क्या आप अपने बच्चों के मोबाइल इस्तेआमाल करने की लत से हैं परेशान,

रिपोर्ट: प्रीतम दुबे

स्‍मार्टफोन आज लोगों की जिंदगी का अहम हिस्‍सा बन गया है। कुछ लोग तो शायद स्‍मार्टफोन के बिना एक दिन भी नहीं रह सकते हैं। स्‍मार्टफोन्‍स पर लोगों की इतनी निर्भरता हो गई है कि इसके बिना गाड़ी तुरंत थम जाती है। बड़ों के लिए स्‍मार्टफोन्‍स जहां जरूरत बन गए हैं, वहीं बच्‍चों के लिए ये मनोरंजन का सबसे बड़ा साधन है। लेकिन बच्‍चों की सेहत के लिए स्‍मार्टफोन कितना घातक साबित हो सकता है, ये हाल ही में हुए शोध में सामने आया है। स्‍मार्टफोन्‍स बच्‍चों की आंखों ही नहीं, बल्कि दिमाग को भी कमजोर कर रहे हैं। ऐसे में जितना हो सके, उतना स्‍मार्टफोन्‍स को अपने बच्‍चों से दूर रखें।

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ द्वारा किए गए नए शोध में यह सामने आया है कि जिन बच्चों ने दिन में सात घंटे से अधिक स्‍मार्टफोन्‍स का उपयोग किया, उनका संज्ञानात्‍मक कौशल उन बच्‍चों से कम पाया गया जिन्‍होंने दिन में दो घंटे के आसपास स्‍मार्टफोन्‍स का इस्‍तेमाल किया था। ऐसे में अगर आपका बच्चा भी स्मार्टफोन्स पर सबसे ज्यादा समय बिताता है, तो यह आपके लिए चिंता का विषय बन सकता है। वैसे शोध बताता है कि आजकल बच्‍चे टीवी देखने में जितना समय बिताते हैं, उससे दोगुना समय स्‍मार्टफोन्‍स का इस्‍तेमाल करने में करते हैं।

शोध में सामने आया कि 10 साल तक के बच्चों का 7 घंटे से ज्यादा का समय मोबाइल फोन बच्चों के दिमाग को खराब कर सकता है। इस स्टडी के जरिए इस बात का पता चला है कि ज्यादा समय मोबाइल फोन पर चिपके रहने से बच्चों के दिमाग की बाहरी परत(कॉर्टेक्स) पतली पड़ जाती है। इससे दिमाग की वृद्धि पर असर पड़ता है। शोध बताता है कि गैजेट्स के माध्यम से अलग-अलग स्ट्रीम द्वारा प्राप्त जानकारी मस्तिष्क के ग्रे-मैटर के घनत्व को कम कर सकती हैं, जो संज्ञान और भावनात्मक नियंत्रण के लिए जिम्मेदार है। इस डिजिटल युग में संयम ही अच्छे स्वास्थ्य की कुंजी होनी चाहिए, यानी प्रौद्योगिकी का कम से कम उपयोग होना चाहिए।

स्मार्टफोन्स का ज्यादा इस्तेमाल करने से बच्चों कान सिर्फ दिमाग खराब होता है बल्कि उनकी आंखें भी प्रभावित होती हैं। बच्चों का स्मार्टफोन्स की स्क्रीन पर ज्यादा समय बिताना आंखों में सूखेपन का कारण बन सकता है। डॉक्टर्स का कहना है कि पहले छह वर्षों में बच्चे का दिमाग तेजी से ग्रोथ करता है। ऐसे में बिना किसी मूवमेंट के बैठे रहने के बजाय बच्चों को रचनात्मक स्टिमुलेशन की जरूरत होती है। 10 मिनट से जयादा भी स्क्रीन पर फोकस करना बच्चों की दिमाग पर असर डालता है। बच्चे मोबाइल का इस्तेमाल अलग-अलग चीजों के लिए करते हैं जिनमें से हर चीज जो वह मोबाइल पर देख रहे हैं उनपर असर डालती हैं।

बच्चों को मोबाइल से ऐसे करें दूर

- स्‍मार्टफोन और अन्‍य पोर्टेबल गैजेट्स देखने का समय तय करें। अगर इस नियम को लेकर बच्‍चों पर सख्‍ती की जाए, तो कोई बुराई नहीं है।

- ध्‍यान रखें, खाते हुए और सोने से पहले बच्चों को मोबाइल फोन बिल्‍कुल भी इस्‍तेमाल करने के लिए नहीं दें। इस समय बच्चों से बातचीत करें। आमतौर पर टीवी देखते समय खाना ज्‍यादा खाया जाता है, जिससे कई समस्‍या पैदा हो सकती हैं।

- अगर आपका बच्‍चा नियमों को मानने में आनाकानी करता है, तो बच्चों के लिए जो नियम तय करें, उन्हें खुद भी फॉलो करें।


Create Account



Log In Your Account