कप्तान बनने और संन्यास लेने के समय के 5 दुर्लभ 'संयोग'

रिपोर्ट: साभारः

विकेटकीपर-बल्लेनबाज महेंद्र सिंह धोनी ने मेलबर्न टेस्ट मैच ड्रॉ कराने के बाद अचानक टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने का फैसला कर लिया। हालांकि संन्यास लेने की घोषणा उन्होंने खुद करने के बजाए बीसीसीआई को मेल के जरिए सूचिलत करके किया और फिर वहां से धोनी के इस फैसले के बारे में सभी को जानकारी मिली। कप्तान धोनी के अचानक टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने के पीछे भले ही कई कारण बताए जा रहे हों लेकिन उनके शानदार क्रिकेट करियर और कप्तानी में टीम इंडिया को गौरवान्वित होने का मौका कई बार मिला। वह टीम के सबसे सफल टेस्ट कप्तान तो हैं और उनकी ही कप्तानी में टीम इंडिया टेस्ट रैंकिंग में पहले पायदान पर भी पहुंची थी। धोनी 2008 में पूर्ण रूप से भारतीय टेस्ट टीम के कप्तान बने। अनिल कुंबले के संन्यास लेने के बाद उन्हें टीम इंडिया की कमान सौंप दी गई थी। धोनी को जिस अंदाज में टेस्ट टीम की कप्तानी मिली थी उसी अंदाज में उन्होंने न सिर्फ अपनी कप्तानी छोड़ दी बल्कि टेस्ट क्रिकेट संन्यास भी ले लिया। कप्तान बनने और कप्तानी छोड़ने के समय के दौरान जानिए 5 दिलचस्प संयोग।महेंद्र सिंह धोनी ने 2008 में अनिल कुंबले से टीम इंडिया की कमान संभाली थी। उस समय और इस समय के बीच 6 साल से ज्यादा का वक्त गुजर गया लेकिन इस दौरान दोनों के बीच 5 दुर्लभ संयोग भी बने। आइए हम आपको बताते हैं कि धोनी के करियर से जुड़ी तब और अब के समय में ये संयोग कौन से हैं। पहला संयोग, धोनी ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज के दौरान ही भारतीय टेस्ट टीम के कप्तासन बने थे। हालांकि उस समय ऑस्ट्रेलियाई टीम भारत के दौरे पर थी। दूसरा संयोग, धोनी भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच जिस सीरीज के बीच में कप्तान बने वह भी 4 मैचों की टेस्ट सीरीज थी। तीसरा संयोग, धोनी अनिल कुंबले के 4 मैचों की टेस्ट सीरीज के तीसरे मैच के बाद टेस्ट टीम के पूर्णकालिक कप्तान बने थे। चौथा संयोग, आज से 6 साल पहले ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टीम इंडिया की अगुवाई करने वाले अनिल कुंबले ने दिल्लीब के फिरोजशाह कोटला में खेले गए तीसरे टेस्ट मैच के बाद तुरंत प्रभाव से संन्यास लेने का ऐलान कर दिया। धोनी ने भी सीरीज के बीच में तीसरा टेस्टा खत्म होने के बाद संन्याेस लेने का फैसला तुंरत प्रभाव से किया। पांचवां संयोग, धोनी ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज का तीसरा टेस्ट ड्रॉ होने के बाद बतौर कप्ताान संन्यास लेने का फैसला लिया, इससे पहले कुंबले ने भी तीसरे टेस्ट के ड्रॉ होने के बाद कप्ताान रहते हुए टेस्टा से संन्यास लिया। कुंबले के अचानक संन्यास लेने के बाद धोनी को टेस्ट टीम की पूर्णकालिक कप्तानी सौंप दी गई तो धोनी के संन्यास लेने के बाद विराट कोहली को टेस्ट टीम का कप्तान बना दिया गया।


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