कमाल का कप्तान: जो जिद्दी है, जो जबरदस्त है, वो धौनी है

रिपोर्ट: sabhar

धौनी आंकड़ों में यकीन नहीं करते. वे मिथक में भी भरोसा नहीं रखते. दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ वर्ल्ड कप मैच से पूर्व उन्होंने कहा था कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि भारत ने पहले कभी वर्ल्ड कप में इस प्रतिद्वंद्वी को हराया नहीं है. रविवार का मुकाबला नया होगा और उसमें पहले का प्रदर्शन मायने नहीं रखता. धौनी की अगुआई में टीम इंडिया ने अफ्रीका पर जीत न दर्ज कर पाने को मिथक को तोड़ दिया. कैप्टन कूल के नाम से पहचान बना चुके धौनी इससे पहले भी कई मिथक को ध्वस्त कर चुके हैं. उन पर एक नजर. फाइनल का मिथक धौनी के कप्तान बनने से पहले टीम इंडिया की छवि ऐसी बन गयी थी कि वह पूरे टूर्नामेंट में तो अच्छा खेलेगी लेकिन फाइनल नहीं जीत सकती. धौनी की टीम कई फाइनल में जीती. बड़े टूर्नामेंट का हौवा धौनी के आने से पहले भारत ने कई सालों से कोई बड़ा टूर्नामेंट नहीं जीता था. उन्होंने टीम को दो वर्ल्ड कप (वनडे और टी 20), चैंपियंस ट्रॉफी और एशिया कप में चैंपियन बनाया. विदेशी कप्तान की गूंज आइपीएल-1 और 2 में जब विदेशी कप्तान वाली टीम जीती तो कहा गया कि देशी कप्तान की टीम चैंपियन नहीं बन सकती. धौनी ने चेन्नई सुपरकिंग्स को दो बार चैंपियन बनाया. दक्षिण अफ्रीका का खौफ इस मिथक पर विज्ञापन तक बन गये कि भारत वर्ल्ड कप में दक्षिण अफ्रीका को हरा नहीं सकता है. धौनी की टीम ने इस बार अफ्रीकी टीम को ऐसी पटखनी दी है जिसे भारत के साथ-साथ पूरा दक्षिण अफ्रीका लंबे अरसे तक याद रखेगा. यह वर्ल्ड कप में अफ्रीका की अब तक की सबसे करारी हार है. इसमें उनकी कप्तानी का बड़ा रोल रहा. युवी बिना कैसे खेलेंगे जब वर्ल्ड कप के लिए भारत की टीम चुनी गयी तब कहा गया कि पिछले वर्ल्ड कप के हीरो युवराज सिंह के बिना टीम कैसे खेलेगी. पहले दो मैचों में ही धौनी की टीम ने इसका जवाब दे दिया है.


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