मांझी को हटाने की कोई योजना नहीं : नीतीश

रिपोर्ट: साभारः

पटना : बिहार में सत्ताधारी जदयू में जारी अंतर्कलह के बीच पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी को हटाये जाने की किसी भी योजना को आज खारिज कर दिया. फुलवारीशरीफ में आज एक पुस्तक के लोकार्पण समारोह से इतर पत्रकारों से नीतीश ने कहा, पार्टी की जीतन राम मांझी को मुख्यमंत्री पद से हटाए जाने की कोई योजना नहीं है. उनके और मांझी के बीच सत्ता संघर्ष की अटकलों को खारिज करते हुए उन्होंने कहा, वह (मांझी) अपना काम कर रहे हैं और जदयू की मांझी को मुख्यमंत्री पद से हटाने की कोई योजना नहीं है. नीतीश ने कहा, मैंने इस्तीफा (मुख्यमंत्री पद से) देने का एक जिम्मेदाराना निर्णय लिया था और मांझी को अपना उत्तराधिकारी चुना था. इसके बाद मैने मुख्यमंत्री पद की ओर कभी मुडकर नहीं देखा. जदयू के प्रदेश प्रवक्ता अजय आलोक की प्रदेश के तीन मंत्रियों के इस्तीफे की मांग को तवज्जो नहीं देते हुए नीतीश ने कहा कि इस तरह की बातें हर दल में हुआ करती हैं और जदयू में ऐसा होना कोई अप्रत्याशित बात नहीं है. उन्होंने भाजपा पर स्थिति का लाभ उठाकर जदयू और प्रदेश सरकार पर प्रहार करने का आरोप लगाते हुए कहा, भाजपा उन पर रिमोट के सहारे मांझी सरकार को चलाने का आरोप लगा रही हैं और अब मेरे एवं अन्य नेताओं के बारे में कहते फिर रहे हैं कि हम उन्हें (मांझी) हटाने का प्रयास कर रहे हैं. नीतीश ने कहा, हमने दोहरे चरित्र के बारे में सुना था लेकिन वर्तमान स्थिति में पूरे भाजपा का दोहरा चरित्र दिखता है. पार्टी सूत्रों ने बताया कि नीतीश ने कल यहां अपने सरकारी आवास पर जदयू के नेताओं की बैठक बुलाई हैं. जदयू के प्रदेश प्रवक्ता अजय आलोक ने आज कहा था कि बिहार के तीन मंत्रियों वृषिण पटेल, नरेंद्र सिंह और नीतीश मिश्र पर भाजपा के कथनानुसार कार्य करने का आरोप लगाने तथा उनसे इस्तीफे की मांग के अपने बयान पर उन्हें पछतावा नहीं है, इसके बाद नीतीश कुमार का यह बयान आया है. बिहार के कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह ने नीतीश से कल रात उनके आवास पर मुलाकात की थी और पार्टी प्रवक्ता के खिलाफ शिकायत की थी. सिंह उन तीन मंत्रियों में शामिल हैं, जिनसे इस्तीफे की मांग की गयी थी. सिंह के बारे में चर्चा है कि वह मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी और पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बीच जारी सत्ता संघर्ष में मांझी का पक्ष ले रहे हैं. जदयू सूत्रों ने बताया कि सिंह ने इस मामले को लेकर जदयू अध्यक्ष शरद यादव से भी बातचीत की है. अन्य मंत्रियों ने भी वृषिण पटेल और नीतीश मिश्र से इस्तीफे की मांग की है. वहीं, प्रदेश के तीन मंत्रियों महाचंद्र प्रसाद सिंह, बैद्यनाथ सहनी और जावेद इकबाल अंसारी ने जदयू प्रवक्ता को सार्वजनिक तौर पर कल फटकार लगायी थी. अपने बयान पर कायम आलोक ने आज कहा, पार्टी से सरकार बनती है, लेकिन सरकार से पार्टी नहीं बनती. मैं जदयू का प्रवक्ता हूं और सरकार का नहीं. आलोक ने कहा कि इन तीनों मंत्रियों में से एक (नरेंद्र सिंह) ने पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव से मिलकर उनकी शिकायत की. उन्होंने कहा, मगर पार्टी और नेतृत्व के प्रति आस्था व्यक्त की, लेकिन दो अन्य मंत्री कहां हैं? क्या वे घोडे बेचकर सो रहे हैं. मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के मकर संक्रांति भोज पर राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के साले साधु यादव के घर जाने पर जदयू के एक अन्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने आपत्ति जतायी है. जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण ने दिल्ली से आज फोन पर बताया कि कल पटना पहुंचने पर वह सभी लोगों से बातचीत करके पार्टी के भीतर अनुशासन कडाई से लागू करेंगे. उन्‍होंने कहा कि उनकी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव ने उनसे बात की है और जदयू के भीतर एक-दूसरे पर कीचड उछाले जाने पर चिंता जतायी है तथा उस पर तुरंत रोक लगाए जाने का निर्देश दिया है. जदयू सूत्रों ने बताया कि नरेंद्र सिंह ने इस मामले को लेकर जदयू अध्यक्ष शरद यादव से भी बातचीत की है. जदयू के प्रदेश प्रवक्ता नीरज कुमार ने मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी पर प्रहार जारी रखते हुए आज कहा ह्यलगातार जो बयान आ रहे हैं वह सुशासन के अनुरुप नहीं है. विभिन्न रुपों में बयान आया है. यह तमाम सवाल विचारणीय हैं. उन्होंने कहा कि सुशासन का एजेंडा सदभाव का एजेंडा है. इस एजेंडे से कोई छेड़छाड़ नहीं हो. जदयू के नेताओं और मंत्रियों के बीच जारी आरोप प्रत्यारोप के बीच प्रदेश के एक मंत्री जयकुमार सिंह और वरिष्ठ विधायक मंजीत कुमार सिंह ने नीतीश कुमार से बिना समय गवाएं मुख्यमंत्री का पद संभालने की मांग की है.


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