भारतीय जनतांत्रिक जनता दल ने सीएम नीतीश कुमार की मांग का किया समर्थन

रिपोर्ट: इन्द्रमोहन पाण्डेय

पटना : भारतीय जनतांत्रिक जनता दल ने जाति आधारित जनगणना कराने की वकालत करते हुए सीएम नीतीश कुमार की मांग को जायज ठहराया है| पार्टी के वरीय राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मौलाना मुख्तार अली ने कहा कि भारतीय जनतांत्रिक जनता दल शुरू से ही कास्ट बेस्ड सेन्सस का पक्षधर रही है| उन्होंने कहा कि देश के अंदर 1931 के बाद अभी तक जातीय जनगणना नही हुई है और यह समय की मांग है| जाति आधारित जनगणना होने से आबादी के अनुरूप हर क्षेत्र में सबकी भागीदारी सुनिश्चित होगी| इससे समाज में समानता का भाव कायम होगा|

गौरतलब है कि मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार ने केंद्र सरकार को अपने फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए। हमारा मानना यह है कि जाति आधारित जनगणना होनी चाहिए। बिहार विधानमंडल ने 18 फरवरी 2019 को और पुन: इसी विषय पर बिहार विधान सभा ने 27 फरवरी 2020 को सर्वसम्मति से दूसरी बार प्रस्ताव पारित कर केंद्र सरकार को भेजा गया था।  दरअसल, जदयू की यह आधिकारिक राय है कि जनगणना में जाति का कालम भी शामिल किया जाना चाहिए।

मौलाना मुख्तार ने कहा कि सबका साथ, सबका विकास का नारा देनेवाली केंद्र की मोदी सरकार जातिगत जनगणना कराने से क्यों बच रही है यह समझ से परे है| उन्होंने कहा कि इस मसले पर देश की सर्वोच्च अदालत तक ने यह कह दिया है कि अगर विकास की योजनाएं बनाई जा रही है तो वह किन लोगों के लिए बनाई जा रही है| उनकी संख्या कितनी है यह बताई जानी चाहिए| लेकिन 1931 के बाद जातिगत जनगणना हुई ही नही तो सरकार क्या बताएगी? मुख्तार अली ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का न्याय के साथ विकास का नारा और केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार का सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास का नारा तभी सार्थक होगा| जब देश के अंदर जाति आधारित जनगणना करायी जायेगी|

वही इसको लेकर आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में विधायकों की एक समिति बनाने का सुझाव दिया है। विधायकों की यह समिति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर जाति आधारित जनगणना कराने की मांग करे। बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष ने यह मांग उठाई थी|


Create Account



Log In Your Account