PM मोदी ने की 'मन की बात', कहा - आत्मनिर्भर भारत के लिए वर्ल्ड लेवल के प्रोडक्ट बनाना जरूरी

रिपोर्ट: शिलनिधि

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को रेडियो पर इस साल की आखिरी मन की बात की। मोदी ने कहा कि चार दिन बाद नया साल शुरू होने वाला है। कई लोगों ने फोन पर अपनी बात बताई। ज्यादातर बातों में बीते वर्षों के अनुभव और नए साल के संकल्प हैं। इस साल कई चुनौतियां और संकट आए, लेकिन देश में नया सामर्थ्य पैदा हुआ है। आत्मनिर्भर भारत के लिए वर्ल्ड लेवल के प्रोडक्ट बनाना जरूरी है। इस नई सामर्थ्य का नाम आत्मनिर्भरता है| देश में बने खिलौनों की मांग बढ़ रही है| उन्होंने कहा कि जब जनता कर्फ्यू जैसा अभिनव प्रयोग, पूरे विश्व के लिए प्रेरणा बना, जब ताली-थाली बजाकर देश ने हमारे कोरोना वॉरियर्स का सम्मान किया था, एकजुटता दिखाई थी वह आज भी लोगों के स्मरण में है| मैंने देश में आशा का एक अद्भुत प्रवाह भी देखा है. चुनौतियां खूब आई, संकट भी अनेक आए| कोरोना के कारण दुनिया में सप्लाई चेन को लेकर अनेक बाधाएं भी आई, लेकिन हमने हर संकट से नए सबक लिए. 

प्रधानमंत्री ने कहा कि जीरो इफेक्ट, जीरो डिफेक्ट की सोच के साथ काम करने का ये उचित समय है| देश के लोगों ने मजबूत कदम आगे बढ़ाया है और आज वोकल फॉर लोकल की आवाज घर-घर में गूंज रहा है| हमें वोकल फॉर लोकल की इसी भावना को बनाये रखना है और इसे निरंतर आगे बढ़ाना है| प्रधानमंत्री ने कहा कि आज के ही दिन गुरु गोविंद जी के पुत्रों, साहिबजादे जोरावर सिंह और फतेह सिंह को दीवार में जिंदा चुनवा दिया गया था| अत्याचारी चाहते थे कि साहिबजादे अपनी आस्था छोड़ दें, महान गुरु परंपरा की सीख छोड़ दें| लेकिन, हमारे साहिबजादों ने इतनी कम उम्र में भी गजब का साहस दिखाया, इच्छाशक्ति दिखाई| दीवार में चुने जाते समय, पत्थर लगते रहे, दीवार ऊंची होती रही, मौत सामने मंडरा रही थी, लेकिन, फिर भी वो टस-से-मस नहीं हुए| आज ही के दिन गुरु गोविंद सिंह जी की माता जी, माता गुजरी ने भी शहादत दी थी|

प्रधानमंत्री ने कहा कि वर्ष 2014 से 2018 के बीच भारत में तेंदुओं की संख्या 60 फीसदी बढ़ी| वर्ष 2019 में तेंदुओं की संख्या बढ़कर 12,852 हो गयी| भारतीय वनक्षेत्र का भी विस्तार हुआ है| माना जाता है कि अकबर के दरबार में एक प्रमुख सदस्य अबुल फजल थे जिन्होंने कश्मीर की यात्रा के बाद कहा था कि कश्मीर में एक ऐसा नजारा है जिसे देखकर चिड़चिड़े और गुस्सैल लोग भी खुशी से झूम उठेंगे| दरअसल वो कश्मीर में केसर के खेतों का उल्लेख कर रहे थे. केसर सदियों से कश्मीर से जुड़ा है. इसी साल मई में कश्मीरी केसर को जीआई टैग दिया गया है. इसके जरिए हम कश्मीरी केसर को एक ग्लोबली पॉपुलर ब्रांड बनाना चाहते हैं| श्रीमद्भागवत गीता हमें हमारे जीवन के हर सन्दर्भ में प्रेरणा देती है| गीता की ही तरह, हमारी संस्कृति में जितना भी ज्ञान है, सब, जिज्ञासा से ही शुरू होता है| वेदांत का तो पहला मंत्र ही है – ‘अथातो ब्रह्म जिज्ञासा’ अर्थात, आओ हम ब्रह्म की जिज्ञासा करें| गीता इतनी अद्भुत ग्रन्थ इसलिए है क्योंकि ये स्वयं भगवान श्रीकृष्ण की ही वाणी है|

 


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