हां, मुझे शराबबंदी का नशा है, जो पीए बिना नहीं रह सकते वे कहीं और जाएं

रिपोर्ट: ramesh pandey

पटना.बर्बाद हो जाऊंगा मगर शराबबंदी से समझौता नहीं करूंगा। विपक्ष कहता है कि मैं शराबबंदी के नशे में हूं। हां, मुझ पर शराबबंदी का नशा है। जो पीए बिना नहीं रह सकते वो कहीं और चले जाएं। चूंकि बिहार में शराब की गुंजाइश नहीं है। जिन्हें जितना मजाक उड़ाना हो, उड़ा लें। हम पीछे हटने वाले नहीं। पता है कि हमने बिड़नी के छत्ते में हाथ डाला है। यह भी पता है कि इसके पीछे कितनी ताकतवर लाॅबी है। पर, हमें इसकी परवाह नहीं। ये बातें नीतीश कुमार ने विधानसभा में मानसून सत्र के दौरान कही। जानिए विधानसभा में और क्या बोले नीतीश... - नीतीश ने कहा जिस रास्ते पर चल चुके हैं, पीछे मुड़ने वाले नहीं। नीरा निर्माण तक ताड़ी पर छूट रहेगी। आरएसएस और पीएम नरेंद्र मोदी, शराब पर अपना स्टैंड बताएं। - भाजपा हिंदुत्व की बात करती है, तो बताए कि किस ग्रंथ में शराब पीने की बात है? भाजपा, शराबबंदी की मुहिम को ध्वस्त करना चाहती है। हम ऐसा नहीं होने देंगे। - आखिर पूर्ण शराबबंदी की परिभाषा क्या है, जो इसको कामयाब बनाने वाले कानून का विरोध हो रहा है। - विधेयक को लेकर भ्रांतियां फैलाई जा रही हैं। दंड को लेकर गलत तथ्य रखे जा रहे हैं। विधेयक में दंड का प्रावधान घटाया गया है। - लोगों को परेशान करने के मामले में ही दंड को कड़ा किया गया है। विधेयक में कोई आपत्तिजनक बात नहीं है। किसी घर से शराब मिलती है, तो सिर्फ दोषी को ही दंड मिलेगा। घर में शराब वाले कानून पर ये कहा - घर में शराब है और किसी को पता ही नहीं हो, ऐसा होता है क्या? तय होना चाहिए कि दोषी कौन है? घर वालों को बताना होगा कि यह कहां से आया? इसमें गलत क्या है? - क्या कोई शराब रखे हुए है तो उसे कानून तोड़ने की छूट दे दी जाए? तो फिर यह कानून लागू ही मत कीजिए। सख्ती जरूरी है। घर के बालिगों की जिम्मेदारी है कि वे किसी सदस्य को पीने नहीं दें। - घर में शराब आएगी, तो बेटा चिल्लाएगा। पत्नी रोकेगी। बेटी मना करेगी। यह, शराब को रोकने की सामूहिक जिम्मेदारी बनाने की बात है। और इसमें यह व्यवस्था भी तो है कि बच्चा हॉस्टल में रह रहा है तो कैसे आरोपी बनेगा? - महिला आरोपी बनी, तो उसे दोषमुक्त होने में कितना समय लगेगा? महिला सशक्तीकरण का दौर है। घर में जैसे शराब आएगी, उसके जरिए पुलिस को जानकारी हो जाएगी। किसी को हिम्मत है कि शराब ले आए। - शराबबंदी पर भाजपा और उसके सहयोगियों ने इसी सदन में सहयोग का भरोसा दिया था। आज असहयोग कर रहे हैं। हम तो शराबबंदी कानून पर पहले की तरह सर्वसम्मति चाहते थे। - तीन मंत्री श्रवण कुमार, अब्दुल जलील मस्तान और शिवचन्द्र राम विपक्ष के नेताओं से मिले। सहयोग मांगा। पर, ऐसा नहीं हुआ। विपक्ष के मन में कुछ और ही चल रहा था। यह बताता है कि मामला कुछ और है। - गरीबों का नाम लेकर ये लोग चंद स्वार्थी तत्वों के हितों की रक्षा में जुटे हैं। सीमावर्ती क्षेत्रों में दुकानें खुल रही हैं। आवंटन दोगुना किया गया है। हमने झारखंड सरकार को चिट्ठी लिखी, सहयोग मांगा। नहीं मिला। - विपक्ष का आरोप बेबुनियाद है कि इस कानून से पुलिस राज आ जाएगा। हमने पुलिस व उत्पाद अधिकारियों के लिए कड़े प्रावधान किए हैं। वे किसी को परेशान नहीं कर सकेंगे। - विधेयक में इनके लिए सजा बढ़ाई गई है। निर्दोष को परेशान करने पर तीन साल तक की सजा और एक लाख तक का जुर्माना हो सकता है। हमने तो परेशान करने वालों को 48 घंटे में बर्खास्त किया है। ताड़ी पर सीएम ने ये कहा - ताड़ी, नशा के दायरे में आता है। इस पर प्रतिबंध स्वाभाविक है। हां, नीरा पर रोक नहीं होगी। जब तक ताड़ी व्यवसाय से जुड़े लोगों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था नहीं होगी और नीरा निर्माण शुरू नहीं हो जाएगा, ताड़ी पर छूट दी जाएगी। - नीरा से चाकलेट, कैंडी, सिरप, मिठाई, हलवा बनाया जाएगा। यह ताड़ी व्यवसाय से जुड़े लोगों की आमदनी कई गुना बढ़ा देगा। - गुजरात में डॉक्टरी सलाह पर शराब पीने की छूट है। हमने ऐसा नहीं किया है। करूंगा, तो दुकान तो खोलनी पड़ेगी। शराब आएगी। शराब आएगी, तो दाएं-बाएं भी होगी। - एक केंद्रीय राज्यमंत्री का बयान पढ़ा-शराब की होम डिलीवरी हो रही है। कहां हो रही है, कौन कर रहा है, बताइए। नहीं बताएंगे तो यही माना जाएगा कि वे शासन, पुलिस की मदद नहीं कर रहे हैं या फिर होम डिलीवरी कराने या इसकी सुविधा लेने में शामिल हैं। कहा- शराबबंदी से मेरे ढेर सारे दुश्मन हो गए - भाजपा, शराबबंदी की ऐतिहासिक मुहिम को ध्वस्त कर रही है। ये क्या बात करेंगे? खाली अगर-मगर करके, जबरिया मीन-मेख निकाल कर इसे नकारने में लगे हैं। लेकिन हम ऐसा नहीं होने देंगे। - मैं जानता हूं कि शराबबंदी के काम से मेरे ढेर सारे दुश्मन हो गए हैं। शराबबंदी या इस विधेयक को लेकर महागठबंधन में कोई तकरार नहीं है। विरोधाभास भी नहीं। - लालू प्रसाद या तेजस्वी यादव ने वही बातें कही हैं, जो सच है। विपक्ष देखता रह जाएगा। कुछ नहीं होगा। हम गठबंधन धर्म का पालन करना जानते हैं। साथी दल से विमर्श के बाद ही कोई निर्णय लेते हैं। - गरीब लोग शराबबंदी से खुश हैं। यही मेरी ताकत है। खेतों में यूं ही भांग के पेड़ उगे तो थोड़े कार्रवाई होगी। पर, जो भांग की खेती करेंगे उन्हें कैसे छोड़ा जाएगा? शराबबंदी के बाद बिहार में अपराध घटे हैं। - पिछले वर्ष की तुलना में संज्ञेय अपराध में 12.7 फीसदी कमी आई है। गांवों में जाइए, शांति है। कोई हल्ला-हंगामा नहीं, मारपीट नहीं। शहरों में लहरिया कट देख रहे हैं कहीं? महिलाएं खुश हैं। - 1.19 करोड़ बच्चों के माध्यम से अभिभावकों ने शराबबंदी का संकल्प लिया। क्या यह सब बदलाव नहीं है? (मुख्यमंत्री, सोमवार को विधानसभा में बिहार मद्य निषेध और उत्पाद विधेयक 2016 पर बहस के बाद सरकार का पक्ष रख रहे थे।)


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