पेट्रोल की कीमत 100 के पार, पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने ठहराया तेल संपन्न देशों को जिम्मेवार

रिपोर्ट: शिलनिधि

देश में पेट्रोल और डीजल की खुदरा कीमतें रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है| पेट्रोल-डीजल के दाम में बढ़ोतरी के बाद पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने खेद जताते हुए इसका ठीकरा तेल संपन्न देशों पर फोड़ दिया। धर्मेंद्र प्रधान ने तेल उत्पादक देशों को कृत्रिम रूप से कीमतों में बढ़ोतरी का दोषी ठहराया| उन्होंने कहा कि हम कीमतों को लेकर चुनौतियों का सामना कर रहे हैं| उत्पादक देश तेल के उपभोग कर्ता देशों के हितों की अनदेखी कर रहे हैं।

धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा कि कोविड-19 लॉकडाउन के कारण दुनिया भर में पेट्रोलियम उत्पादों की मांग में कमी आई और पेट्रोलियम उत्पादकों को उत्पादन में कमी करनी पड़ी| तेल संपन्न देशों ने एक कृत्रिम मूल्य प्रणाली बना ली है, यह उपभोग करने वाले देशों को चुभ रही है| अब अर्थव्यवस्था फिर से उठ खड़ी हुई है और भारत लगभग कोविड-19 से पहले की स्थिति में लौट आया है| हालांकि, तेल उत्पादकों ने उत्पादन नहीं बढ़ाया है|

बोढोतरी के बाद मध्य प्रदेश सबसे अधिक दाम पर पेट्रोल बेचने वाला राज्य बन चुका है| भोपाल में पावर पेट्रोल 100.04 रुपये प्रति लीटर जबकि सामान्य पेट्रोल 96 रुपये प्रति लीटर की दर से ग्राहकों को उपलब्ध कराया जा रहा है| राजस्थान में पेट्रोल 99 रुपये प्रति लीटर और डीजल 91 रुपये प्रति लीटर, दिल्ली में पेट्रोल 88.73 और डीजल 79.06 रूपये प्रति लीटर के भाव पर पहुंच गया है| राजस्थान में पेट्रोलियम उत्पादों पर वैट की दरें सबसे अधिक है| राज्य में डीजल पर 26 रुपये प्रति लीटर के राज्य स्तरीय कर के अलवा 1,750 रुपये प्रति किलो लीटर का सड़क उपकर लगता है| मुंबई में सामान्य पेट्रोल और डीजल की दरें क्रमश: 95.21 और 86.04 और प्रीमियम उत्पादों की दरें क्रमश: 97.99 और 89.27 रुपये लीटर हैं|

धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा कि मुझे यह कहते हुए खेद है कि तेल उत्पादक देश उपभोक्ता देशों के हितों के बारे में नहीं सोच रहे हैं| उन्होंने कृत्रिम मूल्य तंत्र का निर्माण किया है| इससे उपभोक्ता देशों को परेशानी हो रही है| मंत्री ने कहा कि हालांकि तेल उत्पादक देशों ने उत्पादन बढ़ाने के बारे में कुछ सकारात्मक बातें कही हैं|

 


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