पटना : कांग्रेस को निशाने पर लेते हुए भाजपा प्रवक्ता सह पूर्व विधायक राजीव रंजन ने कहा “लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद भले ही आज कांग्रेस पार्टी का नेतृत्व सोनिया गांधी के हाथों में हो, लेकिन लोग जानते हैं कि अभी भी पार्टी की अगुवाई राहुल गांधी ही कर रहे हैं. उनके नेतृत्व में लगातार मिल रही हार और क्षेत्रीय दलों की पिछलग्गू बन जाने से यह साफ है कि अपने जिस युवराज के सहारे पार्टी देश में फिर से पैर जमाने की कोशिश कर रही है, उनका नेतृत्व बेहद कमजोर है और उसके कारण इनकी पार्टी कांग्रेस मुक्त भारत की ओर तेजी से बढ़ रही है. यह राहुल की राजनीतिक अदूरदर्शिता का ही परिणाम है कि दिल्ली में 15 साल तक राज करने वाली कांग्रेस विधानसभा चुनाव में एक अदद सीट के लिए तरस गयी. इसके बाद भी कांग्रेसियों में जश्न का माहौल होना, इनके मानसिक दिवालियापन को दिखाता है. वास्तव में वंशवाद और तुष्टिकरण की राजनीति पर आश्रित होने के कारण कांग्रेस पहले ही अपनी जड़ों से दूर होती जा रही थी और अब राहुल जी की झूठ बोलो और माफ़ी मांगो की नई रणनीति के कारण उनकी साख भी पूरी तरह खत्म हो गयी है.
बिहार में तो राजद के बगैर इनका वजूद ही नही है. कभी इनके समर्थन से सरकार चलाने वाली राजद ने कांग्रेस की ऐसी गत बना दी है कि कांग्रेस के नेता अपनी पैरवी के लिए कांग्रेस नेताओं के पास जाने से पहले राजद के दरबार में हाजिरी लगाते हैं. एक तरह से यहाँ इनकी दोस्ती चीन-पाकिस्तान सरीखी हो गयी है, जहां राजद चीन की भूमिका में है. कांग्रेस के नेता यह सब जानते हुए भी मुंह सिले बैठे रहते हैं क्योंकि उन्हें पता है कि अगर राजद ने उनके सर से अपना हाथ हटा लिया तो चुनाव लड़ना तो दूर की बात है उन्हें एक भी जीतने वाला प्रत्याशी तक नहीं मिलेगा. राहुल के कारण कांग्रेस परंपरागत वोट बैंक ध्वस्त हो चुका है और अब इन्हें अपना अस्तित्व बचाना भी मुश्किल हो रहा है.”