संसद की कार्यवाही में हाथापाई की कोशिश, लोकतंत्र के मंदिर को शर्मसार करनेवाली घटना: ललन यादव

रिपोर्ट: सुशांत पाठक

पटना : लोकसभा की कार्यवाही के दौरान मचे हंगामे और हाथापाई की नौबत को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए असली देशी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन यादव ने इसे लोकतंत्र के मंदिर को शर्मसार करनेवाली घटना बताया है| उन्होंने कहा कि सत्ता से बेदखल होनेवाले कांग्रेसी नेताओं की तरफ से निरंतर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ अभद्र बयानबाजी की जाती रही है जो कतई उचित नहीं है| राजनैतिक मर्यादा और गरिमा को ध्यान में रखते हुए ही टिप्पणी करना चाहिए| देश के प्रधानमन्त्री को डंडे मारने की बात हो या संसद में हाथापाई जैसी गुंडागर्दी, स्वस्थ लोकतंत्र में इस प्रकार की परंपरा या अभद्र टिप्पणी की कही कोई जगह नहीं है|

दरअसल, लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान राहुल गांधी के पूरक प्रश्न का जबाब देने के क्रम में  केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा कि मैं राहुल गांधी के उस अभद्र टिप्पणी की कड़ी निंदा करता हूँ जिसमें उन्होंने कहा था कि छह महीने बाद देश के युवा प्रधानमंत्री को डंडे मारेंगे| इसका विरोध करते हुए कांग्रेसी सांसद मणिकम टैगोर सत्ता पक्ष की अग्रिम पंक्ति के पास पहुंचकर दूसरी पंक्ति में जवाब दे रहे हर्षवर्धन को हाथ दिखाकर विरोध जताने लगे| बता दें कि दिल्ली की एक चुनावी सभा में बुधवार को राहुल गांधी ने कहा था कि मौजूदा समय में जो हालात हैं उसे देखकर कहा जा सकता है कि छह महीने में प्रधानमंत्री को युवा डंडे मारेंगे|

राहुल गांधी के अभद्र और अमर्यादित बयान की घोर निंदा करते हुए श्री यादव ने कहा कि कांग्रेस का यह आचरण न केवल लोकतंत्र के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है, बल्कि यह उनकी ओछी मानसिकता को भी दर्शाता है| विरोध के लिए सिर्फ विरोध नहीं होना चाहिए| उन्होंने कहा कि सरकार की कमियों एवं नाकामियों को विरोध करने का विपक्षी दलों का संवैधानिक अधिकार है| लेकिन तरीका मर्यादापूर्ण होना चाहिए| सवालिया लहजे में ललन यादव ने कहा कि आजादी के सात दशक बाद आज भी देश के अंदर भय, भूख, भ्रष्टाचार, बेरोजगार नौजवान, किसानों की तंगहाली, जनता की बदहाली जैसे अनेकानेक समस्याएं व्याप्त हैं| इसके लिए कौन जिम्मेवार हैं और इसका निदान कौन करेगा? चर्चा इन ज्वलंत मुद्दों पर होनी चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है|

 


Create Account



Log In Your Account