RSS प्रमुख ने एकजुट रहने का दिया मंत्र तो कांग्रेस नेताओं ने खड़े किये कई सवाल

रिपोर्ट: इन्द्रमोहन पाण्डेय

महाराष्ट्र के नागपुर में आयोजित दशहरा रैली में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत की टिप्पणी को लेकर कांग्रेस नेता हमलावर हैं. वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ को आड़े हाथों लेते हुए कहा है कि तेंदुआ कभी अपना चरित्र बदल सकता है? क्या राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ कभी किसी महिला को संघ प्रमुख बनाएगा?  वहीं पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा कि संघ पहले महिलाओं को शाखा में आने की अनुमति प्रदान करे|

नागपुर में रैली के दौरान भागवत ने कहा कि भारत को सभी सामाजिक समूहों पर समान रूप से लागू एक सुविचारित, व्यापक जनसंख्या नियंत्रण नीति तैयार करनी चाहिए. उन्होंने जनसांख्यिकीय “असंतुलन” के मुद्दे को उठाया. उन्होंने यह भी कहा कि इससे अल्पसंख्यकों के लिए कोई खतरा नहीं है. भागवत ने कहा कि हमको अलग होना है, इस विचार ने देश को बहुत नुकसान पहुंचाया है. भाई-भाई बिछड़ गए, धरती खो दी, इसलिए हमें एकजुट रहना है. हमें भारत होना है. उन्होंने कहा कि हम भारत के हैं. हम भारत के पूर्वजों के हैं. हम चाहें खान-पान, संस्कृति के हिसाब से अलग हों, लेकिन समाज के लिहाज से एक हैं.

दशहरा कार्यक्रम में भागवत द्वारा की टिप्पणी के संदर्भ में एक मीडिया रिपोर्ट टैग करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर पूछा कि क्या आरएसएस एक महिला को सरसंघचालक के रूप में नियुक्त करेगा. इस रिपोर्ट के अनुसार, भागवत ने दावा किया कि उन्होंने महिलाओं के अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ी.

दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर पूछा है कि  “क्या आरएसएस बदल रहा है? क्या कोई तेंदुआ अपना चरित्र बदल सकता है? अगर वे आरएसएस के चरित्र की मूल बातें बदलने के लिए वास्तव में गंभीर हैं, तो मेरे पास मोहन भागवत जी से कुछ सवाल हैं? क्या वे हिंदू राष्ट्र के अपने एजेंडे को छोड़ देंगे?” क्या वे किसी महिला को सरसंघचालक के रूप में नियुक्त करेंगे और क्या अगला सरसंघचालक गैर कोंकास्ट/चितपावन/ब्राह्मण होगा?” उन्होंने पूछा, “क्या अति पिछड़ा वर्ग (ओबीसी)/अनुसूचित जाति (एससी)/अनुसूचित जनजाति (एसटी) का व्यक्ति सरसंघचालक के पद के लिए स्वीकार्य होगा? क्या वे आरएसएस से पंजीकृत होंगे? क्या उनके पास आरएसएस की नियमित सदस्यता होगी?” क्या आरएसएस अल्पसंख्यकों के लिए अपनी सदस्यता का द्वार खोलेगा.

दिग्विजय सिंह ने ट्वीट किया, “यदि मेरे सभी प्रश्नों/शंकाओं का उत्तर सकारात्मक रूप से स्पष्ट किया गया तो मुझे आरएसएस से कोई समस्या नहीं होगी. मोहन भागवत जी यदि आप ऐसा कर सकते हैं तो मैं आपका प्रशंसक बन जाऊंगा.”

पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने भी भागवत से सवाल पूछते हुए कहा कि आरएसएस प्रमुख भागवत जीः “कार्यबल में महिलाओं की समान भागीदारी…” की बात कही, मैं सहमत हूं. लेकिन पहले आप आरएसएस की शाखाओं में महिलाओं को अनुमति दें. आरएसएस का मतलब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ “Nationalist volunteers” है. राष्ट्रीय सेविका समिति उन महिलाओं को दर्शाती है जो “सेवा” करती हैं. क्यों ?

 


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