ये हैं वो चीजें जिन्होंने भारत को दिलाई ऐतिहासिक जीत

रिपोर्ट: sabhar

नई दिल्ली। टीम इंडिया ने विश्व कप इतिहास में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ अब तक एक भी मुकाबला नहीं जीता था लेकिन आज मेलबर्न के मैदान पर मिली जीत ने इस हार के सिलसिले को तोड़ा और धौनी के धुरंधरों ने नया इतिहास रचा। 130 रनों से मिली इस शानदार जीत को लंबे समय तक याद रखा जाएगा। आइए जानते हैं इस मैच की कुछ खास ऐसी चीजें जिसने भारत को इतिहास रचने का मौका दिया, कुछ ऐसे कारण जिसने टीम इंडिया को लगातार दूसरी जीत दर्ज करने में मदद की। - गब्बर की हुंकार और वो साझेदारियांः भारत ने 9 रन के कुल स्कोर पर ही रोहित (0 रन) के रूप में अपना पहला विकेट गंवा दिया था। ये वो मौका था जब किसी एक खिलाड़ी को मोर्चा संभालना था। पाकिस्तान के खिलाफ जो काम शतकवीर विराट कोहली ने रैना और धवन के साथ मिलकर किया था। इस बार वो काम गब्बर के नाम से मशहूर टीम इंडिया के धुरंधर ओपनर शिखर धवन ने विराट और रहाणे का साथ मिलकर किया। धवन ने पहले विराट (46) के साथ दूसरे विकेट के लिए 127 रनों की साझेदारी की और फिर तीसरे विकेट के लिए रहाणे (79) के साथ 125 रनों की साझेदारी को अंजाम दिया। धवन ने ऐतिहासिक 137 रनों की पारी खेली लेकिन असल मंच खड़ा किया इन दो साझेदारियों ने जिसके दम पर टीम 300 पार जा सकी। - पावरप्ले में तूफानः भारत ने बैटिंग पावरप्ले के दौरान बिना कोई विकेट खोए धुआंधार 44 रन बनाए जो कि 2010 से अब तक एशिया के बाहर दक्षिण अफ्रीकी टीम के खिलाफ दूसरा सर्वश्रेष्ठ पावरप्ले स्कोर है। इससे पहले दक्षिण अफ्रीका के घातक गेंदबाजों के सामने ये धमाल श्रीलंका ने 2012 में किया था जब उन्होंने बिना कोई विकेट खोए 36-40 ओवर के बीच 48 रन बनाए थे। ये आज 300 पार जाने का एक बड़ा कारण बना। - 20वें ओवर में वो सबसे बड़ी चूकः दक्षिण अफ्रीकी टीम हमेशा से अपनी फील्डिंग के लिए मशहूर रही है लेकिन आज 20वें ओवर की पहली गेंद पर उन्होंने एक ऐसी चूक की जिसका बड़ा खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ा। पार्नेल के इस ओवर की पहली गेंद पर धवन ने बैकवर्ड पोइंट पर एक शॉट खेला जिस पर वहां खड़े हाशिम अमला ने कैच टपका दिया। उस समय धवन महज 53 रन पर थे। इसके बाद धवन 137 रन बनाकर ही पवेलियन लौटे। - द.अफ्रीका का ये ट्रंप कार्ड फ्लॉपः द.अफ्रीकी टीम ने विश्व कप के पहले काफी माहौल बनाते हुए ये संकेत देने की कोशिश की थी कि वेन पार्नेल उनकी टीम के ट्रंप कार्ड साबित होंगे। उनका मानना था कि स्टेन, मोर्कल और फिलेंडर के अलावा पार्नेल विरोधी बल्लेबाजों के लिए मुसीबत बनेंगे। शायद कप्तान एबी डिविलियर्स अपने इस गेंदबाज पर कुछ ज्यादा ही भरोसा कर गए और उनसे 9 ओवर करवा डाले। नतीजा ये रहा कि पार्नेल ने सबसे ज्यादा 85 रन लुटा डाले और एक शर्मनाक रिकॉर्ड भी बना दिया। अब वो विश्व कप इतिहास में एक मैच में सबसे ज्यादा रन लुटाने वाले दक्षिण अफ्रीकी गेंदबाज बन गए हैं। इससे पहले ये शर्मनाक रिकॉर्ड शॉन पॉलक के नाम था जिन्होंने 2007 विश्व कप में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 83 रन लुटाए थे। - एबी का वो गलत फैसलाः दक्षिण अफ्रीकी टीम के 40 रन पर दो विकेट गिर चुके थे। उसी अहम समय पर कप्तान एबी डिविलियर्स और फैफ डु प्लेसिस ने तीसरे विकेट के लिए 68 रनों की लाजवाब साझेदारी को अंजाम दे दिया था। सब इस बात से वाकिफ थे कि ये दोनों खिलाड़ी अगर टिके रहे तो 308 रनों का लक्ष्य इनके सामने कुछ नहीं था लेकिन इसी बीच 23वें ओवर में एबी ने दो रन लेने का गलत प्रयास किया जबकि गेंद फील्डर मोहित शर्मा के हाथों में आ चुकी थी। मोहित ने सीधे धौनी के हाथों में गेंद फेंकी और धौनी ने कोई चूक न करते हुए एबी को रन आउट कर दिया। ये एक बड़ा टर्निंग पोइंट साबित हुआ। - इस गेंदबाज को बहुत हल्के में लियाः कल मैच से पहले एबी डिविलियर्स ने अपने एक बयान में कहा था कि वो और उनकी टीम में रविचंद्रन अश्विन को लेकर न तो कोई खौफ है और न ही अश्विन की उन्हें ज्यादा चिंता है। एबी ने साफ कहा था कि अश्विन की गेंदें को वे आराम से खेल लेंगे इसलिए उनकी टीम का ध्यान कुछ अन्य चीजों पर केंद्रित है। शायद वे अश्विन को काफी हल्के में ले गए क्योंकि अश्विन ने भारत की तरफ से सबसे ज्यादा तीन विकेट चटकाए।


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