पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में आयोजित पूर्व वित्त एवं रक्षामंत्री स्वर्गीय अरुण जेटली की श्रद्धांजलि सभा में शामिल हुए| मुख्यमंत्री ने स्वर्गीय अरुण जेटली के तेल चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी|
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सबों के लिए यह बहुत दुःखद है कि अरुण जी अब इस दुनिया में नहीं रहें| उनकी मृत्यु 67 वर्ष की उम्र में हो गयी| उन्होंने जीवन भर जो काम किया उसकी चर्चा विभिन्न साथियों ने अभी की है| छात्र जीवन में उनकी सक्रियता, जेपी आंदोलन में उनकी भूमिका से हम सभी परिचित हैं| वर्ष 1998 में श्रद्धेय अटल जी की सरकार में मुझे काम करने का मौक़ा मिला| उस समय से अरुण जेटली जी से हमारा विशेष संबंध रहा है| उन्होंने कहा कि वर्ष 2005 में वे बिहार बीजेपी के प्रभारी बने| फरवरी एवं अक्टूबर-नवम्बर महीने में विधानसभा चुनाव में उनकी भूमिका को नहीं भुलाया जा सकता है| फरवरी माह के इलेक्शन में उनका ऑपरेशन और फिर वे उसी ऊर्जा से नवम्बर के चुनाव में भी अपनी भूमिका का निर्वहन किया| चुनाव के दौरान वे एक-एक चीज पर चर्चा करते थे| हम सबों को जो बिहार का सेवा करने का मौक़ा मिला है, इसके लिए उन्होंने अपनी पार्टी के लोगों एवं अन्य लोगों के साथ विमर्श कर जो परिस्थिति तैयार की उसे हम जीवन भर नहीं भूल सकते|
मुख्यमंत्री ने कहा कि अरुण जेटली विपरीत परिस्थितियों में भी विचलित नहीं होते थें| वे दुखी नहीं रहते थे| हमेशा उत्साहित होकर अपनी बात रखते थे| इस तरह का गुण मधु दंडवते जी में था| उन्होंने कहा कि अरुण जेटली जी विलक्षण प्रतिभा के धनी थे| उनके मन में जो भी तत्काल विचार आता था| उसपर वे बोलते थे, वे कुछ भी छुपाते नहीं थे, पूरी स्पष्टता के साथ हमेशा खुलकर बात करते थे| वे बिहार के रहनेवाले नहीं थे लेकिन उनका बिहार से विशेष लगाव था| बिहारियों के प्रति उनके मन में आदर का भाव था| जब भी दिल्ली जाने का मौक़ा मिलता था तो उनसे मुलाक़ात होती थी| उनके आवास पर हमेशा लोगों की भीड़ लगी रहती थी, वे सबकी बातों को गौर पूर्वक सुनते थे और उसपर सलाह देते थे|
मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ वर्षों से उनकी तबियत खराब चल रही थी, लेकिन उनकी स्मरण शक्ति पर फर्क नहीं पड़ा था| वे एक-एक बात याद रखते थे| कभी उनको परेशान नहीं देखा| ऐसे गुण वाले कम ही व्यक्ति होते है| उन्होंने कहा कि सभी जानते हैं कि इस धरती पर जो आया है, सबको जाना है, लेकिन कब जाना है, यह पता नहीं| उन्होंने कहा कि अरुण जेटली जी को अटल जी की सरकार में या वर्तमान सरकार में जो भी जिम्मेवारी मिली, उसमे उन्होंने जबर्दस्त भूमिका का निर्वहन किया| उनसे सीखने को यह मिलता है कि जो मतभेद हो, उसे बातचीत के जरिये उसका समाधान निकाला जा सकता है| उन्होंने कहा कि अरुण जेटली जी के चले जाने से मुझे बहुत तकलीफ हुई है| उन्होंने बिहार के लिए जो सहयोग किया है, उसे नहीं भूल सकते| उनके निधन से बिहार ही नहीं पूरे देश को नुक्सान हुआ है| उनकी स्मृति हमेशा बरकरार रहेगी| हम चाहते हैं कि उनके स्वभाव और उनके काम करने की शक्ति को सभी लोग याद रखें, उस रस्ते पर चले, यही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी| उन्होंने जो प्रेरणा दी है, उनके प्रति सदैव मन में श्रद्धा बनी रहेगी| मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वर्गीय अरुण जेटली जी की बिहार में प्रतिमा लगाई जायेगी और उनके जन्मदिवस को राजकीय समारोह के रूप में मनाया जाएगा|
श्रद्धांजलि सभा को उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी, बिहार भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवं केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय, केन्द्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे, ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव, कृषि मंत्री डॉ. प्रेम कुमार, पथ निर्माण मंत्री नंदकिशोर यादव, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पाण्डेय, जल संसाधन मंत्री संजय झा, बिहार लोजपा प्रदेश अध्यक्ष व लोकसभा सांसद पशुपति कुमार पारस, राज्यसभा सांसद डॉ. सीपी ठाकुर, राज्यसभा सांसद गोपाल नारायण सिंह, राज्यसभा सांसद आरसीपी सिंह, भाजपा के संगठन मंत्री नागेन्द्र जी ने भी संबोधित किया| केन्द्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मंत्री रामविलास पासवान सहित अन्य सांसदों, विधायकों, विधान पार्षदों, अन्य गणमान्य व्यक्तियों एवं बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं ने भी स्वर्गीय अरुण जेटली के तैल चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी|