हाइकोर्ट ने नीतीश को नेता का दर्जा देने पर लगायी रोक, स्पीकर ने कहा मेरा फैसला संपूर्णता में सही

रिपोर्ट: साभारः

पटना : पटना हाइकोर्ट ने स्पीकर द्वारा नीतीश कुमार को जदयू विधायक दल का नेता की मान्यता देने पर रोक लगा दी है. नीतीश कुमार को विधानसभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी ने जदयू विधायक दल के नेता की मान्यता तीन दिन पहले दी थी. अदालत ने यह निर्णय काराकाट के विधायक राजेश्वर राज की याचिका पर सुनवाई के दौरान सुनाया. अब इस मामले में अगली सुनवाई 17 फरवरी को होगी. विधायक राजेश्वर राज मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के समर्थक माने जाते हैं. उन्होंने ही नीतीश को नेता चुने जाने और विधानसभा में मान्यता देने को चुनौती दी थी. शनिवार को शरद यादव द्वारा पटना में बुलायी गयी विधायक दल की बैठक में जदयू के 110 विधायकों में से 97 विधायक शामिल हुए थे, जिन्होंने सर्वसम्मति से नीतीश कुमार को अपना नेता चुना था. हाइकोर्ट के फैसले के बाद स्पीकर उदय शंकर चौधरी ने मीडिया से कहा है कि उन्हें नहीं पता कि अदालत ने क्या कहा है, लेकिन इस संबंध में उन्होंने जो फैसला लिया है, संपूर्णता में वह उचित है. नीतीश कुमार को जदयू के विधायकों सहित राजद, कांग्रेस व वाम दल के कुल 130 विधायक का समर्थन प्राप्त है. जबकि मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी विधानसभा में बहुमत साबित करने का दावा कर रहे हैं. पहले उन्हें भाजपा से समर्थन की आस थी, लेकिन इस बीच भाजपा ने संकेत दिया है कि वह मांझी का समर्थन करने के बजाय सदन से वाक आउट करेगी. ुइधर, नीतीश कुमार आज शाम राज्य में सरकार गठन के सवाल पर राष्ट्रपति से मिलने वाले हैं और उनके समक्ष अपने समर्थक 130 विधायकों की परेड भी करायेंगे. नीतीश ने शरद यादव व लालू प्रसाद के साथ सोमवार को राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी से मुलाकात कर राज्य में सरकार बनाने का दावा करते हुए 130 विधायकों की सूची सौंपी थी. उन्होंने यह भी कहा था कि अगर राज्यपाल उन्हें सरकार गठन के लिए नहीं आमंत्रित करेंगे तो वे समर्थक विधायकों के साथ राष्ट्रपति से मिलेंगे.


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