नयी दिल्ली/ काठमांडू : सोमवार की दोपहर सवा तीन बजे तक मृतकों की तीन देशों नेपाल, भारत व तिब्बत में संयुक्त संख्या 3818 तक पहुंच चुकी है. शाम में रायटर्स ने नेपाल के आधिकारिक सूत्र के हवाले से अपनी वेबसाइट पर खबर दी कि अकेले नेपाल में मृतकों की संख्या 3726 पहुंच चुकी है. वहां के एक एक आधिकारिक सूत्र के हवाले से इस एजेंसी ने मृतकों की संख्या 5000 तक जाने की आशंका जतायी है. वहीं, भारत व तिब्बत में अबतक आधिकारिक जानकारी के अनुसार, मृतकों की संख्या क्रमश: 72 व 20 है. हालांकि अन्य सूत्रों के हवाले से यह संख्या भारत में अधिक बतायी जा रही है. यानी इस महाभूकंप ने आधिकारिक सूत्रों से प्राप्त जानकारी के आधार पर 3818 लोगों की जिंदगी लील ली है. इससे पहले बीबीसी ने सवा तीन बजे के आसपास खबर दी है कि अकेले नेपाल में 3617 लोगों की मौत हुई है. वहीं, गृहमंत्री राजनाथ सिंह द्वारा लोकसभा में दिये गये बयान के मुताबिक देश में अबतक 72 लोगों की मौत भूकंप से हुई हैं. वहीं तिब्बत में भूकंप से 20 लोगों की मौत हुई है. इस प्रकार यह संख्या 3709 हो जाती है. वहीं, नेपाल में घायलों की संख्या 6515 बतायी जा रही है. भारत सरकार द्वारा आज नेपाल भेजे गये दो विमान वहां के हवाई अड्डे पर भारी ट्रैफिक के कारण वापस आ गये. इन दो विमानों में पानी, राहत सामग्री व एनडीआरएफ टीम के लोग थे. सोमवार को सुबह नेपाल में एक बार फिर लोगों का भरोसा डगमगा गया. यहां सुबह लगभग 6.25 बजे भूकंप के हल्के झटके एक बार फिर महसूस किये गये. हालांकि इसमें किसी जान माल के नुकसान की खबर नही है. लोग इन झटकों के बाद घर जाने से डर रह हैं. समाचार एजेंसी रायटर्स ने सुबह 10 बजे के आसपास पुलिस सूत्रों के हवाले से खबर दी थी कि नेपाल में आये भूकंप से मरने वालों की संख्या अबतक 3218 पहुंच चुकी है. वहीं, भारत में मरने वालों की आधिकारिक संख्या 66 तक पहुंच चुकी है, जबकि चीनी न्यूज एजेंसी के अनुसार, भूकंप से तिब्बत में 20 लोग मरे हैं. इस तरह तीनों देशों में मृतकों की संयुक्त संख्या अबतक 3304 तक पहुंच चुके हैं. नेपाल में भूकंप के बाद भारी बारिश से खतरा और बढ़ने की संभावना है. रह-रह कर आ रहे झटकों के कारण नेपाल में राष्ट्रीय आपादकाल लागू कर दिया गया है. नेपाल के अलावा पूर्वी भारत के कुछ क्षेत्रों में भी भारी बारिश की संभावना जतायी जा रही है. भूकंप से जिनके घर तबाह हुए हैं वे लोग खुले जगहों पर रहने के लिए मजबूर हैं ऐसे में भारी बारिश से उनकी लिए नयी परेशानियां खड़ी हो जायेंगी. मौसम विभाग ने यहां तक चेतावनी दी है कि भारी बारिश के बाद भूस्खलन भी हो सकता है. एहतियात के तौर पर हवाई अड्डा बंद कर दिया गया है. कल रात भी नेपाल में रूक रूक कर बारिश रही. बेघर और भूकंप से डरे लोग राहत भर बारिश में भीगते रहे. हालांकि भारत की तरफ से कई राहत कार्य पहुंचाये जा रहे हैं लेकिन बारिश के कारण राहत कार्य की तेजी पर असर पड़ा है. एनडीआरएफ के 300 सदस्यों को नेपाल को सौंप दिया गया है. मलबे में फंसे लोगों को बचाने की कोशिश की जा रही है. आज सुबह आठ बजे आकाशवाणी के अनुसार भूकंप में अबतक 2600 लोगो के मारे जाने की खबर है वहीं 6000 से ज्यादा लोगों के घायल होने की भी खबर है. अस्पताल मरीजो से भरे हैं लाश रखने की जगह नहीं है. एयरपोर्ट में अफरा तफरी मची है. यहां आंतरिक दूरसंचार व्यवस्था ठप है. भारत यहां राहत पहुचाने की हर संभव कोशिश कर रहा है एनडीआरएफ और डॉक्टरों की टीम भेजी है, लेकिन खराब मौसम के कारण राहत कार्य की तेजी पर असर पड़ रहा है. 13 सैनिक विमान जरूरी दवा और 50 टन पानी के साथ रवाना किया गया है. भारत सरकार नेपाल में लोगों को राहत पहुंचाने और ज्यादा से ज्यादा फंसे लोगों को स्वदेश वापस लाने की कोशिश में लगी है. अबतक 1417 भारतीयों को वापस निकाला गया है. इसके लिए विमान और अन्य मार्गों से लोगों को निकालने की कोशिश की जा रही है. नेपाल में अबतक दो हजार से ज्यादा लोगों के मरने की खबर है. भूकंप के बाद काठमांडू शहर में चारो तरफ अंधेरा है यहां इलेक्ट्रीसिटी नहीं है, लोग मदद की गुहार लगा रहे हैं. मौसम विभाग ने भी लोगों को चेतावनी दी है कि अगले 48 घंटे भारी बारिश की आशंका है. एक तरफ नेपाल में पहले ही भूकंप से हालात खराब है दूसरी तरफ अगले 48 घंटे भारी बारिश से जानमाल का नुकसान और बढ़ सकता है. गौरतलब है कि कल( रविवार) मौसम विभाग के प्रमुख एल.एस. राठौर ने कहा था कि अगले 24 घंटे में नेपाल में भारी बारिश की संभावना है. इससे भूस्खलन की संभावना बढ़ जाती है. राठौड़ ने कहा था कि नेपाल में लंबे समय से भूकंप नहीं आया था, इसलिए इसकी संभावना बनी हुई थी. पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय मंत्रालय ने भी कहा, \'27 अप्रैल और 28 अप्रैल को मौसम खराब रहने की ज्यादा संभावना है और खासकर नेपाल के पूर्वी हिस्से में यह ज्यादा खराब रह सकता है.