ICJ के 16 जजों ने कुलभूषण के पक्ष में 15-1 के बहुमत से फैसला सुनाया

रिपोर्ट: Ramesh Pandey

पाकिस्तान की सैन्य अदालत द्वारा भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को फांसी दिए जाने के मामले में इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ़ जस्टिस ने भारत के पक्ष में फैसला सुनाते हुए पाक को पुनर्विचार करने की बात कही है। सुनवाई के क्रम में अदालत के 16 जजों ने 15-1 के बहुमत से कुलभूषण की फांसी पर रोक लगा दी। कोर्ट के अध्यक्ष सोमालिया के जस्टिस अब्दुलकावी अहमद यूसुफ ने फैसला पढ़ा। उन्होंने 42 पन्नों के फैसले में कहा कि जब तक पाकिस्तान प्रभावी ढंग से अपने फैसले की समीक्षा और पुनर्विचार नहीं कर लेता है, तब तक कुलभूषण की फांसी पर रोक रहेगी। 

आईसीजे ने कहा कि पाकिस्तान ने कॉन्स्युलर एक्सेस के अधिकार को दरकिनार करते हुए भारत को कुलभूषण के लिए कानूनी प्रतिनिधि मुहैया कराने का मौका नहीं दिया। विएना संधि के तहत कॉन्स्युलर रिलेशन नियमों का भी पाकिस्तान ने उल्लंघन किया। भारत ने मई 2017 में आईसीजे के सामने यह मामला उठाया था। पाकिस्तान पर जाधव को काउंसलर न मुहैया करवाने का आरोप लगाया। भारत ने जाधव (48) के खिलाफ पाकिस्तानी सेना के ट्रायल को भी चुनौती दी। आईसीजे ने 18 मई 2017 को पाकिस्तान पर जाधव के खिलाफ फैसला आने तक किसी भी तरह की कार्रवाई किए जाने को लेकर रोक लगाई।

फरवरी में अंतर्राष्ट्रीय अदालत ने इस मामले में चार दिन सुनवाई की थी। इस दौरान भारत-पाकिस्तान ने अपनी-अपनी दलीलें दीं। भारत ने अपने केस का आधार दो बड़ी बातों को बनाया। इनमें वियना संधि के अंतर्गत काउंसलर एक्सेस और मामले को हल करने की प्रक्रिया शामिल है। भारत ने कहा है कि जाधव की मौत की सजा रद्द कर उन्हें तुरंत रिहा करने के आदेश दिए जाएं। पाकिस्तानी सेना के द्वारा सुनाया गया फैसला पूरी तरह से हास्यास्पद है। इस पर पाक ने कहा था कि भारतीय नौसेना अधिकारी जाधव एक बिजनेसमैन नहीं बल्कि एक जासूस है। पाक ने दावा कि हमारी सेना ने 3 मार्च 2016 को बलूचिस्तान से जाधव को गिरफ्तार किया था। वह ईरान से पाकिस्तान में दाखिल हुआ था।

 


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