पटना। मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी को रविवार को राज्यपाल केशरी नाथ त्रिपाठी ने जोरदार झटका दिया। नीतीश कुमार खेमे के 20 मंत्रियों की बर्खास्तगी को मानने से इन्कार करते हुए, उनके इस्तीफे को स्वीकार कर लिया। कैबिनेट की बैठक का बहिष्कार करने के चलते मुख्यमंत्री ने उक्त मंत्रियों को बर्खास्त करने का सिफारिश की थी, लेकिन उसके बाद ही इन मंत्रियों ने अपने पद से इस्तीफे का पत्र भेज दिया था। राज्यपाल और मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी को संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी, वित एवं वाणिज्य कर मंत्री बिजेन्द्र प्रसाद यादव, भवन निर्माण मंत्री दामोदर राउत, राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री नरेन्द्र नारायण यादव, खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री श्याम रजक, निबंधन, उत्पाद एवं मद्य निषेध मंत्री अवधेश प्रसाद कुशवाहा, समाज कल्याण मंत्री लेसी सिंह, ग्रामीण कार्य एवं संसदीय कार्य मंत्री श्रवण कुमार, स्वास्थ्य मंत्री रामधनी सिंह, सहकारिता मंत्री जय कुमार सिंह, पर्यटन मंत्री जावेद इकबाल अंसारी, पिछड़ा वर्ग एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री बीमा भारती, गन्ना उद्योग मंत्री रंजू गीता, पशु एवं मत्स्य संसाधन मंत्री बैद्यनाथ सहनी, पंचायती राज मंत्री बिनोद प्रसाद यादव रमई राम, अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री नौशाद आलम, श्रम संसाधन मंत्री दुलाल चंद गोस्वामी, भूतत्व एवं खान मंत्री रामलषण राम रमन और लघु जल संसाधन मंत्री मनोज कुमार सिंह ने अपना इस्तीफा सौंपा था। कुल 31 सदस्यीय मांझी मंत्रिमंडल में अब तक 22 मंत्रियों के हटने के बाद मंत्रियों की संख्या मुख्यमंत्री समेत अब मात्र नौ रह गई है।