अत्यधिक चौके-छक्के से मैच हुआ उबाऊ, नियमों में बदलाव जरूरी : धौनी

रिपोर्ट: साभार

मेलबर्न : भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धौनी ने आईसीसी द्वारा बनाये गये चार क्षेत्ररक्षकों के नियम को बदलने की मांग की है. धौनी ने कहा कि मौजूदा नियमों में बदलाव होना चाहिए क्योंकि यह बल्लेबाजों के पक्ष में हैं. तेज गेंदबाजी आलराउंडर की गैरमौजूदगी में कल आस्ट्रेलिया के खिलाफ विश्व कप सेमीफाइनल में हार के दौरान धौनी को संघर्ष करते देखा गया जब उनके पांचवें गेंदबाज बायें हाथ के स्पिनर रविंद्र जडेजा रनों पर अंकुश लगाने में नाकाम रहे. धौनी बार- बार स्पष्ट करते आये हैं कि 30 गज के दायरे के बाहर चार से अधिक क्षेत्ररक्षकों को खड़ा नहीं करने के नियम से भारतीय गेंदबाजी प्रभावित हुई है. भारतीय कप्तान ने कहा, यह मेरा निजी नजरिया है, मैं चाहता हूं कि इसमें बदलाव हो.क्रिकेट के इतिहास में हमने वनडे मैचों में दोहरा शतक नहीं देखा और अब तीन साल में तीन दोहरे शतक (असल में छह) बन गये हैं. भारत की ओर से अब तक चार दोहरे शतक बने हैं जिसमें रोहित शर्मा ने दो जबकि सचिन तेंदुलकर और वीरेंद्र सहवाग ने एक- एक दोहरा शतक बनाया है. इसके अलावा वेस्टइंडीज के क्रिस गेल और न्यूजीलैंड के मार्टिन गुप्टिल ने भी एक एक दोहरा शतक जड़ा है. धौनी ने आईसीसी के इस नियम पर निशाना साधते हुए कहा, कई लोग कह सकते हैं कि अतिरिक्त क्षेत्ररक्षक के अंदर आने से अधिक खाली गेंदें फेंकी जा रही है. अगर ऐसा है तो क्षेत्ररक्षकों को बाहर रखने के विकल्प की जगह आप सभी 11 को घेरे के अंदर रख सकते हो जिससे कि और अधिक खाली गेंद हों. अपनी आक्रामक बल्लेबाजी के लिए पहचाने जाने वाले धौनी नहीं चाहते कि वनडे क्रिकेट चौकों और छक्कों का खेल बन जाये क्योंकि इससे यह उबाऊ हो जायेगा. उन्होंने कहा, हमें देखना होगा. 50 ओवर के मैच को ट्वेंटी-20 की तरह नहीं बनाइए क्योंकि बहुत सारे छक्के और चौके भी इसे काफी उबाऊ बना देंगे. भारतीय कप्तान ने कहा कि वनडे क्रिकेट का मुख्य आकर्षण यह है कि आप 15वें ओवर से लगभग 35वें ओवर तक कैसे खेलते हो क्योंकि पहले 10 और अंत के 10 ट्वेंटी-20 की तरह ही हैं. उन्होंने कहा कि वनडे क्रिकेट की असली परीक्षा यह है कि आप बीच के ओवरों में कैसे बल्लेबाजी करते हैं.


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