ग्रेटर नोएडा में बननेवाला एशिया के सबसे बड़े एयरपोर्ट से 2023 में उड़ान शुरू होने की उम्मीद

रिपोर्ट: साभार

ग्रेटर नोएडा में (उत्तर प्रदेश में गौतम बुद्ध नगर जिले के जेवर में) एशिया का सबसे बड़ा एयरपोर्ट बनाने के लिए कंपनी ज्यूरिख इंटरनेशनल और नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (नियाल) के अधिकारियों के बीच करार पर हस्ताक्षर हो चुका है| इसको लेकर जल्द ही काम शुरू होनेवाला है और 2023 तक जेवर से उड़ान शुरू होने की उम्मीद है| ज्यूरिख कंपनी के कर्मचारी भारत पहुँच चुके है|

यमुना एक्सप्रेस- वे के मुख्य कार्यपालक अधिकारी अरुण वीर सिंह ने बताया कि हवाईअड्डे के निर्माण के लिए ज्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनेशनल एजी ने यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड के नाम से विशेष उद्देश्य कंपनी बनाई है. इस कंपनी और नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड के बीच हवाईअड्डे के निर्माण को लेकर करार हुआ. कोरोना वायरस संबंधी महामारी के चलते ऑनलाइन प्रेस वार्ता हुई| उन्होंने बताया कि 18 मई 2020 को ज्यूरिख कंपनी की विशेष उद्देश्य कंपनी को हरी झंडी मिली. दो जुलाई 2020 को करार करने की पहली तारीख कोरोना वायरस संबंधी महामारी की वजह से टल गई. अंतत: आज इसके लिए करार हो गया. उन्होंने बताया कि नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड में चार संस्थाएं हिस्सेदार हैं| राज्य सरकार तथा नोएडा प्राधिकरण की 37. 5 और 35. 5 प्रतिशत की हिस्सेदारी है. ग्रेटर नोएडा तथा यमुना प्राधिकरण की 12.5 और 12.5 प्रतिशत की हिस्सेदारी है. अधिकारियों ने कहा कि आज हुए करार के साथ ही जेवर से 2023 तक उड़ान शुरू होने की उम्मीद है|

कार्यक्रम में कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे और कई देशों से प्रतिनिधिमंडलों ने इसमें भाग लिया. सिंह ने बताया कि ज्यूरिख इंटरनेशनल एयरपोर्ट के अधिकारी मलेशिया और स्विट्जरलैंड से भी ऑनलाइन इस करार में शामिल हुए. उन्होंने कहा कि जेवर हवाई अड्डा बनाने के लिए कई बड़ी कंपनियों ने आवेदन किए थे, लेकिन सबसे ज्यादा राजस्व देने वाली बोली लगाकर ज्यूरिख इंटरनेशनल एयरपोर्ट ने करीब 29,500 करोड़ रुपये की नोएडा हवाई अड्डा परियोजना को हासिल कर लिया|

 

 

 


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