोगों को मिल पाएगा। उन्होंने कहा कि जमीन से संबंधित समस्याओं के समाधान के लिए महीने में एक बार जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक, 15 दिनों में एक बार एस0डी0ओ0 और एस0डी0पी0ओ0 तथा सप्ताह में एक दिन अंचल अधिकारी एवं थानाध्यक्ष निश्चित रूप से बैठक करें। जो भी गड़बड़ी करे उस पर कार्रवाई की जाए। भूमि संबंधी समस्याओं के समाधान से समाज में और शांति स्थापित होगी। उन्होंने कहा कि गंगा के किनारों के जिलों की जो जमीन हैं, रिकॉर्ड के अनुसार जिस जिले के अंतर्गत आते हैं उन जिलों में शीघ्र हस्तांतरित किया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जमीन के ऑरिजिनल कागजात अंचल कार्यालय में रखे जाएं, उनकी स्कैनिंग भी करायी जाए ताकि रिकॉर्ड्स पूरी तरह से सुरक्षित रह सके। अंचलाधिकारी को विभागीय कार्य में ही ज्यादा उपयोग किया जाए। उन्हें आपदा के कुछ कार्यों को छोड़कर अन्य कार्यों में नहीं लगाएं। उन्होंने कहा कि लोक शिकायत निवारण कानून के अंतर्गत जमीन से संबंधित पेंडिंग पड़े कार्यों का तेजी से निपटारा करें। बेनामी जमीन की भी पहचान करें। जो चोरी छिपे कॉमर्शियल कार्य कर रहे हैं उनकी पहचान कर उन पर कॉमर्शियल टैक्स भी लगाएं। राजस्व विभाग से जुड़े सभी कर्मचारियों की बेहतर मॉनिटरिंग हो। विभाग में जरुरत के अनुसार पदों पर भर्ती की जाए ताकि काम की गुणवत्ता और गति प्रभावित न हो।

समीक्षा बैठक के दौरान राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री रामसूरत कुमार, मुख्य सचिव दीपक कुमार, विकास आयुक्त अरुण कुमार सिंह, राजस्व पर्षद के अध्यक्ष सह सदस्य त्रिपुरारी शरण, अपर मुख्य सचिव गृह एवं सामान्य प्रशासन आमिर सुबहानी, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव विवेक कुमार सिंह, प्रधान सचिव वित्त एस0 सिद्धार्थ, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, स्टॉफ सर्विस कमिशन के अध्यक्ष रवींद्र कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव मनीष कुमार वर्मा, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह सहित राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।


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