बिहार के हर ग्राम पंचायत में बैंकों की शाखा खोलेः मुख्यमंत्री

रिपोर्ट: Ramesh Pandey

पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना स्थित होटल मौर्या में राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति की 69 वीं त्रैमासिक समीक्षा बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि मैं हर वर्ष एसएलबीसी की बैठक में शामिल होता हूं। इस वर्ष एसएलबीसी की पहली बैठक 19 जून को थी, उस दिन नीति आयोग की बैठक में शामिल होने के लिए दिल्ली गया हुआ था। आज मुझे दूसरी बैठक में शामिल होने का मौका मिला है। उन्होंने कहा कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिले के बैंक से संबद्ध अधिकारी भी जुड़े हुए हैं जिससे बैठक की महत्वपूर्ण जानकारी उन तक पहुंच सकेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आरबीआई के डिप्टी गवर्नर ने हमसब के समक्ष बैंकिंग सिस्टम से संबंधित सार्थक जानकारी रखी है। उन्होंने कहा कि देश का सी-डी रेसियो का राष्ट्रीय औसत 75 प्रतिशत है जबकि बिहार का सी-डी रेसियो 45 प्रतिशत है। बिहार के लोगों का बैंकों पर सबसे ज्यादा भरोसा है, वे अपने बचे हुए पैसे को वे बैंक में ही जमा करते हैं। बिहार के लोग ज्यादा कर्ज लेना नहीं चाहते हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार लैंड लॉक स्टेट है, हमलोगों ने हमेशा बिहार के लिए स्पेशल स्टेटस की मांग की है। उन्होंने कहा कि यहां बड़े उद्योग नहीं लग पाते हैं लेकिन माईक्रो,स्माल एवं मीडियम स्केल इंडस्ट्रीज की संभावना है। जिसे आपलोगों के सहयोग से इसमें गति आ सकती है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार उद्योगों को प्रोत्साहित करने के लिए इंडस्ट्रीय़ल प्रमोशनल पॉलिसी के माध्यम से सहायता कर रही है। राज्य का ग्रोथ रेट 11.3 प्रतिशत है जो राष्ट्रीय औसत से एवं देश के अन्य राज्यों से अधिक है। उन्होंने कहा कि  राज्य आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ है। यहां के लोगों का व्यापार बढ़ा है, हर जगह दुकानें खुली हैं, पटना के अलावे राज्य के छोटे शहरों में भी सभी तरह के सामानों की बिक्री हो रही है। यहां की आबादी अधिक है जिसके कारण लोगों का परकैपिटा इन्कम 40 हजार से कम है। बिहार के पिछड़ेपन और गरीबी को दूर करने में  बैंकिंग सिस्टम की बड़ी भूमिका हो सकती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की आबादी नियंत्रण के लिए भी हमलोग काम कर रहे हैं। लड़कियों की शिक्षित कर प्रजनन दर को नियंत्रित करने के लिए काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य का प्रजनन दर लगभग 4 था और भी 3.2 के लगभग है। मानव विकास मिशन के लिए हमलोग विशेषज्ञों से परामर्श कर काम कर रहे हैं। तथ्यों के माध्यम से यह जानकारी मिली की अगर पत्नी मैट्रीक पास है तो राष्ट्रीय प्रजनन दर 2 था और बिहार का भी 2 था। अगर पत्नी इंटर पास है राष्ट्रीय प्रजनन दर 1.7 और बिहार का 1.7 से भी कम पाया गया है। हमलोगों ने निर्णय लिया कि हरेक ग्राम पंचायत में ऊंच माध्यमिक विद्यालय की स्थापना कर लड़कियों को 9 वें क्लास की पढ़ाईकराएंगे। 6 हजार से ज्यादा ग्राम पंचायतों में ऊंच माध्यमिक विद्यालयों की स्थापना हो चुकी है। अगले साल अप्रैल से सभी ग्राम पंचायतों में लड़कियों की 9 वें क्लास की पढ़ाई शुरु हो जाएगी। उन्होंने कहा कि लड़कियों को शिक्षित करने के लिए अन्य कई योजनाएं चलायी जा रही है। जहां पहले 9 वें क्लास में 1 लाख 70 हजार लड़कियां पढ़ती थी, साईकिल योजना की शुरुआत होने से अब लड़के और लड़कियों की संख्या बराबर हो गई है। लड़कियों के लिए पोशाक योजना भी चलायी गई हैं। लड़कियों के साईकिल चलाने से सामाजिक परिदृश्य में भी बदलाव आया है। राज्य सरकार बाल विवाह के खिलाफ भी अभियान चला रही है। हर इंटर पास अविवाहित लड़कियों को 10 हजार रुपए तथा विवाहित हो या अविवाहित स्नातक पास लड़कियों को राज्य सरकार 25 हजार रुपए देकर शिक्षित होने के लिए प्रोत्साहित कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि महिला सशक्तिकरण के लिए कई काम किए जा रहे हैं। नगर निकाय चुनाव एवं पंचायती राज चुनाव में महिलाओं को 50 प्रतिशत का आरक्षण दिया गया है। उन्होंने कहा कि पहली बार वर्ल्ड बैंक से कर्ज लेकर राज्य के 6 जिलों और 44 प्रखंडों में सेल्फ हेल्प ग्रुप का गठन किया गया जिसे जीविका नाम दिया गया और बाद में पूरे राज्य में इसे शुरु किया गया। अब तक साढ़े आठ लाख जीविका समूह का गठन किया गया है जिससे 1 करोड़ परिवार की महिलाएं जुड़ी हैं और 10 लाख जीविका समूह बनाने का लक्ष्य है। जीविका समूह से जुड़ने से महिलाओं का आत्मविश्वास बढ़ा है, बैंकिंग संबंधी जानकारी बढ़ी है और अपने परिवार की आर्थिक सहायत भी कर रही हैं। उन्होंने कहा कि जीविका समूह के लिए आपलोग विशेष ध्यान दें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार का जीएसडीपी बढ़ा है। जहां पहले बजट का आकार 25 हजार करोड़ रुपए हुआ करता था अब वह बढ़कर 2 लाख करोड़ रुपए हो गया है। राज्य में विकेंद्रीकृत तरीके से विकास किए जा रहे हैं। सड़कों के निर्माण, बिल्डिंग का निर्माण, एग्रीकल्चर सेक्टर के लिए काम और सोशल वेलफेयर सहित अन्य काम किए जा रहे हैं। शिक्षा समिति के माध्यम से राज्य के स्कूल के भवनों का निर्माण कराया गया। कई स्कूलों को अपग्रेड किया गया। इन सब कार्यों के माध्यम से लोगों को रोजगार मिला और उनकी आमदनी भी बढ़ी है। उन्होंने कहा कि माइक्रो, स्मॉल एवं मीडियम स्केल इंडस्ट्रीज को अगर आपलोगों का सहयोग मिला तो बिहार का और ज्यादा विकास होगा। उन्होंने कहा कि सरकार अपनी तरफ से निगम बनाकर छात्रों को स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड के माध्यम से शिक्षा ऋण मुहैया करा रही है। लेकिन आपलोगों को भी एजुकेशन लोन के बारे में सोचना चाहिए। वर्ष 2018-19 के लिए 50 हजार का एजुकेशन लोन का लक्ष्य़ आपने रखा था जिसमे 13901 को ही मिला है। वार्षिक साख योजना 1 लाख 45 हजार करोड़ का लक्ष्य है। जिसमें 25262 करोड़ ही हो पाया है। उन्होंने कहा कि जहां तक आपकी सुरक्षा का प्रश्न है उसमें कोई कमी नहीं रहेगी। अगर कोई बड़ा अमाउंट इश्यू कर रहे हैं तो थाने को भी सूचना दे देनी चाहिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जलवायु परिवर्तन को लेकर सभी दलों के विधान पार्षदों एवं विधायकों की मिटिंग में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि इसके लिए जल-जीवन-हरियाली अभियान चलाया जाएगा। इस अभियान को कार्य योजना बनाकर मिशन मोड में चलाया जाएगा। बिहार के बंटवारे के बाद  इसका फॉरेस्ट एरिया 7 प्रतिशत और ग्रीन एरिया 9 प्रतिशत था। उसके बाद हरियाली मिशन चलाकर 19 करोड़ पौधे लगाए गए और अब ग्रीन एरिया 15 प्रतिशत पहुंच गया है और 17 प्रतिशत के लक्ष्य के लिए हमलोग काम कर रहे हैं। इस वर्ष डेढ़ करोड़ पौधे लगाए हैं। राज्य में बाढ़ एवं सुखाड़ की स्थिति बनी रहती है, इससे प्रभावित लोगों को लोगों की सहायता हमलोग समय पर पहुंचाते हैं। उन्होंने कहा कि पईन, आहर, पोखर, तालाब के जीर्णोद्धार के काम, रेन हार्वेस्टिंग के माध्यम से जल संरक्षण के लिए काम किए जा रहे हैं। अक्षय ऊर्जा के लिए लोगों को प्रेरित किए जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार की 89 प्रतिशत आबादी गांवों में निवास करती हैं। यहां के 76 प्रतिशत लोगों के आजीविका के लिए कृषि पर निर्भर हैं। बिहार में पशु एवं मत्स्य पालन की काफी संभावनाएं हैं। इसमें अगर क्रेडिट देंगे तो लोगों को काफी मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि बिहार के लोगों को मदद कीजिए, उन्हें प्रेरित कीजिए। उन्होंने कहा कि बैंकों के ब्रांचों की संख्या को बढ़ाईये। बिहार के हर ग्राम पंचायत में बैंकों की शाखा खोलें। बिहार के हरेक ग्राम पंचायतों की आबादी 12 हजार से ज्यादा है। पंचायत सरकार भवन में उसके लिए हमलोग जगह उपलब्ध करा देंगे। इससे लोगों को काफी सुविधा होगी। हाई स्कूल के बच्चों को बैंकिंग संबंधी, फाईनान्स संबंधीजो जानकारी देने का सुझाव आपलोगों ने दिया है उसके लिए शिक्षा विभाग काम करेगा।बिहार का गौरवशाली इतिहास रहा है। आपलोगों की  मदद से जो भी संभावनाएं हैं उसका सदुपयोग होगा औऱ उससे देश को भी फायदा होगा। आज के इंटेरैक्शन से कई अच्छी बातें सामने आयेगी। मैं समझता हूं कि आरबीआई के डिप्टी गवर्नर की बातों को भी आप सब बैंकर्स ध्यान में रखकर काम करेंगे।

कार्यक्रम को आरबीआई के डिप्टी गवर्नर महेश कुमार जैन, एसबीआई के मुख्य महाप्रबंधक एम के गोयल, एसबीआई के प्रबंध निदेशक पी के गुप्ता ने भी संबोधित किया।

इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन वर्मा, ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार, उद्योग मंत्री श्याम रजक, सहकारिता मंत्री राणा रणधीर सिंह, बिहार राज्य योजना पर्षद के उपाध्यक्ष जी एस कंग, बिहार माइनॉरिटी के चेयरमैन यूनूस हुसैन हकीम,  विकास आय़ुक्त सुभाष शर्मा, डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय, वित्त विभाग के प्रधान सचिव एस के सिद्धार्थ, मुख्यमंत्री के सचिव मनीष कुमार वर्मा सहित अन्य पदाधिकारीगण एवं बैंकों से जुड़े अन्य अधिकारीगण वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिलों के अधिकारी एवं बैंकों से संबद्ध अधिकारी जुड़े हुए थे।


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