मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भरा कमल में रंग, तो गरमा गयी बिहार की राजनीति

रिपोर्ट: ramesh pandey

पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को पटना के गांधी मैदान में आयोजित पुस्तक मेले में भाजपा के प्रतीक और चुनाव चिह्न कमल में रंग क्या भरा, पूरे बिहार की राजनीति ही गरमा गयी. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पटना के गांधी मैदान आयोजित पुस्तक मेले का उदघाटन करने पहुंचे थे. इस दौरान हाल ही में पद्म पुरस्कार से सम्मानित मधुबनी पेंटर बउआ देवी की कलाकृति के रूप में कमल को कैनवास पर उकेरा गया था. नीतीश कुमार ने मेले का उद्घाटन करने के बाद उस फूल में कूची से रंग भरा और नीचे अपना हस्ताक्षर भी किया. नीतीश की ये तस्वीर सोशल मीडिया में बड़ी तेजी से वायरल हुई. मेला के उदघाटन के दौरान उन्होंने कहा कि बिहारियों का मन और मिजाज पढ़ने का होता है और ये हमेशा से उनकी पहचान रही है. असल बिहारी का मिजाज पढ़ना ज्ञान देना और ज्ञान लेना होता है, जिसका उदाहरण हाल के दिनों में बिहार ने प्रकाश पर्व, शराबबंदी औैर मानव श्रृंखला के जरिये लोगों को देने का काम किया है. सीएम ने कहा कि बिहार के बारे में लोगों का विचार पहले कुछ और था, लेकिन ये मिजाज अब बदल रहा है. उन्होंने कहा कि पहले बिहार के प्रति लोगों के मन में नकारात्मकता थी, लेकिन अब सकारात्मक चीजें हावी हो रही हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने परीक्षा की तैयारियों को लेकर कहा कि बिहार में वायरल शब्द काफी प्रचलित है. इसका प्रचलन मैट्रिक की परीक्षा के दौरान हुआ था, लेकिन इस बार परीक्षा ठीक तरीके से आयोजित किये जाने के साथ ही परीक्षा लेने वालों पर भी सख्ती की जायेगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि पढ़ने वाले स्कूल जाये और सही से परीक्षा दें. सबकी ड्यूटी है कि बाहर से आये लोगों के बीच अपनी इमेज का ख्याल रखें और बिहार की इज्जत का भी.


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