लोगों की मांग पर पुनः शुरू किया गया जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम : नीतीश कुमार

रिपोर्ट: शिलनिधि

पटना : जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम सम्पन्न होने के बाद पत्रकारों से बातचीत के क्रम में सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि 2006 में ही जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम की शुरुआत करायी थी| बड़े पैमाने पर लोगों का आना जाना होता था, उसी में धीरे-धीरे हमलोगों ने एक व्यवस्था कर दी कि हर महीने में तीन सोमवार को अलग-अलग विभागों की सुनवाई तय कर दी और वह निरंतर चलता रहा| हम उसमे यह एनालाइज करते थें कि आखिर कितने लोगों की शिकायतें आई और किनकी शिकायतें जेनुइन है| कितने मामलों का समाधान हुआ| इन सब चीजों को देखते हुए 2015 में मेरे मन में एक बात आई कि क्यों नही हमलोग इसके लिए एक कानून बना दे और लोगों की शिकायत के निवारण के लिए कानून बनाकर उसके लिए व्यवस्था कर दी| लोक शिकायत निवारण अधिकार कानून जब वर्ष 2016 में लागू किया और हर जगह हम अपनी यात्रा में जाते थे तो उसको देखते थे| उससे लगता था कि किस प्रकार के लोग ज्यादा आते हैं और किस-किस प्रकार की समस्याएं हैं|

नीतीश कुमार ने कहा कि जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम का जो अनुभव होता था उसके आधार पर कई और भी नियम बनाये गये| उसमे देखा गया कि जमीनी विवाद और आपसी सम्पति को लेकर सबसे ज्यादा हिंसा के मामले हुआ करते हैं| उसके समाधान का भी प्रयास किया गया| फिर जमीन का नया सर्वे कराने का काम तय किया गया जो अभी चल ही रहा है| यह सब काम करते हुए फिर मेरे मन में यह बात आई कि लोगों को इसके लिए कानूनी अधिकार दे दिया जाए| लोक शिकायत निवारण अधिकार कानून बना दिया और यह बहुत ही अच्छे ढंग से चल रहा है| दो साल तक हम कई जगहों पर गये| लेकिन उसके बाद पिछले दो वर्षों में जो हमने देखा है कि जगहों से मेरे पास यह बात आने लगी कि आप जो जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम करते थें| उसे यदि जारी रखते तो लोगों को और ज्यादा सुविधा होती क्योकि सभी लोग नही जा पाते हैं लोक शिकायत निवारण कानून में| इसी को देखते हुए हमने पुनः यह तय किया कि पिछले बार की तरह ही हर महीने के तीन सोमवार को यह कार्यक्रम किया जाए|

मुख्यमंत्री ने कहा कि हम तो इस कार्यक्रम की पुनः शुरुआत और पहले ही करना चाह रहे थे| लेकिन सवाल था कि इस कार्यक्रम को कहाँ पर किया जाए ताकि लोगों को किसी प्रकार की असुविधा न हो| फिर यहाँ पर इसके लिए व्यवस्था की गयी| अप्रैल माह में यह तैयार हो जा रहा था और उस समय हम बार-बार आकर यहाँ देख रहे थें| हमने यह तय कर लिया था कि इस कार्यक्रम को मई महिना से शुरू करेंगे| लेकिन आप जानते हैं कि अप्रैल में फिर कोरोना का दौर आ गया| उसके चलते यह संभव नहीं था| हमलोग उसमे लग गये और जब धीरे-धीरे कोरोना संक्रमितों की संख्या घटी तो हमलोगों ने यह सोच लिया कि इस कार्यक्रम को पुनः प्रारंभ करनी चाहिए| आज ही देखिये कितनी तरह की समस्या लेकर लोग आ रहे हैं| ऐसी बहुत सारी चीजें तय हैं लेकिन आखिर अभी तक वह क्यों नही हुआ| क्यों झेलना पड़ रहा है| हम एक-एक चीज को देख रहे हैं|

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमलोगों को लगा कि लोक शिकायत निवारण कानून तो है ही लेकिन लोगों की बातें भी सुननी चाहिए| नई चीजों को लेकर भी लोग आ रहे हैं और विभिन्न विभागों से संबंधित जो काम है वह क्यों नही हुआ? इन सब बातों को हम सुन रहे हैं| चुकी कोरोना का दौर है इसे देखते हुए इसमें ऐसी व्यवस्था बनाई गयी है शिकायतकर्ता का संबंधित जिले में कोरोना संक्रमण का जाँच कराकर उन्हें इस कार्यक्रम में भेजा जा रहा है ताकि कोई कोरोना का पॉजिटिव व्यक्ति कार्यक्रम में नही आए| फिर उन्हें घर तक पहुंचाने की व्यवस्था भी की गयी है| कोरोना का दौर खत्म होते ही पहले की तरह जितना चाहे लोग इस कार्यक्रम में शामिल हो सकते हैं|

आरसीपी सिंह को बधाई पर बोले नीतीश, जाकर उन्हीं से पूछ लें
आरसीपी सिंह हमारे पार्टी के हैं उन्हें हम कैसे नही बधाई दिए| ऐसे ही कुछ लोग बोलता रहता है| पार्टी में कोई इश्यू नही है| बधाई दिए कि नही जिन्हें जानना है वह जाकर उन्ही से पूछ लें| ऐसे ही तरह-तरह की बात लोग बोलता रहता है| ऐसी- ऐसी चीजों की चर्चा होती है जिसका कोई तुक नही है| ऐसी कोई बात नही है|


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