राजद, कांग्रेस और भाकपा के नीतीश सरकार में शामिल होने को लेकर सस्पेंस बरकरार

रिपोर्ट: sabhar

पटना: बिहार के मुख्यमंत्री के तौर पर नीतीश कुमार कल शाम शपथ लेने वाले हैं लेकिन उनके सहयोगी दलों राजद, कांग्रेस और भाकपा को अभी यह फैसला करना है कि वे राज्य की सरकार में शामिल होंगे या नहीं. जीतन राम मांझी के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिए जाने के बाद राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी द्वारा जदयू विधायक दल के नए नेता नीतीश कुमार को कल शाम नयी सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किए जाने पर बिहार में पिछले 15 दिनों से चले आ रहे राजनीतिक संकट का पटाक्षेप हो गया. 130 विधायकों के समर्थन का दावा कर रहे नीतीश के साथ इस राजनीतिक संकट के दौरान राजद, कांग्रेस और भाकपा के क्रमश: 24, 5 और एक विधायक तथा एक निर्दलीय विधायक पूरी एकजुटता के साथ राजभवन एवं राष्ट्रपति भवन के बाहर खड रहे. बिहार प्रदेश कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अशोक चौधरी ने बताया कि उनकी पार्टी नीतीश कुमार के बिहार विधानसभा में बहुमत साबित करने के बाद सरकार में शामिल होने या न होने के बारे में निर्णय लेगी. उन्होंने बताया कि राज्य की वर्तमान राजनीतिक स्थिति से पार्टी आलाकमान को सूचित कर दिया गया है और बहुमत के बाद प्राप्त होने वाले निर्देश का पालन किया जाएगा. चौधरी ने कहा कि उनकी पार्टी ने नीतीश का समर्थन उनकी सरकार में शामिल होने या न होने की बुनियाद पर नहीं किया था. बिहार विधानसभा में कांग्रेस विधायक दल के नेता सदानंद सिंह की राय भी चौधरी के समान ही है. राजद के प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र पूर्वे ने कहा कि नीतीश सरकार में शामिल होने का नीतिगत निर्णय लेने के लिए पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद को अधिकृत किया गया है जो कल नीतीश के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने वाले हैं.


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