अपनी सरकार को लेकर क्यों चिंतित हैं पीएम मोदी?

रिपोर्ट: साभार

सरकार की छवि कॉरपोरेट हितैषी बनने से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बेहद चिंतित हैं। इसके सियासी असर भांपते हुए मोदी ने अभी से डैमेज कंट्रोल शुरू कर दिया है। पीएम मोदी ने संसद से लेकर पार्टी के भीतर इस बात की सफाई दी है कि उनकी सरकार कॉरपोरेट हितैषी नहीं बल्कि आम जन की हितैषी है। सरकार के छवि को लेकर जनता में बन रही गलत धारणा से मुंकाबला करने की कमान भी खुद पीएम ने संभाली है। भाजपा संसदीय दल की बैठक में पार्टी सांसदों के सामने अपने अंदाज में सफाई पेश करने के बाद पीएम मोदी ने सदन में भी सरकार के कामकाज का बचाव किया है। मोदी ने कहा कि वे कॉरपोरेट या रईसों के लिए नहीं, गरीबों के लिए काम कर रहे हैं। इससे पहले मंगलवार सुबह भाजपा संसदीय दल की बैठक को संबोधित करते हुए पीएम ने भाजपा सांसदों से कहा है कि वे आम बजट के उपलब्धियों को लेकर जनता में जायें। सूत्रों के अनुसार पीएम ने सांसदों से कहा कि सरकार की छवि कॉरपोरेट हितैषी बनती जा रही है। जबकि सरकार ने कई अहम काम किए हैं। उन्होंने सांसदों से कहा कि वे अपने क्षेत्र में होली मनाने के साथ बजट के उपलब्धियों को जनता में बताएं। उन्होंने अपने सांसदों से आम बजट के उपलब्धियों की पुस्तिका छपवाकर जनता में बांटने को कहा है। साथ ही सांसदों को पीएम मोदी के भाषण की सीडी दी गई है। जो उन्होंने राष्ट्रपति अभिभाषण पर धन्यवाद चर्चा में लोकसभा में दिया था। वित्त राज्य मंत्री ज्यंत सिन्हा ने बजट की उपलब्धियों से सांसदों से अवगत कराया। मगर सरकार में आर्थिक सुधारों की भूख देखकर खुद भाजपा सांसद भी मोदी सरकार की छवि को लेकर दुविधा में हैं। उन्हें विपक्ष के आरोपों में दम नजर आने लगा है। पार्टी के एक सांसद ने कहा कि एकओर पीएम मोदी ने कॉरपोरेट हितैषी छवि को लेकर सुबह अपने सांसदों को सफाई दिए। लेकिन थोड़ी देर बाद ही लोकसभा में सरकार ने खान और खनिज संशोधन विधेयक 2015 पारित कराया। जिसका मूल ही कॉरपोरेट हितैषी है। अधिनियम पारित समय विपक्ष ने सरकार पर कॉरपोरेट हितैषी आरोप लगाते हुए लोकसभा की कार्यवाही का बहिष्कार किया। विपक्ष का आरोप था कि पांच सरकार के लिए चुनी जाने वाली कोई सरकार कॉरपोरेट को खान और खनिज की लीज पचास साल के लिए कैसे दे सकती है। वहीं सदन में सांसदों की उपस्थिति को लेकर भी भाजपा सांसदों पर पीएम मोदी का असर नहीं हो रहा है। सदन में सांसदों की अनुपस्थिति ने संसदीय कार्य मंत्री वेंकैया नायडू की परेशानी बढ़ा दी है। संसदीय दल की बैठक में पीएम मोदी कि मौजूदगी में वेंकैया ने कहा कि वे सांसदों की उपस्थिति को लेकर कई बार बैठक में चर्चा कर चूके हैं। लेकिन सांसदों पर नसीहत का असर नहीं है। नायडू ने बीते सप्ताह की उपस्थिति पत्र का हवाला देते हुए दिनवार हवाला दिया की किस दिन कितने सांसद सदन में उपस्थित हुए। पीएम मोदी पहले ही सांसदों से अपील कर चूके हैं कि वे सत्र के दौरान सदन में मौजूद रहें।


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